Saturday - 6 January 2024 - 8:15 PM

सरकारों के लिए लॉकडाउन बन रही चुनौती

न्यूज डेस्क

कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए फिलहाल दुनिया के तमाम देशों के पास लॉकडाउन छोड़कर दूसरा विकल्प नहीं दिख रहा है। इस लॉकडाउन की वजह से लोगों में निराशा और हताशा बढ़ती जा रही है। अब दुनिया के तमाम देशों के सामने ये मुसीबत है कि लॉकडाउन को खत्म करें तो कैसे करें या फिर पूरी तरह से लॉकडाउन खत्म करने की जगह सिर्फ कुछ पाबंदियों को खत्म किया जाए।

लॉकडाउन खत्म करने के साथ कोरोना के संक्रमण को नियंत्रित करने और लोगों को भी बचाने की चुनौती सरकारों के सामने होगी। चीन ने हाल में ही वुहान में जारी लॉकडाउन को खत्म किया था लेकिन इसके बाद वहां संक्रमण के कई मामले सामने आए हैं। जिसने अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। कोरोना से निपटने की लड़ाई लंबी होने वाली है। ये सिर्फ कुछ हफ्तों की बात नहीं लगती।

यह भी पढ़े:  पहले भी आ चुका है कोरोना, बस नया वाला थोड़ा अलग है

लॉकडाउन क्यों है जरूरी

संक्रमण के मामले कम होने के साथ ही हम सीधे सामान्य जीवन की ओर नहीं लौट सकते। अब ब्रिटेन का ही मामला देखिए। वहां संक्रमित होने वालों का अनुमान चार फीसदी बताया जा रहा है। या फिर इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि करीब 63 लाख लोगों पर संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है। अगर हम लॉकडाउन खत्म कर देते हैं ये हो सकता है कि स्थिति एक और विस्फोटक रूप ले लेगी। बिना लॉकडाउन वाली स्थिति में एक संक्रमित व्यक्ति औसतन तीन व्यक्ति को संक्रमित करेगा। लॉकडाउन के वजह से इस दर में करीब 60 से 70 फीसदी की गिरावट आ गई है। अगर हम सोशल डिस्टेंसिंग खत्म करते हैं तो इसकी जगह हमें वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए कोई और उपाय करने होंगे। कई देशों में लॉकडाउन काफी संभल रहा है। 70 फीसदी से ज्यादा संक्रमण को रोकने में कामयाबी मिली है।

स्पेन में लॉकडाउन में मिली आंशिक छूट

कोरोना संक्रमणों के मामले में अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर आने वाले यूरोपीय देश स्पेन में लॉकडाउन में आंशिक छूट दे दी गई है। कुछ और देश भी ऐसा करने पर विचार कर रहे हैं। स्पेन में 13 अप्रैल से अतिआवश्यक सेवाओं के अलावा भी कई तरह के कामकाज से जुड़े लोगों को काम पर जाने की छूट मिल गई।

कोरोना वायरस की महामारी से बहुत बुरी तरह प्रभावित रहे कई देशों में अब मृत्यु दर धीमी होती नजर आई है। इटली, फ्रांस और अमेरिका तीनों ही देशों में बीते 24 घंटों में मरने वालों की तादाद में कमी आई है। यूरोप में कोविड-19 के सबसे ज्यादा संक्रमण झेलने वाले इटली में बीते तीन हफ्तों की सबसे कम मौतें हुईं हैं।

सिर्फ स्पेन में कोरोना संक्रमण से 17,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसा भी नहीं है कि स्पेन कोरोना संकट से बाहर निकल गया है। स्पेन के प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज ने लोगों को चेतावनी देते हुए कहा है कि देश अभी “जीत से बहुत दूर” है। सांचेज  ने कहा, “हम सब सड़कों पर वापस निकलने के लिए बेचैन हैं.. लेकिन इस बीमारी से जंग जीतने और इसे वापस लौटने से रोकने की हमारी इच्छा इससे कहीं बड़ी है।”

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए दुनिया की करीब आधी आबादी इस समय अपने घरों में बंद है। चीन के वुहान से निकले वायरस ने अब तक एक लाख से भी ज्यादा लोगों की जान ले ली है। इसने हेल्थकेयर सिस्टम पर अभूतपूर्व दबाव डाला है और विश्व के तमाम देशों की अर्थव्यवस्थाओं को पंगु बनाता नजर आ रहा है।

कोरोना वायरस की वजह से हर पांच में से एक मौत दर्ज कर रहे अमेरिका में संक्रामक बीमारियों के बारे में सरकार के टॉप एक्सपर्ट एंथोनी फॉकी ने भी ऐसी संभावना जताई है कि महामारी शायद अपने शीर्ष पर पहुंच चुकी है। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा है कि अमेरिका मे भी मई में पाबंदियों में ढील देने की शुरुआत की जा सकती है। उन्होंने यह साफ किया कि ऐसा नहीं होगा कि किसी “लाइट स्विच” की तरह देश एकदम से चालू हो जाएगा।

भारत में लागू 21 दिनों के लॉकडाउन की मियाद मंगलवार को पूरी हो रही है। ऐसी चर्चा है कि दो सप्ताह के लिए लॉकडाउन बढ़ाया जायेगा। कई राज्यों ने पहले ही अप्रैल के अंत तक लॉकडाउन करने की घोषणा कर चुकी हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मंगलवार को सुबह दस बजे देशवासियों को संबोधित करेंगे, जिसमें पता चलेगा कि सरकार लॉकडाउन खत्म करने जा रही है या बढ़ाने जा रही है या आंशिक छूट देने जा रही है।

यह भी पढ़े: कोरोना संकट के बीच आजादी कितनी जरूरी ?

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com