Sunday - 7 January 2024 - 9:28 AM

कानाफूसी : यूपी के ज्ञानी अफसर

राजेन्द्र कुमार

वर्तमान में यह साहब एडीजी के पद पर तैनात हैं। चंद वर्षों में ही वह डीजी भी बन जायेंगे। पुलिस महकमें में इस साहब को बालू से तेल निकालने वाला अफसर कहा जाता है। अपनी इस खूबी के चलते ये साहब मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्त, राजनाथ सिंह, मायावती और अखिलेश यादव के शासनकाल में जलवेदार पदों पर रहे। अब भी साहब महत्वपूर्ण पद पर हैं, और उनके साथ के कई अफसर हासिये पर पड़े हैं।

एडीजी साहब के मलाईदार पदों पर काबिज रहने की कई वजहें है, ये सोचते बहुत हैं। सोने के कारोबारियों का गोरखधंधा साहब ने ही खोज कर सोने के ब्लैक कारोबार को रोका था। इसी प्रकार उन्होंने भू माफिया और बिल्डरों को पुलिस की पावर का अहसास कराया था।

अखिलेश सरकार में साहब ने प्रदेश भर के ठेकदारों पर गाज गिराकर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया था। और अब साहब अपने ज्ञानी होने की धाक जमाने बिहार जा रहे हैं। जहां वह पुलिस को आन लाइन एफआईआर करने से लेकर तमाम तरह का तकनीकी ज्ञान देंगे।

पुलिसिंग को लेकर यूपी पुलिस तकनीक का इस्तेमाल करने को लेकर बिहार पुलिस से आगे है। यूपी में एफआइआर से लेकर जीडी व अन्य सूचनाएं ऑनलाइन हैं, सीसीटीएनएस के साथ आइसीजेएस (इंटरऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम) के तहत पूरे देश में कारागार, पुलिस, अभियोजन, कोर्ट व विधि विज्ञान प्रयोगशाला आपस में जुडी हैं। अब बिहार में जल्द एफआइआर से लेकर जीडी व अन्य सूचनाएं ऑनलाइन होंगी।

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सीसीटीएनएस के साथ आइसीजेएस (इंटरऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम) के तहत पूरे देश में कारागार, पुलिस, अभियोजन, कोर्ट व विधि विज्ञान प्रयोगशाला को आपस में जोड़ने की कसरत में बिहार भी शामिल हो रहा है। यानि बिहारीबाबू को भी अब बिना थाने जाए एफआइआर लिखाने की सुविधा हासिल होगी। यह सब करने के लिए बिहार पुलिस ने यूपी पुलिस को भी याद किया। तो एडीजी साहब को बिहार पुलिस की पाठशाला लगा ज्ञान देने के लिए भेजने का आदेश जारी किया गया है। यानि अब एडीजी साहब गुरू के रूप में बिहार जाकर वहां की पुलिस को तकनीकी ज्ञान से अवगत कराते हुए बिहार की पुलिसिंग को बेहतर बनाने की टिप देंगे।

हवा हुई हेकड़ी

युवा आईपीएस अफसर अपनी हेकड़ी में रहते हैं। इन्हें लगता है कि वह जो कुछ कर रहे हैं, वही सही है। पुलिस महकमें के तमाम नियम कायदों में बदलाव कर उन्हें लागू करना इनकी आदत में शुमार होने लगा है। जिस बखान भी वो भी शान से अपने आला अफसरों के बीच करते हैं। बीते दिनों सूबे के कार्यकारी डीपीपी हितेश चंद्र अवस्थी को भी युवा आईपीएस अफसरों के ऐसे तेवर देखने को मिले। हुआ यह कि डीपीपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पुलिस अफसरों से बात कर रहे थे। इसी दरमियान उन्होंने भगवान बुद्ध के प्रमुख तीर्थ स्थलों में शुमार किये जाने वाले जिले के पुलिस कप्तान से बीट पुलिसिंग को लेकर सवाल किये।

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इस युवा पुलिस अधिकारी के पिता पुलिस महकमें में हेड कांस्टेबल हैं। उन्होंने अपने बेटे को आईपीएस बनाने का सपना देखा था और उनके इस बेटे ने पढ़ाई में मन लगाकर उनका यह सपना पूरा किया और पुलिस कप्तान बन गया।

इस युवा अफसर से डीजीपी ने पूछा कि कितनी जनसख्या पर जिले में बीट का निर्धारण किया है ? तो उक्त पुलिस कप्तान ने कहा कि चार गांव पर एक बीट बनाई है। यह उत्तर सुनते ही डीजीपी साहब समझ गए कि इस युवा कप्तान को भी पुलिस के नियम कायदों को अपनी सोच के अनुसार लागू करने की आदत है। बस फिर क्या था डीजीपी साहब बोले, इसका मतलब है कि मेरा भेजा सर्कुलर आपने देखा तक नहीं।

3 जनवरी को भेजे गए सर्कुलर में शहरी क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र में कितनी जनसंख्या पर बीट होगी वह सब लिखा है। फिर भी आप अपनी सोच के अनुसार बीट का निर्धारण कर रहें हैं। ऐसे नहीं चलेगा। यह कहते हुए डीजीपी अफसरों के जमकर पेंच कसे। उन्होंने कहा कि आप लोग डीजीपी का सीयूजी नंबर देखते हैं तो फोन उठाते हैं। अफसर अपना सीयूजी नंबर अपने पास रखने में और आम लोगों का फोन रिसीव करने में अपनी तौहीन समझते हैं। डीजीपी के सर्कुलर पर निगाह भी नहीं डालते हैं। विवेचनाओं की मॉनीटरिंग में लापरवाही होती है। आखिर किस बात के अधीक्षक हैं ? कौन क्या कर रहा है और कौन कितना काबिल है मुझे सब जानकारी है। ऐसे अफसर सुधर जाएं नहीं तो मेरी कलम चलेगी तब ज्यादा नुकसान होगा।

भ्रष्टाचार की शिकायत आई तो विजिलेंस और एंटी करप्शन से जांच कराएंगे। प्रमोशन से डेप्युटेशन तक सब प्रभावित होगा। इसलिए आप सबको अपनी जिम्मेदारियों पर ध्यान देना होगा। क्योंकि मुझे मुझे काम से मतलब है। डीजीपी के इस प्रवचन से सूबे के युवा आईपीएस अफसरों की हेकड़ी हवा हो गई है और हर जिले में डीजीपी के सर्कुलर के हिसाब से बीट का निर्धारण पुलिस कप्तानों ने कर दिया है।

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(डिस्क्लेमर : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति Jubilee Post उत्तरदायी नहीं है।)

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