जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना महामारी के बीच में हो रहा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव खर्च को लेकर चर्चा में है। ऐसा अनुमान जताया गया है कि यह राष्ट्रपति चुनाव अमेरिका के इतिहास का सबसे महंगा चुनाव बनने जा रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव इस बार कई मायनों में अलग है। एक ओर कोरोना महामारी तो दूसरी ओर चुनाव प्रचार में बेतहाशा खर्च। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों ने खूब चंदा जुटाया है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार महिलाओं ने दान देने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
शोध समूह ‘द सेंटर फॉर रेस्पॉनसिव पॉलिटिक्स’ ने कहा है कि पिछले राष्ट्रपति चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में दोगुनी राशि खर्च होने का अनुमान है। इस बार करीब 14 अरब डॉलर खर्च होने की उम्मीद है।
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‘द सेंटर फॉर रेस्पॉनसिव पॉलिटिक्स’ के मुताबिक वोटिंग से पहले के आखिरी महीने में राजनीतिक चंदे में भारी वृद्धि हुई है और इसकी वजह से इस चुनाव में जो 11 अरब डॉलर खर्च होने का अनुमान लगाया गया था, वह पीछे छूट गया है।
बिडेन ने जुटाए एक अरब डॉलर
शोध समूह ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2020 के राष्ट्रपति चुुनाव में 14 अरब डॉलर खर्च होने का अनुमान है, जिससे चुनाव में खर्च के पुराने सभी रिकॉर्ड ध्वस्त हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन अमेरिकी इतिहास के पहले प्रत्याशी होंगे जिन्होंने दानकर्ताओं से एक अरब डॉलर की राशि प्राप्त की है।
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ट्रंप ने जुटाए 59.6 करोड़ डॉलर
डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन के प्रचार अभियान को 14 अक्तूबर तक 93.8 करोड़ डॉलर प्राप्त हुए हैं, जिससे रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को हराने को लेकर उत्सुकता बढ़ती जा रही है। वहीं, ट्रंप ने दानकर्ताओं से 59.6 करोड़ डॉलर का कोष चुनाव प्रचार के लिए जुटाया है।
शोध समूह ने कहा कि, ‘महामारी के बावजूद हर कोई वर्ष 2020 के चुनाव में अधिक राशि दान कर रहा है, फिर चाहे वह आम लोग हों या अरबपति।’ समूह ने बयान में कहा कि इस बार महिलाओं ने दान देने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
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