Friday - 12 January 2024 - 9:50 PM

कोरोना संकट में क्यों हो रही है ‘हेलिकॉप्टर मनी’ की चर्चा

न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली। आपने कभी ये कल्पना की है कि आप सुबह सोकर उठें और आप अपने बैंक से आए मैसेज को देखें। जब आपको पता चलता है कि आपके खाते में अतिरक्त पैसे जमा हो गए हैं तब आपको कैसा फील होता है। शायद सपने जैसा- हां ये एक कोरी कल्पना है लेकिन ये संभव भी हो सकता है, वो भी ‘हेलीकॉप्टर मनी’ के द्वारा।

दरअसल सरकार उपभोक्ताओं की मदद करने के लिए यह तरीका अपनाती है। इसके मुताबिक सरकार हेलीकॉप्टर मनी सीधे उपभोक्ताओं को उनके खातों में भेज देती है।

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आपको बता दें कि सरकार का इस हेलीकॉप्टर मनी के पीछे यह उद्देश्य होता है कि लोग अपना खर्च बढ़ाएं ताकि अर्थव्यवस्था में मजबूती आए। इसके बाद बाजारों में जैसे- जैसे ग्राहकों की डिमांड बढ़ेगी वैसे ही देश की इकोनॉमी भी मजबूत होती जाएगी।

देश में कोरोना संकट के बीच आर्थिक संकट गहरा गया है। संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए देशभर में लॉकडाउन कर दिया गया। इसकी मियाद 14 अप्रैल यानि कल खत्म हो रही है, लेकिन कोरोना वायरस के गहराते संकट को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसे और बढ़ाया जा सकता है।

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कई राज्य में इसे बढ़ाकर 30 अप्रैल तक कर दिया गया है। ऐसे में इसमें कोई आशंका नहीं है कि लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधि ठप होने के कारण देश को भारी नुकसान हो रहा है। सरकार ने राहत पैकेज की घोषणा तो की, लेकिन वो गरीबों और मजदूर वर्ग के लिए था।

अब उम्मीद की जा रही है कि सरकार लॉकडाउन की वजह से हो रहे आर्थिक नुकसान को देखते हुए हर सेक्टर के लिए वित्तीय पैकेज की घोषणा मांग की जा रही है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने रिजर्व बैंक से हेलिकॉप्टर मनी जारी करने की मांग की है। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि ये ‘हेलिकॉप्टर मनी’ क्या होती है।

क्या होता है हेलिकॉप्टर मनी

आर्थिक संकट के बीच जब खर्च कम हो जाता है तो सरकार मुफ्त पैसे बांटकर लोगों के खर्च और उपभोग को बढ़ावा देती है। ताकि लोगों के खर्च में बढ़ोतरी होने से मांग बढ़ती है और अर्थव्यवस्था में सुधार आता है। इस पैसे को ‘हेलिकॉप्टर मनी’ कहा जाता है।

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हेलीकॉप्टर मनी के जरिए सीधे उपभोक्ताओं के खाते में पैसे भेजे जाते हैं। इसके पीछे मकसद होता है कि पैसे होने पर लोगों का खर्च बढ़ेगा। लोग अपना खर्च बढ़ाएं तो मांग बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी।

इस हेलीकॉप्टर मनी के जरिए सरकार का मकसद होता है कि जैसे-जैसे बाजार में ग्राहकों की डिमांड बढ़ेगी वैसे ही देश की इकोनॉमी भी मजबूत होती जाएगी और देश आर्थिक संकट से बाहर आ सकेगा।

पहली बार कब हुआ इसका इस्तेमाल

हेलीकॉप्टर मनी की खोज साल 1969 में नोबेल पुरस्कार सम्मानित अमेरिकी अर्थशास्त्री मिल्टन फ्रीडमैन ने किया था। इस हेलीकॉप्टर मनी का इस्तेमाल सरकार उस वक्त करती है जब देश में आर्थिक संकट चरम पर हो, देश में मंदी की स्थिति बन गई हो।

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ऐसे में सरकार गिरती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए बड़े पैमानें पर नोटों की छपाई करती है और बाजार की लिक्वीडिटी को बनाए रखने के लिए जनता से खरीददारी की अपील करती है। सरकार लोगों के खाते में सीधे पैसा भेजती है, ताकि लोगों का खर्च बढ़े।

कोरोना की वजह से शुरू हुई चर्चा

एक बार फिर से इस हेलीकॉप्टर मनी की चर्चा शुरू हुई है। दरअसल कोरोना वायरस की वजह से देश- दुनिया की अर्थव्यवस्था हिल गई है। ऐसे में एक बार फिर से ‘हेलीकॉप्टर मनी’ की चर्चा शुरू हो गयी है।

लॉकडाउन औक कोरोना वायरस के कारण इकोनॉमी पर पड़े असर की वजह से इसके प्रचलन में आने की संभावना जताई जा रही है। माना जा रहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद दुनिया में ऐसे हालात पैदा हुए हैं कि सुपरपावर अमेरिका, जापान सहित दुनिया के कुछ अन्य देश इस हेलीकॉप्टर मनी का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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