Wednesday - 10 January 2024 - 7:24 AM

किसान आंदोलन : क्या सच में UP सरकार ने दिया है पेट्रोल पम्पों को ये आदेश

जुबिली स्पेशल डेस्क

नई दिल्ली। 26 नवंबर से दिल्ली की सीमा पर किसानों के आंदोलन चल रहा है। किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है पर अब तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है।

किसान कानून खत्म करने पर अड़े हैं और सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है। उधर गणतंत्र दिवस के दिन यानी 26 जनवरी को किसान दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकालने की तैयारी में है।

जानकारी मिल रही है कि इस ट्रैक्टर मार्च में देश के कई हिस्सों से किसान शामिल हो सकते हैं। उधर यूपी में ट्रैक्टर मार्च को लेकर मैसेज वायरल हो रहा है। वायरल मैसेज के अनुसार पेट्रोल पंपों को ट्रैक्टर में डीजल नहीं भरने का यूपी सरकार ने दिया है आदेश।

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इतना ही नहीं गाजीपुर के कुछ पेट्रोल पंप पर ट्रैक्टरों में डीजल नहीं भरने का नोटिस चिपका दिखा। इसको लेकर विपक्ष ने योगी सरकार की कड़ी आलोचना की है।

हालांकि यूपी सरकार इस पूरे मामले पर सफाई दी और कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने ट्रैक्टरों में डीजल न भरने का किसी तरह का आदेश जारी नहीं किया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि कांग्रेस के प्रवक्ता द्वारा इस तरह का भ्रम सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाया जा रहा है।

निर्देश में क्या कहा गया है…

जानकारी के मुताबिक, थानाध्यक्ष सुहवल की ओर से जारी निर्देश पत्र में लिखा है। आपको अवगत कराना है कि आगामी 26 जनवरी 2021 को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में हाई अलर्ट जारी किया गया है।

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धारा 144 सीआरपीसी प्रभावी है। किसानों द्वारा विभिन्न विभिन्न स्थानों पर ट्रैक्टर मार्च और अन्य कार्यक्रम किए जाने की संभावना है, जिसके कारण ट्रैक्टर मार्ग पर आवागमन पर पाबंदी लगाई जाती है।

निर्देश में आगे कहा गया है,कि ऐसे में आपको (पेट्रोल पंप मालिकों को) निर्देशित किया जाता है कि 22 जनवरी 2021 से 26 जनवरी 2021 तक किसी भी किसी भी ट्रैक्टर में या किसी ड्रम या केन में तेल नहीं दिया जाएगा ताकि प्रदेश में शांति व्यवस्था सुचारू रूप से बनी रहे।

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अगर उक्त आदेश की अवहेलना की जाती है तो इसके लिए उत्तरदाई आप स्वयं होंगे। बता दें कि किसान नेताओं के बीच अब तक 11वें दौर की बातचीत हुई लेकिन उसका नतीजा कुछ भी नहीं निकला है।

केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने इसको लेकर कहा था कि किसानों के बीच कुछ लोग गलतफहमियां पैदा की है।किसानों को बरगलाया जा रहा है। हालांकि सरकार ने तमाम प्रस्ताव दिए मगर किसान नेताओं ने सभी प्रस्ताव ठुकर चुकी है।

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