Tuesday - 9 January 2024 - 1:29 PM

मेवाराम जैन का एक और वीडियो वायरल, पुलिस की कोई कार्रवाई नहीं

कांग्रेस नेता मेवाराम जैन के कथित अश्लील वीडियो ने राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर भूचाल ला दिया है। पिछले दिनों दो आपत्तिजनक वीडियो वायरल हुए थे और अब एक और अश्लील वीडियो सामने आया है। इन वीडियोज के कई स्क्रीनशॉट्स भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं। कांग्रेस ने मेवाराम जैन को पार्टी से निकाल दिया है और वायरल वीडियो की भर्त्सना की जा रही है।

उधर, इतना सब कुछ होने के बावजूद पुलिस एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है। पीड़िता की ओर से जोधपुर में दर्ज मुकदमे में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

पूर्व विधायक मेवाराम जैन के दो कथित वीडियो पिछले दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। ये दोनों वीडियो 7.11 और 7.10 मिनट के हैं। रविवार को जो तीसरा आपत्तिजनक वीडियो सामने आया है। वह 33.8 मिनट का बताया जा रहा है। पूर्व में वायरल हुए दो वीडियो में से एक वीडियो में महिला कमरे की अलमारी में कैमरा सेट करते हुए दिखाई दे रही है, जबकि दूसरे वीडियो में नेताजी कपड़े उतारते हुए नजर आ रहे हैं। इस दौरान उनके मोबाइल पर कॉल भी आता है जिसमें वह स्वयं को जयपुर होना बताते हैं। इसके बाद अश्लील वीडियो है।

पीड़िता की ओर से पिछले महीने पूर्व विधायक मेवाराम जैन, डिप्टी एसपी आनंद सिंह राजपुरोहित, बाड़मेर कोतवाल गंगाराम, नगर परिषद के उपसभापति सुरतान सिंह सहित 9 लोगों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म और पॉक्सो की धाराओं में मामला दर्ज है। पीड़िता की ओर से दर्ज एफआईआर में जोधपुर पुलिस ने अभी तक एक भी गिरफ्तारी नहीं की है। इसी बीच पूर्व विधायक मेवाराम जैन ने हाईकोर्ट की शरण ली। उन्होंने वायरल वीडियो को एडिटेड बताया है। हाईकोर्ट ने जैन को मामूली राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगाई है। मामले की अगली सुनवाई 25 जनवरी को होनी है।

पीड़िता की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में यह भी आरोप लगाये गए हैं कि पिछले दिनों मेवाराम जैन के कथित गुंडों ने उसको जबरन घर से उठाया और फार्म हाउस लेकर गया। वहां पर गवाहों को भी लाया गया। बाद में हाथ पैर बांधकर और कपड़े उतार कर बुरी तरह से पीटा गया। प्राइवेट पार्ट में लकड़ी डालने का भी आरोप लगाया गया है। महिला को पुलिसकर्मी पीटते रहे, जबकि वहां पर कोई महिला पुलिसकर्मी भी मौजूद नहीं थी। उस दौरान पुलिसकर्मियों ने वीडियो भी बनाए। डरा धमका कर खाली कागजों पर दस्तखत भी करवाए थे।

इस मामले में एसपी दिगंत आनंद का कहना है कि पुलिसकर्मियों के खिलाफ दुर्व्यवहार की कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर रिपोर्ट आती है तो आगे कार्रवाई की जाएगी। उधर जोधपुर पश्चिम के डीसीपी गौरव यादव का कहना है कि पूर्व विधायक और कुछ पुलिसकर्मियों के खिलाफ राजीव गांधी नगर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। मामले की जांच की जा रही है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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