Saturday - 6 January 2024 - 9:06 AM

लोहिया संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के तुगलकी फरमान को वापस लेने की मांग

जुबिली स्पेशल डेस्क

लखनऊ। लोहिया संस्थान में 9 सम्बद्ध कर्मियों को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा कार्यमुक्त करने के विरोध में आज लोहिया के निदेशक के कार्यालय के समक्ष धरना की चेतावनी कर्मचारियों की तरफ से दी गयी थी।

लेकिन इसी बीच प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, सचिव सौरभ बाबू के हस्तक्षेप के बाद लोहिया संस्थान के निदेशक ने कर्मचारी नेताओ को वार्ता के लिए बुलाया, इस दौराना उन्होंने कहा कि राजभवन में एक अनिवार्य बैठक होने के कारण सोमवार को मामले का निस्तारण कर दिया जाएगा व इस सम्बंध में शासन को पत्र भी प्रेषित कर दिया गया है ।

लोहिया संस्थान के निदेशक के साथ हुयी बैठक में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल में परिषद के प्रमुख उपाध्यक्ष सुनील यादव, लोहिया कर्मचारी अस्तित्व बचाओ मोर्चा के अध्यक्ष डीडी त्रिपाठी, उपाध्यक्ष अनिल कुमार, राजेश श्रीवास्तव, डी एस पाण्डेय ,राजेश शुक्ला,एक्स-रे टेक्नीशियन संघ के अध्यक्ष आर के पी सिंह, अनिल प्रताप सिंह सम्मिलित थे   

महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि इसी साल एक जून को निदेशक डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान गोमती नगर लखनऊ द्वारा डॉ राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय मैं विलय से पहले कार्यरत कर्मचारियों जिनका प्रतिनियुक्ति पर तैनाती नहीं हो पाई थी, संस्थान की गलती के कारण उनके पे बैंड या तो गलत हो गए थे या उनकी शैक्षिक योग्यता गलत बताई गई थी, इसलिए वह प्रतिनियुक्ति पर तैनात नहीं हो पाए थे और उनको शासन द्वारा संबद्ध कर दिया गया था।

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इस संबंध में 4 अक्टूबर 2019 को तत्कालीन अधिकारी रजनीश दूबे प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा के कक्ष में प्रशान्त त्रिवेदी प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, डॉ पदमाकर सिंह, महानिदेशक स्वास्थ्य, डॉ के के गुप्ता महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा,,डॉ अनिल कुमार त्रिपाठी निदेशक राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान,डॉ डी एस नेगी निदेशक राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय, राष्ट्रीय अध्यक्ष इप्सेफ वी पी मिश्रा , अतुल मिश्रा महामंत्री राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद व लोहिया कर्मचारी अस्तित्व बचाओ मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ समझौता हुआ था कि बचे हुए कर्मचारियों को अतिशीघ्र जो कमियां हैं उनको दूर कराकर प्रतिनियुक्ति पर लिए जाने के निर्देश निदेशक डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान को दिया गया था, पदाधिकारियों ने कहा कि सीएमएस प्रतिनियुक्ति व सम्बद्ध कर्मचारियों के साथ द्वेष की भावना रखते हैं उन्होंने निदेशक को भ्रमित कर आदेश पारित कर लिया है। जिससे कर्मचारियों को आंदोलन करने पर विवश किया जा रहा है।

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जबकि इस के संबंध में वर्ष 2019 वर्ष 2020 वर्ष 2021 में लगातार पत्र शासन को प्रेषित किए गए हैं कोरोना काल होने के कारण शासन में कोई निर्णय नहीं हो पाया ।

शासन के निर्णय का इंतजार किए बिना किसी आदेश के तानाशाही रवैया को अपनाते हुए महानिदेशक स्वास्थ्य के आदेश का उल्लेख करते हुए कार्य मुक्त कर दिया गया।

उक्त पत्र में जिस आदेश का उल्लेख किया है वह आदेश सूचना से संबंधित था जो कर्मचारियों की संख्या को लेकर था ।
बाध्य होकर आज निदेशक तथा मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान कार्यालय के समक्ष धरना व घेराव करने का निर्णय लिया गया था ।  आज आंदोलन में परिषद के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारी उपस्थित रहे ।*

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