स्पेशल डेस्क
कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ है। इस वजह से देश में गरीबों को जिदंगी भी खतरे में पड़ गई है। आलम तो यह है गरीबों को अब अपना जीवन बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
दूसरी ओर सरकार कोरोना से निपटने के लिए सरप्लस चावल से सेनिटाइजर और इथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल बनाने की तैयारी में है। बता दें कि जब से देश में लॉकडाउन लगा है तब से कई परिवार भूखे मरने पर मजबूर है।
लॉकडाउन की वजह से कुछ लोगों को बड़ी मुश्किल से एक वक्त का खाना नसीब हो रहा है। इतना ही नहीं लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर भुखमरी के दौर से गुजर रहे हैं जबकि भारतीय खाद्य निगम के गोदाम अनाजों से भरे है।
उधर सरकार ने इस फैसले के पीछे राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 को बताया है। इसके तहत अतिरिक्त अनाज को इथेनॉल में बदलने की मंजूरी दी है। जानकारी के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के बाद इसपर फैसला लिया गया है। इस बैठक में फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया और मंत्रालय के लोग मौजूद थे।
हालांकि इस बैठक में सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पूरा ख्याल रखा गया है। सरकार ने तय किया है कि भारतीय खाद्य निगम के पास उपलब्ध अधिशेष चावल को उपयोग के लिए इथेनॉल में बदला जा सकता है।
हालांकि सरकार यह फैसला तब आया जब देश में लॉकडाउन लगा हुआ है और कोरोना की डर से लोगों का रोजगार खत्म होने की कगार पर है और गरीब खाने के लिए तरस रहा है।