Friday - 5 January 2024 - 4:56 PM

मोदी सरकार की नवीं वर्षगांठ, आगे योगी पर भरोसा !

नवेद शिकोह

अतीत,वर्तमान, भविष्य क्रमशः अटल, मोदी,योगी

नरेन्द्र मोदी सरकार की नवीं वर्षगांठ के दो साल बाद ग्यारहवीं सालगिरह भी मनेगी क्या ! काशी,मथुरा, राम की नगरी अयोध्या और बुल्डोजर बाबा वाला उत्तर प्रदेश भाजपा को ऐसी आशा की किरण तो दिखा ही रहा है !

 

आबादी और लोकसभा सीटों के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे यूपी के निकाय चुनाव में सत्रह की सत्रह महापौर की सीटें जीतने को पैमाना माना जाए तो लोकसभा में ताजुब नहीं कि भाजपा यहां अस्सी की अस्सी सीटें जीत ले। भले ही देश के कई राज्यों में में मोदी लहर गायब हो रही है और पार्टी का जनाधार कम हो रहा है लेकिन उत्तर प्रदेश भाजपा की उम्मीद और ताकत का किला बन गया है।

लोकसभा में इसी विशाल राज्य से उम्मीद है कि सारी कमी पेशी को कवर कर लेगा। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के बुल्डोजर मॉडल से लेकर सुपर हिट संवाद- “मिट्टी में मिला देंगे” का आशय भले ही माफियाओं का सफाया हो पर योगी की बढ़ती लोकप्रियता से यूपी में बचा-खुचा विपक्ष का जनाधार भी जमींदोज हो जाए तो आश्चर्य नहीं।

किसी भी पार्टी के लिए सकुशल केंद्र की सरकार की नवीं वर्षगांठ बनाना गर्व की अनुभूति है। भाजपा के लिए ये गौरव का दिन है। अपने जन्म से ही हर दौर में जननायक देने वाली भाजपा को कभी स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई की लोकप्रियता ने केंद्र की सत्ता दी तो वर्तमान में सरकार की नवीं सालगिरह नसीब होने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ही जाता है। सफलता का पहिया आगे भी चलता रहा तो आश्चर्य नहीं कि भविष्य में योगी आदित्यनाथ राष्ट्रीय स्तर पर भी भाजपा के रथ के सारथी हों।

हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की विचारधारा ने अपनी लम्बी यात्रा के कई पड़ाव तय किए हैं। विचारधारा एक, पर नाम बदलते रहे। जनसंघ जड़ थी। फिर जनता पार्टी में जनसंघ का विलय हुआ। 1980 में अटल बिहारी वाजपेई और लालकृष्ण आडवाणी ने पुराने जनसंघ के साथियों के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी बनाई। नाम के अनुरूप भाजपा भारतीय जनता की सबसे पसंदीदा पार्टी बन गई। और अब ये दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है।

समय का चक्र भी तीन चरणों में ही चलता है। अतीत, वर्तमान और भविष्य। भाजपा के अतीत को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के नाम से याद किया जाता है। वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का है। ये कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं कि पार्टी के भविष्य को योगी आदित्यनाथ कालजयी बना देंगे।

चार दशकों से अधिक समय में पार्टी में दशक-दर दशक एक के बाद एक चेहरे उभरते रहे। हर चेहरे ने अपने से पहले वाली की लोकप्रियता का रिकार्ड तोड़ा। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने पार्टी को सींचा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे मजबूत वृक्ष बना दिया।

अब लोगों को लगने लगा है कि भविष्य में भाजपा रूपी इस वृक्ष को छायादार और फलदार बनाने का माद्दा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में बखूबी है। फलदार वृक्ष की रखवाली वही कर सकता है जो रक्षा-सुरक्षा में दक्ष हों। मोदी ने अटल की भाजपा को गति दी और योगी, मोदी के “सबका साथ सबका विकास” मंत्र का प्रयोगात्मक अनुसरण कर रहे हैं।

आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की जनता की सबसे बड़ी जरूरत ‘सुरक्षा’ को दुरुस्त करने के बाद योगी की लोकप्रियता का ग्राफ देश-दुनिया में सिर चढ़ कर बोल रहा है। विकास सुरक्षा के बिना संभव नहीं है। क़रीब एक दशक पहले मोदी के गुजरात मॉडल को देश ने स्वीकारा। जनता अपनी परिपक्व परख वाले सही फैसले का लाभ भी उठा रही है।

मोदी के विकास के रास्ते को और भी स्मूथ बनाने की कोशिशें जारी हैं। यूपी भाजपा का सबसे बड़ा किला बन गया है। अपराध मुक्त-दंगामुक्त और माफिया मुक्त उत्तर प्रदेश के सुशासन ने यहां भाजपा का जनाधार दिन दूना रात चौगुना कर दिया है। साढ़े तीन दशक से अधिक का रिकार्ड तोड़कर यूपी की जनता ने योगी आदित्यनाथ को दोबारा मुख्यमंत्री बनाया।

और फिर माफियाओं को मिट्टी में मिला देने के सिलसिले को देखकर प्रदेशवासियों को अपने वोट की शक्ति पर गर्व महसूस हो रहा है। योगी को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने के बाद जनता का विश्वास योगी पर बढ़ता जा रहा है। 2022 के बाद 2023 में अधिकांश उप चुनाव भाजपा जीतती रही। यहां तक कि पचास फीसद से अधिक आबादी वाले रामपुर के सभी उपचुनाव भाजपा और उसके समर्थित दल ने जीते।

नगर निगम चुनाव में भी महापौर की सभी सीटों की जीत मुख्यमंत्री योगी की बढ़ती लोकप्रियता का सुबूत बनी। बाहुल्य देवबंद जहां भाजपा दशकों से निकाल चुनाव नहीं जीतती थी इस बार यहां योगी की करिश्माई लीडरशिप ने कमल खिला दिया।

अचंभित करने वाले के किसी भी चुनावी नतीजों को देखकर तो यही लग रहा है कि योगी के बुल्डोजर मॉडल और मिट्टी में मिला देने के प्रयोगात्मक संकल्प को तरक्की पसंद मुस्लिम तबका पसंद कर रहा है।

माफिया गीरी, अपराध और राष्ट्र विरोध के जो थोड़े बहुत गढ्ढे रह गए हैं उन्हें बुल्डोजर के मलबे से भर एक विकास की गाड़ी को स्मूथली चलाने का हुनर दिखाने वाले योगी आदित्यनाथ का बुल्डोजर मॉडल उत्तर प्रदेश में इतना सुपरहिट हुआ कि देश दुनिया में बाबा मॉडल की धूम है।

गुड गवर्नेंस के लिए अपराधमुक्त, माफिया मुक्त, दंगा मुक्त और सुशासन युक्त यूपी सरकार ने देश में एक नज़ीर पेश की है। यही वजह है कि अटल बिहारी वाजपेई और नरेंद्र मोदी के बाद योगी आदित्यनाथ का नाम लोकप्रियता के ग्राफ में ऊंचाइयां छू रहा है।

भाजपा के बारे में एक धारणा हैं कि पार्टी दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल इसलिए बन गया क्योंकि इसके अथाह-अनगिनत कार्यकर्ताओं की मेहनत, समर्पण और पसीने ने पार्टी को विशाल समुंद्र बना दिया। इन कार्यकर्ताओं में ही से ही कुछ चेहरे जननायक की तरह उभरे। परिवारवाद और राजशाही के परे किसी ना किसी खूबी से कार्यकर्ता ही जननायक बन गए।

तिनका-तिनका से तूफान बनी भाजपा के कार्यकर्ताओं के संघर्ष ने ही उन्हें फर्श से अर्श तक पहुंचाया।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई से लेकर वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता की विरासत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हिस्से में आती दिख रही है। मुख्यमंत्री योगी के अतीत के संघर्ष और त्याग से लेकर सुशासन की कहानी भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसी ही है।

ये भी पढ़ें-सत्येंद्र जैन करीब 1 साल बाद 6 सप्ताह के लिए जेल से आएंगे बाहर

देश की जनता को परिवार मानने की परंपरा स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई ने शुरू की। जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जारी रखा, अब इस परंपरा की विरासत योगी आदित्यनाथ के मजबूत हाथों में दिख रही है। अटल हों या योगी, देश की बड़ी आबादी ने इन्हें नेता या प्रधानमंत्री से ज्यादा अपना अभिभावक, तरक्की का फिक्रमंद और देश का रक्षक माना। योगी आदित्यनाथ की छवि भी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री से बढ़कर राष्ट्र रक्षक, जन रक्षक और सनातन प्रहरी जैसी बन गई है।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com