Sunday - 14 January 2024 - 5:42 AM

ओपिनियन

अब तक 56…

  शबाहत हुसैन विजेता 56 भोग, 56 इंच की छाती, अब तक 56 और अब 56 गालियाँ। यह वक्त के बदलाव का ग्राफ है। इस ग्राफ को ध्यान से देखें तो आज़ाद हिन्दुस्तान में बदलते दौर की तस्वीर बहुत साफ़ दिखाई देती है। इस तस्वीर में गुज़रे हुए ज़माने के …

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राष्ट्रहित की कीमत पर अस्वीकार होना चाहिये अल्पसंख्यक संरक्षण

डा. रवीन्द्र अरजरिया विकृतियों का बाहुल्य होते ही बीमारियां पैदा होने लगतीं हैं। समय रहते इनका उपचार करना नितांत आवश्यक होता है अन्यथा यही साधारण सी बीमारी समय के साथ असाध्य रूप लेने लगती है। इन विकृतियों का प्रादुर्भाव आखिर होता कहां से है, क्यों होता है और कहां तक …

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उन्माद की राजनीति का भविष्य

के पी सिंह लोकतंत्र में लोक यानी आम आदमी के हितों की पूरी सुरक्षा की जाती है, यह धारणा तो यूटोपिया की तरह है लेकिन यह एक प्रबंधन है जिससे किसी राष्ट्र राज्य की स्थिरता सुनिश्चित हो जाती है। शासन के खिलाफ भड़ास निकालने के अवसर की व्यवस्था लोकतंत्र का …

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बनारसी अड़ी : पहलवान के लौंडे मजबूर हैं!

अभिषेक श्रीवास्तव यह टुकड़ा लिखते समय मैं दो पत्रकार साथियों के संग रोहनिया की तरफ जा रहा हूं। हमारे सारथी जब शहर से निकले तो उन्हें रोहनिया का रास्ता पता नहीं था। उन्होंने फोन लगाया और बहुत धीमे स्वर में किसी से पता पूछा। उसने बताया दाएं मुड़ो, भाई ने …

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सफेदपोशों का लोकतंत्र

के.पी.सिंह लोकतंत्र को बहुमत का शासन कहा जाता है लेकिन यह भी दरअसल समाज के मुटठी भर सफेदपोश वर्ग जो कि वाचालता में निपुण होता है, का शासन होता है। कारगिल युद्ध में राजीव नजर आने लगे थे फरिश्ता दिलचस्प यह है कि सफेदपोशों को धारणाओं के मामले में गुलाट …

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मसूद की मुश्कें बांधना काफी नहीं, आतंक का खात्मा होना ज़रूरी

कृष्णमोहन झा संयुक्त राष्ट्र ने कुख्यात आतंकी संगठन जैश-ए- मोहम्मद के सरगना मसूद अजरह को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया है। फ्रांस अमेरिका एवं ब्रिटेन के प्रस्ताव पर संयक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यह फैसला किया है। पिछले तीन बार से इस प्रस्ताव के विरूद्ध वीटो का प्रयोग करने वाले …

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इतिहास में क्‍यों दर्ज हुई 8 मई

राजेंद्र कुमार भारत में एक मई को मजदूर दिवस के रूप में जाना जाता रहा है। परन्तु अब इस माह की आठ तारीख को भी देश में याद रखा जायेगा। क्यों? यह हम बाद में बतायेंगें। पहले यह जाने। अपने देश में हरियाणा राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाके में …

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क्या मोदी तथ्यों से खिलवाड़ करते हैं

राजेन्द्र कुमार  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथ्यों से खिलवाड़ करते हैं। बीते करीब पांच वर्षों में हमने यही देखा-सुना है। महसूस किया है। बीते दिनों पीएम मोदी ने राजीव गांधी को जिस तरह से ‘भ्रष्टाचारी नंबर वन’ कहा है, वह भी तथ्यों के साथ खिलवाड़ है। रही बात राजीव गांधी को …

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चीन की दूरगामी चाल हो सकती है मसूद प्रकरण से टैक्नीकल होल्ड हटाना

डा. रवीन्द्र अरजरिया भारत के कूटनैतिक प्रयासों ने सशक्त पडोसी चारों खाने चित्त हो गया। चीन को आखिरकार भारत के पक्ष में खडे विश्व समुदाय की एकजुटता के समक्ष झुकना ही पडा। टैक्नीकल होल्ड हटते ही संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान की सरजमीं से आतंकवाद फैलाने वाले संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना …

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डेमोक्रेसी में समझदार होना भी ज़रूरी होता है 

शबाहत हुसैन विजेता नेता धर्मगुरुओं के तलवे चाट रहे हैं। गुंडे खादी पहनकर नेता बन रहे हैं। धर्मगुरू यह तौलने में लगे हैं कि किसके समर्थन से ज्यादा फायदा है। सड़कों पर रोड शो चल रहे हैं नेता और अभिनेता सब बिज़ी हैं। अभिनेता इंटरव्यू कर रहे हैं और पत्रकार …

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