Sunday - 7 January 2024 - 1:32 PM

करते है UPI से पेमेंट तो जान ले अपने काम की खबर

जुबिली न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली। गूगल पे, पेटीएम और फोन-पे समेत थर्ड पार्टी पेमेंट ऐप के माध्यम से UPI पेमेंट करने वालों के लिए बड़ी खबर है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स पर एक जनवरी, 2021 से 30 फीसदी कैप लगाने का फैसला लिया है। NPCI ने थर्ड पार्टी ऐप्स के एकाधिकार को खत्म करने के लिए यह निर्णय लिया है।

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स पर 30 फीसदी कैप लगाने का फैसला किया गया है।

ये भी पढ़े: तो क्या श्वेता तिवारी ने कर ली तीसरी शादी ! देखें तस्वीरें

ये भी पढ़े: सेक्स पर पूछे गये सवाल को लेकर क्या बोली कियारा आडवाणी

NPCI ने यह फैसला भविष्य में किसी भी थर्ड पार्टी ऐप की मोनोपॉली रोकने और उसे साइज के हिसाब से मिलने वाले विशेष फायदे से रोकने के लिए किया है। NPCI के इस फैसले से UPI ट्रांजेक्शन में किसी भी एक पेमेंट ऐप का एकाधिकार नहीं होगा।

ये भी पढ़े: क्या जॉर्ज डब्ल्यू बुश जैसा करिश्मा दोहरा पाएंगे डोनाल्ड ट्रंप ?

ये भी पढ़े: तो भाजपा के शीर्ष नेताओं के निर्देश पर राम रहीम को खट्टर सरकार ने दी पैरोल?

NPCI द्वारा थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स पर 30 फीसदी कैप लगाने से इन ऐप्स का UPI लेनदेन के मामले में एकाधिकार नहीं बन पाएगा। इस फैसले से आने वाले समय में थर्ड पार्टी ऐप के एकाधिकार को रोका जा सकेगा।

सरकार द्वारा बताया गया है कि देश में हर महीने करीब 200 करोड़ UPI लेनदेन हो रहे हैं। ये UPI लेनदेन विभिन्न पेमेंट्स ऐप्स के माध्यम से हो रहे हैं। सरकार का कहना है कि आने वाले दिनों में देश में UPI लेनदेन का आंकड़ा और बढ़ेगा।

दरअसल, UPI ट्रांजेक्शन में और तेजी आने की उम्‍मीद है, इसलिए NPCI थर्ड पार्टी ऐप के ट्रांजेक्‍शन पर लगाम लगा रहा है। 1 जनवरी के बाद ऐप टोटल वॉल्यूम का ज्‍यादा से ज्‍यादा 30 फीसदी ट्रांजेक्शन ही कर पाएंगे। इसके साथ ही 1 जनवरी 2021 से चेक के जरिए फर्जीवाड़ा रोकने के लिए नई व्यवस्था शुरू हो रही है।

ये भी पढ़े: योगी सरकार ने वापस लिया पुलिसकर्मियों के डिमोशन का आदेश

ये भी पढ़े: छत्तीसगढ़ सरकार ने 8 करोड़ में खरीदा गोबर

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com