Sunday - 7 January 2024 - 6:16 AM

Yogi के मिशन 2022 पर भारी न पड़ जाए हाईकोर्ट का ये फैसला

जुबिली न्यूज़ डेस्क।

उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। योगी सरकार ने भी सूबे में अपनी पकड़ बनाए रखने और दोबारा सत्ता में वापसी के लिए एक शानदार पांसा चला था।

योगी सरकार ने 24 जून को शासनादेश जारी करते हुए 17 ओबीसी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का शासनादेश जारी किया था। लेकिन अब इलाहाबाद हाईकोर्ट से राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है।

हाईकोर्ट ने ओबीसी की 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के योगी सरकार के शासनादेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट का मानना है कि सरकार को इस तरह का फैसला लेने का अधिकार नहीं है। सिर्फ संसद ही एससी-एसटी की जातियों में बदलाव कर सकती है। केंद्र व राज्य सरकारों को इसका संवैधानिक अधिकार प्राप्त नहीं है।

बता दें यूपी की सियासत में ओबीसी वर्ग की बड़ी भूमिका है। इस वर्ग को लुभाने के लिए सभी दल जुगत में रहते हैं। यही वजह है कि करीब दो दशक से इन 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की कोशिशें की जा रही हैं।

पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी और बसपा सरकारों ने भी इन्हें अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने की कोशिश की थी, लेकिन तब भी मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। अब एक बार फिर योगी सरकार इस फैसले को लागू करवाने फेल होती दिख रही है।

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