Wednesday - 10 January 2024 - 5:09 PM

यूएन का महिलाओं के खिलाफ हिंसा का मुकाबला करने का ऐलान

जुबिली न्यूज डेस्क

संयुक्त राष्ट्र  ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा का मुकाबला करने का ऐलान किया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने दुनिया भर के नेताओं से अपील की है कि वह समाज में महिलाओं की समान भागीदारी को और अधिक बढ़ाएं।

संयुक्त राष्ट्र आयोग के 65वें सत्र के उदघाटन के मौके पर गुटेरेश ने कहा कि, “कोविड-19 से उबरने की यह अवधि हमारे लिए एक मौका है कि हम पुरुष और महिला दोनों के समान भविष्य के लिए एक रास्ते का निर्धारण करें।”

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गुटरेश ने कहा कि हम हथियारों की खरीद में खरबों खर्च करते हैं जो हमें सुरक्षित बनाने में विफल रहते हैं, जबकि हम लोग महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा को नजरअंदाज कर देते हैं। यूएन की ही रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की हर तीन में से एक महिला ने अपने जीवन में यौन हिंसा का सामना किया है।

यूएन के महासचिव ने वैश्विक नेताओं से पांच मुख्य बिंदुओं का निर्धारण करने को कहा है, जिसमें भेदभावपूर्ण कानूनों को निरस्त कर और सकारात्मक उपायों को लागू करते हुए महिलाओं के समान अधिकारों की सुनिश्चितता, कोटा सहित विशेष उपायों के माध्यम से दोनों का समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना, अर्थव्यवस्था और सामाजिक सुरक्षा की बात को ध्यान में रखते हुए समान वेतन, समान ऋ ण, समान नौकरी और महत्वपूर्ण निवेश के माध्यम से महिलाओं के आर्थिक समावेशन को आगे बढ़ाना, महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को दूर करने के लिए हर देश में एक आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना को लागू करना।

कोरोना काल में दुनिया भर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले में तेज वृद्धि देखने को मिली है। महासचिव गुटेरेश ने कहा, “महिलाओं की समान भागीदारी एक ऐसा बदलाव है, जिसकी हमें जरूरत है। ऐसे कई उदाहरण हैं जिनसे पता चलता है कि महिलाओं की भागीदारी से आर्थिक क्षेत्र, सामाजिक संरक्षण, जलवायु में सुधार आया है।”

सोमवार से न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महिलाओं की स्थिति और पूर्ण लैंगिक समानता हासिल करने और निर्णय प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर संयुक्त राष्ट्र आयोग का 65वां सत्र शुरू हुआ।

कोरोना महामारी के कारण यह सत्र ऑनलाइन हो रहा है। इस मौके पर गुटेरेश ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले ज्यादा नुकसानदायक परिणामों का सामना करना पड़ा, जैसे कि नौकरी का जाना, यौन शोषण और बाल विवाह।

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महासचिव ने कहा कि दुनिया के सिर्फ 22 देश में ही महिलाएं सरकार की प्रमुख हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के अनुसार कोरोना वायरस महामारी ने “पुरुषों को निर्णय लेने के लिए हावी होने का और एक मौका दे दिया है।”

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