Sunday - 7 January 2024 - 9:18 AM

अब कैदी बनकर जेल में रहेंगे यह जेल अधीक्षक क्योंकि…

जुबिली न्यूज़ ब्यूरो

नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने तिहाड़ जेल के पांच अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी अपराधी सुकेश चन्द्रशेखर की 200 करोड़ रुपये की वसूली में मदद करने और इसके बदले हर महीने उससे एक करोड़ 15 लाख रुपये वसूलने के मामले में हुई है. दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने सुनील कुमार, सुन्दर बोरा, महेन्द्र प्रसाद, सुन्दयाल , लक्ष्मी दत्त और प्रकाश चन्द्र नाम के अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार होने वाले अधिकारियों में सुनील और सुंदर जेल अधीक्षक के पद पर तैनात थे. महेन्द्र और लक्ष्मी दत्त डिप्टी सुपरिंटेंडेंट थे. गिरफ्तार पांचवां अधिकारी एडीशनल सुपरिंटेंडेंट है.

जानकारी मिली है कि सुकेश जेल अधीक्षकों को हर महीने 30 लाख रुपये, डिप्टी सुपरिंटेंडेंट को हर महीने 12 लाख रुपये जबकि एडीशनल सुपरिंटेंडेंट को छह लाख रुपये देता था. इसके बदले में उसे ऐसी बैरक में अकेले रखा गया था जिसकी क्षमता 40 कैदियों की है. उसे सिंगापुर का सिम और लेटेस्ट एप्पल आईफोन दिया गया था. इस सिम को भारतीय मशीनों से रीड नहीं किया जा सकता और जैमर इसके पास आने वाली फ्रीक्वेंसी को रोक नहीं सकता. जेल अधिकारियों ने उसकी बैरक में लगे सीसीटीवी को कपड़ों से ढंक दिया था.

जेल के भीतर उसे हर सुविधा मुहैया थी. उसका खाना फाइव स्टार होटल से आता था. वह नाम को जेल में था लेकिन उसके पास ऐश करने की हर सुविधा मौजूद थी. तिहाड़ जेल के दो अधिकारी डी.एस.बत्रा और धर्मवीर मीना पर लम्बे समय तक नज़र रखने के बाद दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने उन्हें गिरफ्तार किया था. यह दोनों अधिकारी सुकेश द्वारा उगाही गई रकम वसूलने जाते थे. सुकेश भी इन्हीं लोगों के ज़रिये जेल प्रशासन को साधे हुआ था और रिश्वत की रकम भी इन्हीं लोगों के ज़रिये अधिकारियों में बंटती थी.

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