कृष्णमोहन झा मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने हाल में ही दंड बिधि बिल राज्य विधानसभा में मत विभाजन के जरिए पारित कराकर यह तो साबित कर दिया है कि विधानसभा के अंदर उसे स्पष्ट बहुमत हासिल है, परंतु भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के जो बयान आ रहे हैं …
Read More »Utkarsh Sinha
सियासी मँझधार मे राम : रामराज्य के दावे के विरुद्ध रामधुन
उत्कर्ष सिन्हा एक तरफ राम राज्य के दावे और दूसरी तरफ दावा करने वालों के सामने रामधुन का कीर्तन, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ फिलहाल इसी तमाशे की चश्मदीद बनी हुई है । इसकी वजह बनी है चर्चित उन्नाव रेप केस की पीडिता के साथ हुई दुर्घटना, पीडिता जिंदगी और …
Read More »उन्नाव बलात्कार पीड़ित परिवार का सफाया: क्या योजनाबद्ध थी दुर्घटना?
विवेक अवस्थी यह एक बॉलीवुड एक्शन सस्पेंस थ्रिलर की तरह झटका देता है, एक तेज ट्रक एक राजमार्ग पर एक कार को हिट करके सभी सवारों को गंभीर रूप से घायल कर देती है . जबकि दो को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया जाता है, एक कोमा में है …
Read More »उलटबांसी : अंत में त्रिवेदी भी नहीं बचेगा
अभिषेक श्रीवास्तव आजकल मुझे अल्लाामा इक़बाल बहुत याद आ रहे हैं। अब माहौल ही कुछ ऐसा है कि मुसलमानी नाम लेते हुए थोड़ा डर लगता है। पता चला उधर से कोई बल्लम उठाकर पूछ दिया- सुधाकर पांडे क्यों नहीं याद आ रहे? अब इससे क्या फ़र्क पड़ता है कि सुधाकर …
Read More »द लंपटगंज की व्यंग्य कथा- कठिन प्रेम का प्रेत का एक अंश
प्रख्यात व्यंग्यकार पंकज प्रसून की किताब “द लंपटगंज” आजकल चर्चा में है , जुबिली पोस्ट के पाठकों लिए खास पंकज प्रसून ने यह अंश भेजा है । आज की ट्यूशन क्लास में मास्टर साब कुछ इस तरह छात्रों को आनंदित कर रहे थे ‘डियर स्टुडेंट्स, इंग्लिश आज आगे है हिन्दी …
Read More »मौजूदा माहौल पर जबरदस्त व्यंग्य है पंकज प्रसून की “ लंपटगंज”
जुबिली न्यूज डेस्क लम्पटगंज, एक ऐसा जिला, जहां चोर चोरी सिर्फ इसलिए करता है जिससे पुलिस विभाग को काम मिलता रहे। जहां लोग बीमार भी इसलिए होते हैं जिससे डॉक्टर की रोजी रोटी चलती रहे। ज्यादा पढ़ाई भी नहीं करते,जिससे देश की किसानी बची रहे। जहां हाईस्कूल पास सबल युवा …
Read More »ये अधिकार पाने में आखिर क्यों लग गए चालीस साल !
राजेन्द्र कुमार उत्तर प्रदेश देश का प्रधानमंत्री देने के मामले में भले ही चौकस रहा हो. देश में अव्वल रहा हो, पर यहां की सरकारों को राज्य के नागरिकों को अग्रिम जमानत का अधिकार देने में चार दशक का वक्त लग गया. जाहिर है कि सूबे के सरकारों ने इस …
Read More »उलटबांसी : चंद्रयान मने कवियों का आपातकाल
अभिषेक श्रीवास्तव चंद्रयान गया। पिंड छूटा। कुछ इस तर्ज पर इसरो के वैज्ञानिकों के चेहरे से खुशी छलक रही थी। दुखी तो मीडिया वाले थे। वे कैमरा ताने हुए थे। बीच में बादल आ गया। छुप गया यान। सारी तैयारी बेकार। हो सकता है चौधरी जी मोटरसाइकिल लेकर पीछे निकल …
Read More »हर मामले में नेहरू गलत, तो सही कौन ?
संदीप पाण्डेय नेहरू को याद करने के दो ताजा कारण हैं । एक तो सोनभद्र नरसंहार को यूपी के सीएम आदित्यनाथ द्वारा 1955 की गलती बताना। दूसरे कुछ दिन पहले लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह द्वारा कश्मीर समस्या के लिए नेहरू को जिम्मेदार ठहराना। सोनभद्र नरसंहार के लिए 1955 के …
Read More »बीच भंवर में नवजोत सिद्दू की नैय्या ,कोई नहीं खिवइया
कृष्णमोहन झा क्रिकेट से राजनीति में आए कांग्रेस के बडबोले नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने आखिरकार पंजाब की अमरिंदर सरकार से इस्तीफा देना ही उचित समझा। पंजाब में गत विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की शानदार विजय के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्रित्व में सरकार का गठन हुआ था, तभी …
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