Sunday - 7 January 2024 - 9:52 AM

राजस्थान : आरोपियों ने क्यों किया वॉयस सैंपल देने से मना

जुबिली स्पेशल डेस्क

जयपुर। राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार फिलहाल बच गई है लेकिन अभी संकट गया नहीं है। गहलोत और पायलट के बीच जुब़ानी जंग भी तेज हो गई। दोनों एक दूसरे पर कई तरह के आरोप लगा रहे हैं लेकिन सचिन पायलट पर अशोक गहलोत भारी पड़ते नजर आ रहे है।

अशोक गहलोत ने अपनी सरकार बचाने में पूरा जोर लगा दिया है। इस वजह से कांग्रेस की सरकार राजस्थान में बच गई है। दरअसल कांग्रेस में युवा जोश बनाम अनुभव की लड़ाई बरसों से चली आ रही है। राजस्थान में सचिन पायलट को कांग्रेस ने काबू करते हुए पहले उपमुख्यमंत्री के पट से हटाया और देर किये बगैर उन्हें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद से छुट्टी कर दी है।

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उधर सियासी घमासान तब और देखने को मिला जब विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े वायरल ऑडियो क्लिप के मामले में आरोपियों ने वॉयस सैंपल देने से इनकार कर दिया है। इस मामले में इस मामले में अब कोर्ट फैसला सुनाएगी।

गौरतलब हो कि राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद से वहां पर सियासी घमासान और तेज हो गया था।

इतना ही नहीं कोर्ट के कहने के बावजूद आरोपियों ने वॉयस सैंपल देने से किनारा किया है। अब देखना होगा कि आरोपियों ने वॉयस सैंपल देने पर कोर्ट क्या फैसला लेती है। इस पूरे मामले में अशोक सिंह और भरत मलानी को आरोपी बनाया गया है।

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उधर ऑडियो टेप लीक होने के बाद से ही स्पेशल ऑपरेश ग्रुप (एसओजी) लगातार एक्शन में नजर आ रहा है। एसओजी ने फौरन इस मामले में एक्शन लेते हुए अशोक सिंह नामक हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ शुरू कर दी है। अशोक सिंह पर आरोप है कि उसने भरत मलानी नाम के शख्स के साथ मिलकर लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकार के खिलाफ साजिश रची 

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बता दें कि मध्य प्रदेश की सरकार को गिराने में गहलोत सरकार में डिप्टी सीएम सचिन पायलट का सहारा लिया जा रहा है लेकिन यहां पर स्थिति अलग है। कांग्रेस ने वक्त रहते ही एक्शन में नजर आई। इसका नतीजा यह रहा कि सचिन पायलट की बगावत खुद उनपर भारी पड़ गई है। सचिन पायलट ने गहलोत को कमजोर समझना महंगा पड़ गया है। राजस्थान के सियासी ड्रॉमे को और आगे न बढऩे दिया जाए, इसके लिए कांग्रेस ने फौरन सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री के साथ-साथ प्रदेश के कांग्रेस पद से बेदखल कर दिया है।

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