Wednesday - 10 January 2024 - 8:19 AM

योगी सरकार को एंटी इनकम्बेंसी के साये से बचाने के लिए मुस्तैद बना है पार्टी संगठन

केपी सिंह

आगामी 18 मार्च को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के तीन वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। इस दरम्यान जनभावनाओं की कसौटी पर यह सरकार कितनी खरी उतरी इसकी पड़ताल आसान नहीं है। जिन लोगों ने उम्मीद की थी कि योगी प्रदेश में हिन्दू राष्ट्र के एजेंडे को फलीभूत करने में कामयाब होगें उनकी निगाह में निश्चित रूप से वे शतप्रतिशत अंक के हकदार हैं।

भाजपा का भी कोई अन्य नेता इतनी मुस्तैदी के साथ हिन्दुत्व के एजेंडे पर काम करने की दिलेरी नहीं दिखा सकता था जितना आगे बढ़कर योगी ने कर दिखाया है। पर जहां तक शासन की गुणवत्ता के बिन्दु हैं जिनमें भ्रष्टाचार पर नियंत्रण और कानून व्यवस्था प्रमुखता से शामिल है, ऐसे मुद्दों पर उनकी सरकार ने लोगों को निराश किया है। विकास के नाम पर उनकी बड़ी-बड़ी घोषणायें खोदा पहाड़ निकली चुहिया साबित हो रही हैं।

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इसके बावजूद एन्टी इनकम्बेंसी फैक्टर को प्रभावी होने से रोकने के लिए पार्टी संगठन प्रतिरोधक की भूमिका में कारगर दिख रहा है। प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने योगी सरकार की उपलब्धियों का एहसास बच्चे-बच्चे में भरने के लिए 19 मार्च से 24 मार्च तक विशेष अभियान चलाने की घोषणा की है।

इस दौरान प्रदेश के कोने-कोने को मथने का काम किया जायेगा। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के लिए परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण होती जा रही हैं। वैसे तो पहले साल में ही योगी सरकार के लिए हालात पुरसाहाल नहीं रहे थे। उप चुनावों में उन्हें अपने कब्जे वाली सीटें बड़े अंतर से गंवा देनी पड़ी थी।

भला हो पुलवामा कांड का जिससे लोकसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में आंधी चल उठी और मोदी का करिश्मा लोगों के सिर चढ़कर बोलने लगा। नतीजतन उत्तर प्रदेश में भी भाजपा की बल्ले-बल्ले हो गई। अगर योगी इस भुलावे में हैं कि उनका जादू चल रहा है तो उन्हें धोखे का शिकार होना पड़ सकता है।

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सरकारी विभागों में रिश्वतखोरी की इंतहा ने जनमानस को दुखी करके रख दिया है। इसके खिलाफ कोई सुनवाई करने वाला नहीं है। सरकार की ज्यादातर डींगें फरेब साबित हो रही हैं। बोर्ड परीक्षाओं में नकल रोकने के नाम पर उसकी हुंकार का खोखलापन साफ उजागर हो गया।

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ऊपर से परीक्षा केन्द्रों पर शांति रही लेकिन भीतर परीक्षा केन्द्रों में जिस तरह से सामूहिक नकल हुई है उसकी पोल उत्तर पुस्तिकाओं की सही ढ़ंग से जांच होने पर सामने आ सकती है। प्लास्टिक मुक्त प्रदेश की छीछालेदर भी सरकारी कार्रवाइयों के खोखलेपन के नमूने को पेश करती है।

बाजार में पहले की तरह अब पाॅलीथिन थैलियां चलने लगी हैं। वाहनों की चैकिंग भी खाना पूर्ति के लिए हो रही है। पुलिस के सामने ही लोग बिना हैलमेट पहने वाहन चलाते हुए निकल जाते हैं। कांवेट स्कूलों के हतोत्साहन की नीति भी ठंडे बस्ते में दफन की जा चुकी है।

उनके द्वारा मनमानी फीस की वसूली फिर शुरू कर दी गई है। उस पर सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों के जबरदस्त दमन के रवैये से सत्तारूढ़ विरोधी वोटरों के एक ध्रुव पर लामबंद होने के आसार बढ़ गये हैं जो किसी भी चुनाव में भाजपा को महंगा पड़ेगा।

पर भाजपा का संगठन राज्य सरकार के लिए सचमुच रक्षा कवच बन गया है। प्रदेश भाजपा की कमान जब स्वतंत्रदेव सिंह को सौपी गई थी तो लोगों ने नाक, मुंह सिकोड़ लिये थे।

पर संगठन को बराबर सरगर्म रखने का जो परिश्रम स्वतंत्रदेव करके दिखा रहे हैं वह पहले न कभी संभव था और न आगे संभव होगा। इस रणनीति से कार्यकर्ता बराबर संगठन के विस्तार की कवायद में लगे रहते हैं। कार्यकर्ताओं की नई-नई पौध तैयार होती रहती है। जनसामान्य को भाजपा के आकर्षण में उलझाये रखने में यह कवायद बेहद कामयाब है।

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इस महीने भी स्वतंत्रदेव की गजब की मेहनत का नमूना देखने में आया। पहले उन्होंने विधान परिषद के स्नातक क्षेत्र के चुनाव के लिए जिले-जिले में सघन भ्रमण किया फिर भी उन्हें ढंग से सांस लेना गंवारा नहीं हुआ। सरकार की तीन वर्ष की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने के बृहद कार्यक्रम की रूपरेखा उन्होंने जारी कर रखी है।

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इसके तहत सांसद और विधायको को भी अपने निर्वाचन क्षेत्र के पांच-पांच गांवों का जिम्मा सरकार की उपलब्धियों बताने के नाम पर लोगों तक पहुंचने के लिए सौंपा है। प्रचार के लिए उन्होंने माइक्रो मैनेजमेंट का ताना बाना बुना है। सभी 57 हजार से अधिक गांवों में पत्रकों का वितरण कराया जायेगा।

27 हजार सेक्टरों में बैठक व संवाद के कार्यक्रम होंगे इनमें प्रमुख जन कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों से लोगों को अवगत कराया जायेगा ताकि जन मानस में योजनाओं की विश्वसनीयता को स्थापित किया जा सके।

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इस दौरान सभी ब्लाकों में जन आरोग्य मेलों के माध्यम से निचले स्तर पर स्वास्थ्य परीक्षण व दवाओं का वितरण कराया जायेगा। यहां तक कि बच्चों से भी संवाद का कार्यक्रम है। सरकारी स्कूलों में इसके लिए संपर्क व संवाद होगा। पार्टी ने प्रदेश में अपनी शक्ति परखने के लिए पंचायत चुनाव में भी सीधे संघर्ष करने की रूपरेखा बनाई है। इसका प्रभार तेज तर्रार महामंत्री विजय बहादुर पाठक को सौंपा गया है।

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विरोधी दल खुद बहुत ज्यादा कुछ करने की बजाय बिल्ली के भाग्य से छींका टूटने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं भाजपा का संगठन हर अपशकुन को समय रहते टालकर जन प्रियता की किसी भी क्षति की समय रहते मरम्मत करते रहने की तैयारी में संलग्न हैं।

(डिस्क्लेमर : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति Jubilee Post उत्तरदायी नहीं है।)

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