शबाहत हुसैन विजेता उन्नाव रेप पीड़िता के साथ रायबरेली में जो सड़क हादसा पेश आया है, वह आश्चर्य में डालने वाला हादसा नहीं लगता। ऐसे हादसे जरायम की दुनिया में बहुत आम हादसे हैं और इन हादसों के जरिये सबूतों को खत्म कर दिया जाता है और अपराधी अदालत से …
Read More »ओपिनियन
संघ की ‘काउंटर’ रणनीति
केपी सिंह हिन्दी साहित्य क्षितिज के युग पुरूष मुंशी प्रेमचन्द ने साम्प्रदायिकता के खतरे से संबंधित एक लेख में कहा था कि साम्प्रदायिकता संस्कृति का मुखौटा ओढ़कर पैठ बनाती है और पैर फैलाती है। जबकि साम्प्रदायिकता का संस्कृति से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने उदाहरण देकर साबित किया था …
Read More »आजम खान पर लटक रही है गिरफ्तारी की तलवार
सुरेंद्र दुबे अपनी घटिया जुबान और विवादास्पद बयानों से चर्चा में रहने वाले सपा के कद्दावर नेता आजम खान इन दिनों मुकदमों के अंबार के नीचे दब से गए हैं। या यूं कहे कि उन्हें मुकदमों के नागपाश ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है। पिछले लगभग दो माह से …
Read More »सियासी मँझधार मे राम : रामराज्य के दावे के विरुद्ध रामधुन
उत्कर्ष सिन्हा एक तरफ राम राज्य के दावे और दूसरी तरफ दावा करने वालों के सामने रामधुन का कीर्तन, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ फिलहाल इसी तमाशे की चश्मदीद बनी हुई है । इसकी वजह बनी है चर्चित उन्नाव रेप केस की पीडिता के साथ हुई दुर्घटना, पीडिता जिंदगी और …
Read More »उलटबांसी : अंत में त्रिवेदी भी नहीं बचेगा
अभिषेक श्रीवास्तव आजकल मुझे अल्लाामा इक़बाल बहुत याद आ रहे हैं। अब माहौल ही कुछ ऐसा है कि मुसलमानी नाम लेते हुए थोड़ा डर लगता है। पता चला उधर से कोई बल्लम उठाकर पूछ दिया- सुधाकर पांडे क्यों नहीं याद आ रहे? अब इससे क्या फ़र्क पड़ता है कि सुधाकर …
Read More »दिग्गजों की भीड़ में अपने सांसद को खोज रही थी लखनऊ की जनता
अभिषेक त्रिपाठी उत्तर प्रदेश को विकास की नई ऊँचाइयों पर अग्रसर करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए रविवार को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ‘ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 2’ का उदघाटन देश के गृहमंत्री अमित शाह ने किया। इस मौके पर गवर्नर राम नाइक, सीएम योगी आदित्यनाथ सहित …
Read More »ये तकिया बड़े काम की चीज है
सुरेंद्र दुबे भारतीय जनता पार्टी में अनुशासन का चाबुक बड़ा सोच समझकर चलाया जाता है। जिसकी पीठ जितनी ज्यादा मजबूत होती है, उसपर उतना ही कम चाबुक चलने की संभावना रहती है, क्योंकि ऐसे लोगों की पीठ पर बड़े-बड़े नेताओं की तकिया बंधी होती है। जो नेता सिर्फ अपनी पीठ …
Read More »अतीत को स्वीकारे बिना मिथ्या है सुखद भविष्य की कल्पना
डा. रवीन्द्र अरजरिया बीती स्मृतियों के सुखद स्पन्दन के साथ मानवीय भावनायें आनन्द के हिंडोले पर उडान भरतीं है। अतीत की दस्तक वर्तमान के दरवाजे पर हौले से होती है जिसे अन्तःकरण की अनुभूतियों से ही अनुभव किया जा सकता है। सफल जीवन के सूत्रों को उदघाटित करने वाली पुस्तक …
Read More »अब चीन की भी मध्यस्थ बनने के लिए लार टपकी
सुरेंद्र दुबे आखिर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह कह कर कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच विवादों के निपटारे के लिए भारत की इच्छा के अनुरूप मध्यस्थ की भूमिका निभाने को तैयार हैं, चीन को भी मध्यस्थ जैसी भूमिका निभाने के लिए उकसा दिया है। भारत ने …
Read More »नक्सल पार्ट- 2 की लिखी जा रही पटकथा
विजय शंकर चतुर्वेदी सोनभद्र नरसंहार में दस आदिवासियों की मौत के बाद यह आशंका उठने लगी है कि इस घटना के बाद कहीं यह जिला फिर से ‘लाल सलाम के नारों से न गूँजने लगे। आज भी सोनभद्र उत्तर प्रदेश के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में दर्ज़ है। …
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