Sunday - 7 January 2024 - 2:28 AM

Ranji Trophy : कप्तान बदले, कोच बदले पर रिजल्ट जीरो

सैय्यद मोहम्मद अब्बास

लखनऊ। मोहम्मद कैफ, सुरेश रैना, आरपी सिंह, प्रवीण कुमार, पीयूष चावला, कुलदीप यादव व भुवनेश्वर कुमार जैसे खिलाडिय़ों के बल पर यूपी की धमक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखने को मिलती थी।

मोहम्मद कैफ की कप्तानी में यूपी ने एकलौती खिताबी जीत हासिल की थी लेकिन उसके बाद से यूपी की टीम का लगातार बेड़ा गर्क होता दिख रहा है।

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अर्श से फर्श पर आ गई यूपी की टीम

चैम्पियन टीम एकाएक अर्श से फर्श पर आ गई। खिलाडिय़ों का यूपी से मोह भंग होता दिख रहा है। आलम तो यह है कि अब यूपी से खिलाडिय़ों का पलायन भी चरम पर है।

हालांकि आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में एक दर्जन से ज्यादा खिलाड़ी अपनी उपस्थिती दर्ज जरूर कराते हैं लेकिन रणजी के रण में वहीं खिलाड़ी फेल हो जाते हैं। कैफ, आरपी, पीयूष चावला जैसे खिलाडिय़ों ने पहले यूपी के लिए शानदार प्रदर्शन किया लेकिन बाद में उपेक्षा का शिकार होने यूपी से पलायन कर गए।

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 सुधार के नाम पर ही होता है खेल

इस दौरान सुधार करने की बात कही जाती है और इसी के तहत कोच-कप्तान को रातों-रात बदल दिया जाता है। इस वजह से यूपीसीए रणजी के हर सत्र में अच्छा प्रदर्शन का दावा जरूर करता है लेकिन हर बार की तरह रिजल्ट जीरो साबित होता है।

इसका ताजा उदाहरण अटल इकाना स्टेडियम पर देखने को मिल रहा है जहां यूपी की टीम हिमाचल प्रदेश जैसी फिसड्डी टीम के खिलाफ भी जीत छोडि़ए मैच बचाने के लिए संघर्ष करती नजर आ रही है।

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अटल स्टेडियम पर फिर फिसड्डी साबित हुआ यूपी

अंकित राजपूत की टीम ने पहले तो शानदार गेंदबाजी करते हुए हिमाचल को पहली पारी में 220 रन पर समेट दिया था लेकिन इसके बाद यूपी के बल्लेबाज हिमाचल प्रदेश के गेंदबाजों के सामने घुटने टेकते हुए केवल 119 रन का स्कोर ही बनाया।

यूपी के प्रदर्शन पर एक नजर

यूपी ने अब तक सात मुकाबले में दो जीत दर्ज की और उसके कुल 20 अंक है जबकि हिमाचल प्रदेश ने सात मुकाबले में एक जीत दर्ज कर कुल 13 अंक हासिल किये हैं।

ऐसे में इकाना स्टेडियम पर यूपी को अगर अगले दौर में पहुंचना है तो उसे हरहाल में बोनस अंक के साथ मुकाबला जीतना होगा लेकिन अभी इस मुकाबले में यूपी का प्रदर्शन बेहद खराब है।

इसी मैदान पर पिछले सत्र में सौराष्ट्र ने क्वार्टर फाइनल में यूपी को छह विकेट से पराजित कर उसके शानदार सत्र का दुखत अंत कर दिया था।

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हार पर होती है रार और फिर बदल दिया जाता कप्तान और कोच

यूपी क्रिकेट के इतिहास पर गौर करे तो यहां पर हार पर रार जरूर देखने को मिलती है लेकिन उसे ठीक करने के बजाये यूपीसीए कोच-कप्तान को बदलने में ज्यादा विश्वास रखता है।

लखनऊ के अक्शदीप नाथ को पिछले सत्र में बड़े धमाकेदार तरीके से टीम का कप्तान बनाया गया था लेकिन मौजूदा सत्र में उनको कप्तानी से हटा दिया गया और अंकित राजपूत को टीम की कमान सौंप दी गई जबकि अक्शदीप नाथ कप्तानी में यूपी की टीम क्वार्टर फाइनल तक पहुंची थी।

इतना ही नहीं बतौर बल्लेबाज भी उनका प्रदर्शन बेहद शानदार था। उन्होंने पिछले सत्र में 727 रन बनाये। इसके आलावा कोच मंसूर खान को बनाया था।

इससे पहले सुरैश रैन को कैफ की जगह कमान सौंपी गई थी लेकिन तब भी परिणाम जीरो आया था। इस दौरान कप्तान सुरेश रैना और गेंदबाज़ प्रवीण कुमार की कोच मनोज प्रभाकर  से रार देखने को मिली थी। इस वजह से मनोज प्रभाकर की कोच पद से छुट्टी कर दी गई थी।

रणजी ट्रॉफी में यूपी का अब तक प्रदर्शन

  • 2008-09 रनर-अप
  • 2007-08 रनर-अप
  • 2005-06 विजेता
  • 1997-1998 रनर-अप
  • 1977-1978 रनर-अप
  • 1939-1940 रनर-अप

इस खिलाड़ी की वजह से यूपी क्रिकेट को मिली थी नई पहचान

रणजी में यूपी के स्वर्णिम युग की बात की जाये तो ज्ञानेंद्र पांडेय व कैफ की जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया है। अगर कैफ ने यूपी को 2005-06 के सत्र में चैम्पियन बनाया था उसमें कही न कही ज्ञानेंद्र पांडेय का योगदान था। दोनों ने मिलकर कई बार यूपी को फाइनल की दहलीज तक पहुंचाया।

ज्ञानेंद्र की कप्तानी में यूपी   साल 1998 में दिलीप टॉफी, देवधर ट्रॉफी  की चैम्पियन  बनी। 2005-06 आंध्र प्रदेश के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में नाजुक मौके पर ज्ञानेंद्र ने 89 रन बनाकर यूपी को सेमी फाइनल तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया था।बतौर कोच ज्ञानेंद्र पांडेय के दौर में कैफ, रैना व आरपी सिंह जैसे खिलाड़ी चमके।

यूपी के प्रदर्शन पर क्या कहते हैं जानकार

पूर्व खिलाड़ी अशोक बाम्बी भी यूपी के इस प्रदर्शन पर हैरानी जता रहे हैं। उन्होंने खास बातचीत में कहा कि इकाना का विकेट इतना अच्छा होने के बावजूद यूपी का इस तरह का प्रदर्शन समझ से परे नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि कोच-कप्तान बदलने से समस्या हल नहीं निकलता है।

अशोक बाम्बी ने कहा कि यूपी से ही कोच होना चाहिए। बाहरी कोच की जरूरत नहीं है। उनके अनुसार सुरैश रैना के न खेलने से यूपी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। उनका अनुभव इस टीम के लिए बेहद अहम होता। बता दें कि रैना इस समय रणजी सत्र से दूरी बनाये हुए है।

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