Sunday - 7 January 2024 - 2:39 AM

आपदा काल में पान को-रोना

  • बनारसी पान का कारोबार ठप पड़ा
  • मलाई पान की मिठास भी फीकी पड़ गई
  • बनारसी पान का डब्बा हुआ गोल, करोड़ो का नुकसान

सैय्यद मोहम्मद अब्बास

अरे भंग का रंग जमा हो चकाचक फिर लो पान चबाय…आहा! अरे ऐसा झटका लगे जिया पे पुनर जनम होइ जाय…ओ खाइके पान बनारस वाला…खुल जाए बंद अकल का ताला… खाइके पान बनारस वाला…खुल जाए बंद अकल का ताला फिर तो ऐसा करे कमाल… सीधी कर दे सबकी चाल ओ छोरा गंगा किनारे वाला खाइके…पान बनारस वाला…

ये मशहूर गाना ‘डान’ फिल्म का है और अमिताभ बच्चन ने इस गाने में जोरदार डांस किया है लेकिन उन्होंने इस दौरान बनारस के पान की जमकर तारीफ की है लेकिन मौजूदा समय में मशहूर बनारसी पान का कारोबार ठप पड़ गया है।

कोरोना काल में बनारसी पान के साथ-साथ लखनऊ का मशहूर मलाई पान की मिठास भी फीकी पड़ गई है। आलम तो यह है कि पान का जायका बिगाड़ दिया है और लोग इसी पान को खाने के लिए तरस है।

लॉकडाउन-3 खत्म होने की कगार पर है लेकिन इस लॉकडाउन को एक बार फिर आगे बढ़ाया जा सकता है। ऐसे में बनारस का मशहूर बनारसी पान का कारोबार खतरे में पड़ता नजर आ रहा है। आलम तो यह है कि काशी नगरी ही नहीं बल्कि अवध नगरी की रौनक भी इसी पान के सहारे और ज्यादा बढ़ जाती थी।

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इस लॉकडाउन में बनासी पान का डब्बा गोल हो गया है। बनारस में बड़े स्तर पर पान का कारोबार करने वाले मुन्ना लाल चौरसिया ने जुबिली पोस्ट से खास बातचीत में बताया कि अब तक करीब अब तक 20 करोड़ का नुकसान बनारसी पान को हो चुका है।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक दिन 30 लाख तक कारोबार होता था लेकिन अब मौजूदा समय में बनारसी पान शायद वेंटिलेटर पर आ गया है। उन्होंने कहा लॉकडाउन की वजह से बनारसी पान का कारोबार पूरी तरह से बंद है।

बनारस में पान की मंडी है और वहीं से पूरे भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में जाता है लेकिन हालात इतने खराब है कि बताया भी नहीं जा सकता। उन्होंने बताया कि पानदरीबा मंडी के बंद होने से यहां के 20-25 हजार व्यापरियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। आलम तो यह है कि पान अब सड़ रहे हैं और इनको खरीदने वाला कोई नहीं है। ऐसे में पान का कारोबार करने वाले व्यपारियों का जीवन मुश्किल में पड़ गया है।

लॉकडाउन की शुरूआत में ही हरे पान के डंप पड़े रहने की वजह से 20 करोड़ तक का नुकसान पहले ही हो चुका है और प्रतिदिन 25-30 लाख के टर्नओवर का कारोबार रुक जाने से अलग से चपत लग रही है

इसलिए पान पर लगी रोक

उधर जिला प्रशासन ने पान को लेकर अपना रूख स्पष्ठ किया और कहा है कि रोक इसलिए लगायी गई क्योंकि पान को थूंकने से कोरोना फैल सकता है। बनारस की चेतगंज के जियापुर से पान को लेकर खबर आ रही है यहां पर पान मंडी में डोलचियां में रखा पान सड़ चुका है जबकि चारोतरफ संन्नाटा पसरा है। आलम तो यह है कि छोटे-छोटे पान की दुकान लगाने वाले पान विक्रेता का जीवन बसर करना भी बेहद मुश्किल हो रहा है।

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जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 21 पान दरिबाओं को खोलने की छूट दी गई थी लेकिन स्थानीय स्तर पर ऐसा कुछ नहीं है। फुटकर व्यपारी मुन्ना लाल चौरसिया बताते हैं कि मंडी के बंद होने से एकल फुटकर की पान की दुकानों को अच्छा-खासा नुकसान हो रहा है।


लखनऊ का मशहूर मलाई पान की मिठाई भी फीकी पड़ गई है। राम आसरे मिठाई की दुकान पर मलाई पान खूब बिकता है। राम आसरे स्वीट्स के ओनर प्रसुन गुप्ता ने बताया कि इस समय लॉकडाउन की वजह से उनकी दुकान बंद है। इस वजह से उन्हें करीब लाखों रुपया नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि लोग दूर-दराज से मलाई पान खाने के लिए आते हैं। उन्होंने बताया कि दो महीने से लॉकडाउन के चलते अपने यहां काम करने वालों को बैठाकर तनख्वाह देना पड़ रहा है।


लखनऊ में अजहर भाई पान वाले बताते हैं कि उनके पास जो भी पान बचा था सब सड़ चुका है। इतना ही नहीं उनके साथ तीन लोग काम करते हैं। लॉकडाउन के बाद से कोई पान नहीं खरीद रहा है। उन्होंने बताया कि दो महीने से लॉकडाउन के चलते मजदूरों को बैठाकर तनख्वाह देना पड़ रहा है. ये

हिन्दूओं के लिए विशेष महत्व रखता है पान


नवरात्र के आलावा कोई भी पूजा जैसे संत नारायण कथा, राम चरित्र मानस का पाठ बिना पान के पूरी नहीं होती है। पान का इस्तेमाल पूजा में शुभ माना जाता है। इसके साथ पूजा में पान को खास तौर शामिल किया जाता है लेकिन इसमें ध्यान रखना पान कही से कटा या फटा न हो।

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार किसी भी शुभ कार्य से पहले या पूजा पाठ के दौरान पान के पत्ते के जरिए भगवान का नमन किया जाता है। स्कंद पुराण के मुताबिक देवताओं द्वारा समुद्र मंथन के समय पान के पत्ते का प्रयोग किया गया था। यही वजह है कि पूजा में पान के पत्ते के इस्तेमाल का विशेष महत्व है।

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