Wednesday - 10 January 2024 - 8:33 AM

अब एजेंसियों के निशाने पर किसान नेता व पंजाबी गायक

जुबिली न्यूज डेस्क

किसानों का आंदोलन मोदी सरकार के गले की हड्डी बन गई है। सरकार न तो इसे निगल पा रही है और न ही उगल पा रही।

किसान संगठनों और सरकार के बीच कई बार की बातचीत के बाद भी अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है। सरकार पर आरोप लग रहा है कि आंदोलन को लेकर वह दोहरा रवैया अपना रही है। एक ओर वह अपने को किसानों का हितैषी दिखा रही है तो दूसरी ओर आंदोलन को खत्म करने के लिए अन्य रास्ते अपना रही है।

अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ देश की प्रतिष्ठित जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करने के लिए कुख्यात मोदी सरकार पर अब किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले किसान नेताओं और पंजाबी गायकों पर इस राजनीतिक हथियार का इस्तेमाल करने के आरोप लग रहे हैं।

दिल्ली बॉर्डर पर बैठे किसानों में बड़ी संख्या पंजाब के सिखों की है। इनके समर्थन में पंजाबी गायकों ने भी कई गाने बनाए हैं, लेकिन अब इनके खिलाफ जांच एजेंसियां ईडी और इनकम टैक्स सक्रिय हो गई हैं।

इनसे पहले आढ़तियों के खिलाफ आयकर (आईटी) विभाग छापेमारी से लेकर नोटिस देने की कार्रवाई कर चुका है। ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने खबर दी थी कि आईटी ने पंजाब के शीर्ष 14 आढ़तियों को नोटिस दिया है। इसके अलावा 18-19 दिसंबर को छह आढ़तियों के परिसरों पर छापेमारी की गई है।

आढ़तियों के शीर्ष संगठन फेडरेशन ऑफ आढ़तिया एसोसिएशंस ऑफ पंजाब ने आरोप लगाया है कि आढ़तियों को आयकर नोटिस और छापों के जरिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वे कृषि कानूनों के खिलाफ हैं और किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। इसके विरोध में उन्होंने राज्य की कृषि मंडियों को 22-25 दिसंबर तक बंद रखने का ऐलान किया था और आयकर विभाग के अफसरों का घेराव करने की बात भी कही थी।

फिलहाल अब एजेंसियों के निशाने पर किसान नेता और पंजाबी गायक हैं। क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष डॉ. दर्शन पाल ने वेब मीडिया द प्रिंट से बातचीत में कहा कि उनके पास इस बात की सूचना है कि जो गायक अपने गानों, भाषणों के जरिये किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं, ईडी उन्हें निशाना बना रही है।

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पाल ने कहा कि पहले आईटी ने छापेमारी की और उसके बाद ईडी भी कुछ ऐसा ही कर रही है।

सरकार की इस हरकत की निंदा करते हैं और सरकार को चेताते हैं कि अगर वह किसान आंदोलन का समर्थन करने वालों को इस तरह निशाना बनाएगी तो यह समाधान की दिशा में नहीं बल्कि कलह को बढ़ाने वाला होगा।

इससे पहले भारतीय किसान यूनियन की हरियाणा ईकाई के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने भी सरकार को इसे लेकर चेताया था।

वहीं ‘द प्रिंट’  ने कहा है कि ईडी के उच्च सूत्रों ने इस बात को कन्फर्म किया है कि गायक और अभिनेता, इनमें से भी खासकर एनआरआई, जो इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं, इस जांच एजेंसी के रडार पर हैं।

किसान आंदोलन को गायकों का जोरदार समर्थन

किसानों के समर्थन में अब तक जैजी बी का बगावतां नाम से, निंजा का पंजाब वर्सेस दिल्ली, हर्फ चीमा और कंवर ग्रेवाल का पेचा, मनकीरत औलख के साथ और कई गायकों वाला किसान एंथम, मशहूर गायिका गुरलेज अख़्तर का दिल्ली टू पंजाब, कंवर ग्रेवाल का एलान, रंजीत बावा का पंजाब बोलदा, गिप्पी ग्रेवाल का जालम सरकारां, जी. संधू का चुप करजा दिल्ली के अलावा कई नामचीन कलाकारों के गाने आ चुके हैं।

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इनमें से एक पंजाब बोलदा गाना गाने वाले गायक रंजीत बावा भी ईडी के रडार पर हैं। पिछले महीने जालंधर बीजेपी के नेता अशोक सरीन हिक्की ने ईडी में शिकायत दी थी कि बावा के लिंक नशे के कारोबारी गुरदीप सिंह रानो के साथ हैं।

उन्होंने बावा की रानो के साथ मुलाकात वाली फोटो भी दी थी। यह शिकायत तब दी गई जब रंजीत बावा किसानों के समर्थन में बिटर ट्रुथ नाम से गाना रिलीज कर चुके थे, लेकिन जैसे ही 8 दिसंबर को उनका दूसरा गाना पंजाब बोलदा आया, ईडी ने उन पर शिकंजा कसने की तैयार कर ली।

‘द प्रिंट’  के अनुसार सूत्रों ने कहा कि बावा के अलावा कुछ किसान नेता और उनके समर्थक भी ईडी के रडार पर हैं।

ईडी की आर्थिक मामलों के लेन-देन वाली शाखा ने शनिवार को भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां से उनके बैंक खाते में आई रकम की जानकारी मांगी है।

कोकरी ने ‘द प्रिंट’  को बताया कि उनके गांव के पंजाब और सिंध बैंक के मैनेजर को ईडी के आर्थिक लेन-देन के विभाग की ओर से ई-मेल आया है और इसमें पूछा गया है कि उनके अकाउंट में जो 7 लाख रुपये की विदेशी रकम आई है, उसके बारे में बताइए।

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कोकरी से कहा गया है कि जिसने यह रकम भेजी है, उनके पासपोर्ट की डिटेल्स और पता दें। ईडी को शक है कि इसमें फेमा एक्ट का दुरुपयोग हुआ है।

भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) ने 6 दिसंबर को एक अपील जारी कर कहा था कि जो लोग विदेशों से किसान आंदोलन को वित्तीय सहायता देना चाहते हैं, उनकी रकम को फॉरेन कांट्रीब्यूशन (रेग्युलेशन) एक्ट के तहत ही लिया जाएगा।

वहीं इस मामले में पंजाब बीजेपी ने जांच एजेंसियों की कार्रवाई को किसी तरह के बदले की कार्रवाई बताने वाले आरोपों को खारिज किया है। पंजाब बीजेपी के प्रवक्ता विनीत जोशी ने कहा कि जांच एजेंसियों की कार्रवाई का किसी के आंदोलन में होने या न होने से कोई लेना-देना नहीं है और सभी को देश के नियमों का पालन करना चाहिए।

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