Wednesday - 10 January 2024 - 4:24 AM

धीरेंद्र शास्त्री से होगी शिवरंजनी की शादी? मिलने लगा एक से दो होने का आशीर्वाद 

जुबिली न्यूज डेस्क

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से शादी की चाह रखने वाली एमबीबीएस की छात्रा और कथावाचिका शिवरंजनी तिवारी मंगलवार को सिर पर कलश रख महोबा पहुंची। धीरेंद्र शास्त्री को अपना प्राणनाथ कहने वाली शिवरंजनी का जगह-जगह भव्य स्वागत हुआ। महिलाओं ने उनकी आरती उतारकर स्वागत किया।

शिवरंजनी 16 जून को मध्यप्रदेश के गढ़ा स्थित बागेश्वर धाम पहुंचेगी और दिव्य दरबार में शामिल होंगी। मूलरूप से शिवनी मध्यप्रदेश निवासी शिवरंजनी तिवारी ने एक मई को गंगोत्री से सिर पर गंगाजल का कलश रखकर पदयात्रा शुरू की। वह मध्यप्रदेश के चर्चित बागेश्वर धाम के लिए रवाना हुईं थी।

करीब 1,150 किमी की दूरी तय करते हुए इस भीषण गर्मी में शिवरंजनी अपने पिता और भाई के साथ बुंदेलखंड के महोबा पहुंची। जहां भक्तों ने जगह-जगह स्वागत किया। महिलाओं ने मंगलगीत गाते हुए उनकी आरती उतारी। एमबीबीएस की छात्रा पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से इस कदर लगाव रखती हैं कि पैदल ही अपने प्राणनाथ से मिलने के लिए चल पड़ी हैं।

वह उनके प्राणनाथ है

उन्होंने संदेश दिया है कि सभी लोग बालाजी सरकार बागेश्वर धाम सरकार से जुड़े। बताया कि दस दिन पहले तक उन्हें कोई नहीं जानता था। जब से वह बालाजी सरकार के चरणों से जुड़ी हैं तो उन्हें घर-घर पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की वह इसलिए जय बोलती हैं क्योंकि उन्हीं की कृपा है कि वह उनसे मिलने जा रही हैं। वह उनके प्राणनाथ है और उनसे मिलने की लालसा उन्हें गंगोत्री से बागेश्वर धाम खींचकर ला रही है।

पदयात्रा में आईं तमाम कठनाईयां 

सिर पर कलश रखकर पदयात्रा कर रहीं शिवरंजनी तिवारी ने बताया कि उनके सफर में कठिनाइयां भी सामने आईं। जब भी कोई शुभ कार्य होता है तो उसमें कठिनाइयां और चुनौतियां होना स्वभाविक है। वह बुंदेलखंड के महोबा तक आ गई हैं। जहां से बागेश्वर धाम की दूरी ज्यादा नहीं रह गई है। भीषण गर्मी ने उनका रास्ता रोका लेकिन इस बीच कहीं-कहीं भगवान इंद्र की कृपा से मौसम सुहाना भी होता गया।

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मिल रहा एक से दो होने का आशीर्वाद 

पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को अपना प्राणनाथ बताने वाली शिवरंजनी तिवारी का सफर जारी है। उन्होंने कहा कि इस तपस्या का फल मुझे मिलना शुरू हो गया है। रास्ते में जगह-जगह साधु-संतों के आर्शीवाद मिल रहे हैं। एक से दो होने के आर्शीवाद मलने से वह उत्साहित हैं। बागेश्वर धाम से जुड़े भक्त उनका जगह-जगह स्वागत कर रहे हैं।

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