उत्कर्ष सिन्हा मशहूर शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ ने पाकिस्तान के तानाशाह जनरल ज़िया के खिलाफ बगावत को आवाज देने के लिए साल 1979 में जब अपनी नज़्म “हम देखेंगे” लिखी थी तो उन्होंने ये नहीं सोचा होगा की साल 2019 में हिंदुस्तान में उनकी इस नज़्म पर ये कहते हुए …
Read More »Utkarsh Sinha
CAA के विरोध में चंद्रशेखर “रावण” की एंट्री से कौन डर रहा है ?
उत्कर्ष सिन्हा 20 दिसंबर को दिल्ली की जामा मस्जिद में प्रदर्शनकारियों के बीच बाबा साहेब की तस्वीर लहराकर विरोध जताते दलित यूथ आईकान चंद्र शेखर आजाद की तस्वीर ने सत्ता पक्ष के रणनीतिकारों के माथे पर चिंता की लकीरों को गहरा कर दिया है । नागरिकता कानून में संशोधन के …
Read More »सवालों से तिलमियाए एसपी ने छीना BBC रिपोर्टर का फोन, डीलिट किया इंटरव्यू !
जुबिली न्यूज डेस्क एनसीआर के मामले पर हुए प्रदर्शन के बाद भड़की हिंसा के बाद यूपी पुलिस बड़े पैमाने पर धरपकड़ में लगी हुई है । लेकिन इसके साथ ही पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर में भड़की हिंसा के बाद वहाँ पहुंचे संवाददाताओं के साथ पुलिस का बुरा बर्ताव जारी है …
Read More »मोदी-शाह की बातों पर देश भरोसा क्यों नहीं कर रहा ?
उत्कर्ष सिन्हा बीते रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एनआरसी के अस्तित्व को ही नकार रहे थे तब देश का एक बड़ा तबका उन्हे झूठा बता रहा था । कुछ रोज पहले संसद में गृहमंत्री अमित शाह अपने चिरपरिचित कठोर अंदाज में पूरे देश में …
Read More »समस्या CAB की नहीं सरकार के प्रति विश्वास के संकट की है
उत्कर्ष सिन्हा बहुमत का शासन जब ज़ोर-जबरदस्ती का शासन हो जाए तो वह उतना ही असहनीय हो जाता है जितना कि नौकरशाही का शासन। — महात्मा गांधी देश के बहुसंख्यक धर्म निरपेक्ष हिस्से को लगता है की भारत में अल्पसंख्यकों के प्रति सरकार का रुख 70 साल पुराने विभाजन के …
Read More »अपने अपने एजेंडे पर भाजपा और कांग्रेस, वोटर पर निगाहें
उत्कर्ष सिन्हा कुछ अरसा पहले गुजरात विधानसभा चुनावों से शुरू हुआ सिलसिला 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान पर भी जारी रहा । इस दरमियान कई राज्यों के विधानसभा चुनाव हुए और देश की संसद का भी चुनाव हुआ, लेकिन कांग्रेस ने अपनी लाइन नहीं बदली है । दिल्ली …
Read More »शिखा सिंह की कविताएं
शिखा सिंह इस दौर की उभरती हुई कवियत्री हैं । संप्रति वे फर्रुखाबाद में रहती हैं और कविता सृजन कर रही हैं । स्त्री विमर्श और रिश्ते उनकी कविताओं का केंद्र रही हैं । 1. कितने कैद खानें स्त्री तेरे कितने कैदखाने मांथे पर बिंदी की कैद नाक में बेशर …
Read More »क्या अब चुनाव से खत्म हो गया है “राजनीति” का रिश्ता ?
उत्कर्ष सिन्हा पहली बार में ये शीर्षक जरूर अटपटा लगेगा , मगर थोड़ी देर सोचने में क्या हर्ज है । आप कह सकते हैं कि भारतीय संविधान ने यह व्यवस्था दी है कि भारत में मतदान की प्रक्रिया के बाद चुने हुए लोग अगले 5 साल के लिए सरकार बनाएंगे …
Read More »यूपी के वित्त विभाग में शासन पर भारी है एक अधिकारी
जुबिली न्यूज ब्यूरो यूपी के सरकारी खजाने पर निगरानी रखने वाले महकमे की निगरानी करने वाले खुद ही आरोपों के घेरे में आ गए हैं । सहकारी समितियां एवं पंचायतें की लेखा परीक्षा विभाग के मुखिया पर ही भ्रष्टाचार और शासन के आदेशों के निर्णय और तबादलों एवं नियुक्तियों में …
Read More »2000 के नोट से जुड़ी ये खबर सावधान करने वाली है
जुबिली पोस्ट डेस्क जब से नोटबंदी हुई है तब से रह रह के ये आशंका बनी रहती है कि कही ये दोबारा न हो जाए । कई बार तो ये भी अफवाह उडी कि दो हजार का नोट बंद किया जा सकता है । ऐसी अफवाहों का रिजर्व बैंक ने …
Read More »