Thursday - 11 January 2024 - 9:53 PM

ओपिनियन

द्वंदात्मकता ! आदिम साम्यवाद से आधुनिक लोकतंत्र तक

के. पी.सिंह द्वंदात्मकता प्रकृति का चरित्र है। गुफा काल में जब उत्पादन के साधनों का आविष्कार नहीं हुआ था और माक्र्सवादियों के अनुसार उस समय आदिम साम्यवाद का समाज था, वर्ग संघर्ष की जड़ें उस दौर में भी खोजी जा सकती हैं। डा. अंबेडकर के अनुसार पौराणिक साहित्य में जिस …

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कौन रोकेगा नेताओ की बदजुबानी ?

कृष्णमोहन झा राज्य की विधानसभाओं और लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग द्वारा राजनीतिक दलों से जिस आचार संहिता की इमानदारी से पालन करने की अपेक्षा की जाती है उसकी उपेक्षा और अनादर करने वाले नेता हर राजनीतिक दल की कमजोरी होते है। खेद की बात यह है कि राजनीतिक …

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चुनावी मैदान में तेजबहादुर और हाईकोर्ट का ये फैसला

केपी सिंह  खराब खाना दिये जाने की शिकायत की वजह से सीमा सुरक्षा बल से बर्खास्त किये गये जवान तेज बहादुर के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी में चुनावी ताल ठोके जाने की वजह से सियासी हालातों ने सनसनीखेज मोड़ ले लिया है। समाजवादी पार्टी ने इसके बाद …

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गठबंधन के साथ निजी रिश्ते को प्रगाढ़ करने पर नजर

  के. पी. सिंह बसपा के साथ चुनावी गठबंधन को स्थायित्व प्रदान करने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मायावती के साथ निजी रिश्ते को भी परवान चढ़ाने में कोई कसर नही छोड़ रहे। विरोधी बार-बार प्रचार कर रहे हैं कि गठबंधन वक्ती है जिसकी काट के लिए अखिलेश द्वारा …

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नेहरू से लेकर मोदी तक सबके लिए पूर्वांचल क्यों रहा खास

रतन मणि लाल उत्तर प्रदेश में लोक सभा चुनाव के लिए सात चरणों में फैला मतदान 29 अप्रैल को प्रदेश के मध्य और बुन्देलखण्ड क्षेत्र की 13 सीटों पर पूरा होकर, पूर्व की ओर बढ़ चलेगा। इसके बाद मई की 6, 12 और 19 को प्रदेश के पूर्वांचल नाम से …

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आइना वक्त को तस्वीर दिखा देता है

शबाहत हुसैन विजेता वन्देमातरम नहीं बोलोगे तो दफ्न होने के लिये ज़मीन नहीं देंगे। भारत माता की जय नहीं बोलोगे तो पाकिस्तान भेज देंगे। तुम्हें अली मुबारक हमारे लिये तो बजरंगबली ही काफी हैं। यह वह जुमले हैं जो आज़ाद हिन्दुस्तान के सियासी लोगों के मुंह से अक्सर सुनने को …

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संविधान की रक्षा के राग पर गूंज रहे हैं गठबंधनी तराने

डा. रवीन्द्र अरजरिया देश में चुनावी घमासान तेज होता जा रहा है। वायदों और दावों की कमानें खिंचतीं चली जा रहीं हैं। दलगत नीतियों को तिलांजलि देकर पार्टियां अपने गठबंधन को मजबूत करने में जुटी हैं ताकि जातिगत एवं परम्परागत वोटबैंक संयुक्त प्रत्याशी के पक्ष में हस्तांतरित किया जा सकें। …

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जहां सड़कें खामोश होंगी वहां शासन आवारा होगा

अशोक माथुर दुनिया का इतिहास बताता है कि शासन तंत्र मे जन भागीदारी और जनता के नियंत्रण के अभाव में आम आवाम को बड़े जुल्म सहने पड़ते है। हमारे ही देश का इतिहास बताता है कि कंपनी सरकार और मुगलों को हमारे राजा ही बुलाकर ला रहे थे और उनका …

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पीएम पद को लेकर माया-अखिलेश ने खोले पत्ते, कांग्रेस का नेतृत्व नही होगा मंजूर

के. पी. सिंह उरई। लोकसभा चुनाव का चौथा चरण आते-आते बसपा-सपा गठबंधन ने प्रधानमंत्री पद को लेकर अपने पत्ते पूरी तरह खोल डाले हैं। शुक्रवार को दोनों पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने केंद्र में भाजपा विरोधी गठबंधन की संभावना होने पर कांग्रेस के नेतृत्व को स्वीकार करने की गुंजाइश पूरी …

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सिख विरोधी दंगों का परिप्रेक्ष्य और प्रधानमंत्री का बयान

के.पी. सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संवैधानिक तौर पर देश के सर्वोच्च कार्यकारी नेता है जिसके मददेनजर नाजुक मामलो में भावावेश का परिचय देने के बजाये उन्हें अन्य प्रधानमंत्रियों की तरह संयम दिखाना चाहिए। खास तौर से कई ऐसे संदर्भों में वे कांग्रेस के खिलाफ भड़ास निकालने के लिए 1984 के …

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