Monday - 8 January 2024 - 7:05 PM

सामाजिक कार्यकर्ता मंगला राजभर के ऊपर दर्ज मुक़दमे को हटाने के लिए उठी मांग

न्‍यूज डेस्‍क

वाराणसी के फूलपुर थाना के अंतर्गत ग्रामसभा थानेरामपुर शनिवार की शाम अनाज के वितरण को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद हो गया। इस घटना से इंस्पेक्टर अनवर अली और सिपाही आनंद सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए खबर है कि पुलिस की एक टियर गन और मोबाइल भी गायब है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि वारदातों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी उन्हें किसी भी सूरत हाल में बख्शा नहीं जाएगा। घटना के बाद समूचे इलाके को सील कर दिया गया है पुलिस आरोपियों की धरपकड़ में पूरी तरह से लगी हुई है।

इस पूरे मामले में पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार भी किया और जरूरी कार्रवाई की है। साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता मंगला राजभर के ऊपर भी मुकदमा दर्ज किया है। हालांकि स्‍थानीय लोगों का कहना है कि मंगला राजभर के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसको लेकर कई अन्‍य सामाजिक कार्यकर्ता और स्‍थानीय लोग सोशल मीडिया और अन्‍य माध्‍यमों के द्वारा उन पर लगे मुकदमे को हटाने की मांग कर रहे हैं। साथ ही #SocialActivistKiMadad के नाम से ट्वीटर पर हैशटैग लगा कर उनकी मदद करने के लिए लोगों से अपील कर रहे हैं।

People’s Vigilance Committee on Human Rights (PVCHR) के मेंबर मंगला राजभर के खिलाफ दर्ज मुकदमे के बारे में समाजिक कार्यकर्ता लेनिन रघुवंशी लिखते हैं कि –

मंगला और उसकी पत्नी का रुदन और दर्द आज भी मै नहीं भुला हूं, जब मै मंगला को 5 अप्रैल को सुरक्षित जगह के लिए रवाना करने उसके घर गया। उसकी पत्नी ने कहा, “मुसहरो और आखिरी लोगों के लिए जिन्दगी देने वाले के साथ सरकार यही सलूक कर रही है।” बार-बार मुझे अभी भी दृश्‍य याद आ जाता है और मेरे दिल में एक टिस उठती है।

मेरे द्वारा दिनांक 4 अप्रैल, 2020 के 11:14 PM को माननीय राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को जनसंदेश टाइम्स में प्रकाशित ख़बर “अनाज वितरण को लेकर फूलपुर के थाना रामपुर गांव में जमकर बवाल, दरोगा समेत कई घायल पर” शिकायत करके इस मामले में उच्चस्तरीय स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग किया था।

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मैंने ख़बर का हवाला देकर रात में ही उत्तर प्रदेश पुलिस व उत्तर प्रदेश सरकार को ट्वीट किया था कि, यदि यह मामला सच है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। कृपया कानून का राज सुनिश्चित करें।

FIR की कॉपी पढ़ने पर पता चला कि, वाराणसी के थाना रामपुर के मुसहर के साथ हमारे कार्यकर्ता मंगला प्रसाद राजभर पर फूलपुर थाना में मुकदमा संख्या 0103/2020 IPC की धारा 147, 148, 149, 30, 308, 323, 504, 506, 395, 397, 332, 353, 33, 427 व अपराधिक कानून (संसशोधन) अधिनियम 1932 के 7 व सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 2 व 3 अंतर्गत मुकदमा दर्ज हुआ है।

प्रथम सूचना रिपोर्ट में लिखा है कि, मंगला प्रसाद भी फूलपुर थानान्तर्गत ग्राम थाना रामपुर में मौके पर उपस्थित थे। विदित हो कि यदि मंगला घटनास्थल पर उपस्थित होते, तो उक्त घटना की जानकारी हमें या संस्था को जरुर देते और संस्था जमीनी स्तर पर कानून के राज के लिए उसका हस्तक्षेप करती। हम लोगो को थाना रामपुर में घटित घटना की कोई जानकारी नहीं थी। जब अख़बार में ख़बर प्रकाशित हुआ तब उस पर हस्तक्षेप किया गया।

दूसरा महत्वपूर्ण बिंदु कि, मंगला प्रसाद के निवास गाँव कुआर से थाना रामपुर में काफ़ी दुरी पर है। यदि मंगला उस गाँव में जाते भी तो उनको मुख्य राजमार्ग से होकर जाना पड़ता। जबकि लॉक डाउन के कारण रास्ते में जगह – जगह पुलिस का पिकेट लगा हुआ है। जबकि 21 दिन के लॉक डाउन घोषित होने के बाद से मंगला प्रसाद राजभर लगातार Work from home के तहत घर से बैठकर वंचित समुदाय खासकर मुसहर, नट में खाद्य सुरक्षा के लिए शासन व प्रशासन से पैरवी कर रहे थे और प्रदेश सरकार की योजनाओं और मुख्यमंत्री महोदय कि घोषणाओं के बारे में मोबाईल से जानकारी दे रहे थे, जिससे बडागांव एवं पिंडरा ब्लाक में बड़ी संख्या में मुसहर व अन्य वंचित तबकों को इसका लाभ भी हुआ, सभी जगह शांतिपूर्ण तरीके से राशन भी उपलब्ध हुआ।

यही नहीं उन्होंने कोइरीपुर मुसहर बस्ती में भोजन की कमी को फेसबुक से प्रकाश में लाये, जिस पर जनसन्देश टाइम्स ने बच्चों द्वारा अकरी खाने के मामले हस्तक्षेप किया था और उस पर प्रशासन द्वारा अविलम्ब राशन उस बस्ती के लोगो की वितरित किया गया।

मंगला प्रसाद की घटनास्थल पर उपस्थिति दिखाना, उस क्षेत्र के प्रभावशाली तबके के कुछ लोग, जो संविधान की मूल भावना व समानता के विरोधी है, उनसे अदावत रखते है। वह लोग मुसहर के उत्थान के लिए काम करने के खिलाफ है। उन्ही लोगो की सूचना पर मंगला का नाम प्राथमिकी में परेशान करने की मंशा से किया गया है। क्योंकि लगातार वह अपने कार्यक्षेत्र में मानवाधिकार हनन के मामले प्रशासन के स्तर पर उठाते रहे हैं।

मंगला विगत काफी वर्षो से हमारे संस्था से जुड़कर बड़ागांव और पिंडरा में मुसहरो और वंचित तबको में माँ व नवजात शिशु के स्वस्थ्य मुद्दों पर काम कर रहे हैं। यही नहीं वे “स्पेशल जुवेनाइल पुलिस यूनिट” (SPJU) में NGO कमेटी में स्थानीय स्तर पर संस्था का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बालिका सुरक्षा के लिए संचालित “कवच कार्यक्रम” में मास्टर ट्रेनर के रूप में काफ़ी जगह पुलिस व जिले के अधिकारी के साथ ट्रेनिंग दिया। विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी विधालयों में हुए कवच अभियान में तत्कालीन पुलिस महानिदेशक वारा. मंडल, जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अभियान के नोडल पर्सन उपनिरीक्षक सहित जिले के अन्य अधिकारीयों को सहयोग किया, जिसका सभी ने सराहना किया।

पिछले दिनों हर रविवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर आयोजित “मुख्यमंत्री आरोग्य मेला” में स्टॉल लगाकर समुदाय को स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी देने का कार्य किया जो शासन प्रशासन के संज्ञान में है। मुख्यमंत्री आरोग्य मेला में अलग – अलग रविवार को माननीय मुख्यमंत्री महोदय, क्षेत्रीय विधायक माननीय डा अवधेश सिंह, निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, जिलाधिकारी वाराणसी श्री. कौशल राज शर्मा, मुख्य चिकित्साधिकारी वाराणसी डा बी बी सिंह शामिल हुए और मंगला प्रसाद के सहयोग कि सराहना किया। इसी मौके पर विधायक माननीय डा अवधेश सिंह द्वारा काम कि सराहना करते हुए माला पहनाकर सम्मानित किया गया था।

मानवाधिकार जन निगरानी समिति ने माननीय पुलिस महानिदेशक जी, उत्तरप्रदेश. को मंगला राजभर के ऊपर से फर्जी मुक़दमा वापस लेने के लिए पत्र भेजा है। आपसे निवेदन है कि, उक्त मामले में अविलम्ब हस्तक्षेप करके इसकी जांच किसी उच्च स्तरीय स्वतंत्र संस्था या माननीय आयोग के इन्वेस्टीगेशन टीम द्वारा करायी जाय। जिससे दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही हो सके और मानवाधिकार कार्यकर्ता का संवैधानिक अधिकार भी सुरक्षित करते हुवे उसको उसके ऊपर किये गए फर्जी मुकदमे को हटाया जाय।

हमारे सोशल मीडिया का यही सबसे अच्छा उपयोग होगा कि हम #CoronaWarrior के लिए आवाज़ उठाएं, अगर हमने ऐसा नहीं किया तो कौन करेगा?

बताते चले कि मंगला राजभर कई सालों से मुसहरों और समाज के अंतिम लोगों की आवाज उठाते रहते हैं। अभी कुछ दिनों पहले मुसहर जाति के कुछ लोग अनाज न होने के कारण घास खाने का मजबूर थे इस बात को सबसे पहले मंगला राजभर ने ही उठाया था।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com