Sunday - 7 January 2024 - 2:03 PM

रामदेव को एलोपैथी विवाद में HC से झटका, कहा- आरोप सही या गलत, ये बाद…

जुबिली न्यूज डेस्क

एलोपैथी विवाद में दिल्ली उच्च न्यायालस ने बाबा रामदेव को झटका देते हुए सोमवार को कहा कि यह याचिका विचार के योग्य है। इसे पहले चरण में बाहर नहीं किया जा सकता है।

अदालत ने कहा कि चिकित्सक संघों के आरोप सही या गलत हैं ये बाद की बात है लेकिन केस को यूं नहीं फेंक सकते। चिकित्सक संघों ने दलील दी है कि योग गुरु बाबा रामदेव अत्यधिक प्रभावशाली व्यक्ति हैं। वह न केवल एलोपैथिक उपचार, बल्कि कोरोना के टीके के बारे में भी आम जनता के मन में संदेह पैदा कर रहे थे।

जस्टिस सी हरि शंकर ने कहा कि पहले यह देखने की जरूरत है कि क्या वाद में लगाए गए आरोप किसी मामले पर विचार करने योग्य है। आरोप सही हो सकते हैं या गलत हो सकते हैं। वो कह सकते हैं कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा। इस पर गौर करने की जरूरत है।

अदालत ने कहा कि पहली नजर में लगता है कि वर्तमान मुकदमे को मुकदमा चलाने की अनुमति दिए बिना यू ही नहीं फेंका जा सकता है। उच्च न्यायालय ने मामले को 27 अक्टूबर को लिस्ट किया, जिससे रामदेव के वकील अपनी दलीलें पेश कर सकें।

यह भी पढ़ें :  बुद्ध पर ज्ञान तो ठीक,समर्पण भाव भी दिखना चाहिए  

यह भी पढ़ें :  मेजबानी की भूमिका के लिए तैयार है इकाना स्टेडियम

यह भी पढ़ें :  रामदेव को एलोपैथी विवाद में HC से झटका, कहा- आरोप सही या गलत, ये बाद…

मालूम हो कि एलोपैथिक डॉक्टरों की संस्थाओं ने आरोप लगाया कि रामदेव जनता को गुमराह करने के लिए कह रहे थे कि एलोपैथी कोरोना से संक्रमित कई लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार थी।

चिकित्सक संघों की पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने कहा कि एक महामारी के बीच योग गुरु ने कोरोनिल पर कोविड -19 के इलाज के लिए निराधार दावे किए, जो केवल इम्यूनिटी बूस्टर होने के लिए दवा को दिए गए लाइसेंस के विपरीत था।

उनकी दलील थी कि बाबा रामदेव के बयान वास्तविक राय नहीं थे, बल्कि मार्केटिंग और व्यावसायिक उपयोग के लिए बनाए गए थे।

यह भी पढ़ें :  रोहित शर्मा को ड्राप करने के सवाल पर विराट कोहली ने क्या कहा?

यह भी पढ़ें : WHO प्रमुख ने फिर दुनिया को चेताया- कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई…

यह भी पढ़ें :  भारत में आज से इंटरनेशनल यात्रियों को नहीं रहना होगा क्वारंटाइन, नए दिशानिर्देश लागू 

दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को वाणिज्यिक लाभ लेने का अधिकार है। लाभ वास्तव में कोई आधार नहीं है। रामदेव के बयान को आप सार्वजनिक तौर पर गलत साबित करें।

कोर्ट ने एलोपैथिक दवाओं के खिलाफ कथित बयानों और पतंजलि के कोरोनिल किट के दावों के संबंध में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर गत तीन जून को रामदेव को समन जारी किया था।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com