Wednesday - 10 January 2024 - 6:52 AM

हक मांगने आए हैं, भीख नहीं : किसान

जुबिली न्यूज डेस्क

दिल्ली के बुराड़ी डीडीए मैदान में कंपकपाती ठंड के बीच देश के कई राज्यों के किसान डटे हुए हैं। किसानों का कहना है कि वे हक मांगने आए हैं, भीख नहीं।

किसानों ने एक स्वर में कहा कि कृषि बिल किसान विरोधी है। पूरे देश का पेट भरने वाला किसान किसान आज इस ठंड में अपनी लड़ाई लडऩे के लिए सड़कों पर उतरा है। हम बिल वापस कराए बिना नहीं लौटेंगे।

किसानों का कहना था कि घर के खर्च से लेकर बच्चों की पढ़ाई, बेटी का ब्याह और सब काम के लिए अपनी फसल की बिक्री पर निर्भर हैं, लेकिन इस कानून के बाद हम अपना नियंत्रण खो देंगे।

रविवार साढ़े 12 बजे के करीब किसानों ने बुराड़ी के डीडीए मैदान के परिसर में सरकार विरोधी मार्च निकाला और नारेबाजी की। झंडे के साथ नारा लगाते हुए किसान परिसर में घूमे और एक जगह एकत्रित होकर सभा की।

आंदोलन का हिस्सा रहे किसान राम रहीम सिंह का कहना है कि हम लोग तो यहां आ गए हैं, लेकिन हमारे कई साथी सिंघू बार्डर पर हैं। हम भी जंतर-मंतर जाने के लिए एकत्रित हुए हैं, लेकिन हमें जंतर मंतर जाने नहीं दिया जा रहा है।

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उन्होंने कहा कि हम लोकतांत्रिक देश में हैं। सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा कि क्या हमें सरकार के विरोध का अधिकार भी नहीं है। हमें जंतर मंतर न जाकर बुराड़ी मैदान लाया गया। हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां आंदोलन में आए हरजिंदर ने बताया कि हम साथ में राशन, लकड़ी और बाकी सामान लाए हैं। हम यहां से बिल वापस कराए बिना लौटने वाले नहीं हैं। हमें रोकने के लिए यहां छावनी बना दी है।

भोजन लेकर पहुंच रहे लोग

बुराड़ी मैदान में डटे किसान अपने लिए राशन, ईंधन और जरूरी सामान लेकर आए हैं, लेकिन दिल्ली के स्थानीय लोग भी उनके लिए खाना और जरूरी सामान ला रहे हैं। भोजन लेकर पहुंचे मनमीत सिंह ने बताया कि हम किसी राजनीतिक दल से नहीं हैं, लेकिन हम यहां किसानों के लिए आए हैं।

किसान देश को खिलाता है और आज यहां ठंड में मौजूद हैं। इसलिए हम लोगों ने अपनी वैन में 600 लोगों के लिए भोजन लेकर आए हैं। किसानों से कहा है कि अगर मैं उनकी किसी और तरह से मदद कर सकूं तो मुझे खुशी होगी।

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बुराड़ी के डीडीए मैदान में चारों तरफ गेट के पास पुलिस और सीआरपीएफ के जवान तैनात हैं। हर आने वाली हर गाड़ी की चेकिंग हो रही है। उसका नंबर नोट किया जा रहा है। आने का कारण पूछा जा रहा है।

हालांकि आंदोलन में आने वालों को रोका नहीं जा रहा है। बड़ी संख्या में लोग उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से अपने साधनों से आ रहे हैं।

बुराड़ी परिसर में किसानों की संख्या कम है। यहां लगभग 1000 किसान है लेकिन, यहां बड़े-बड़े टेंट लग रहे हैं। उनके खाने के लिए रसोई, सोने और ओढऩे के लिए बिस्तर लगाए गए हैं। किसानों का कहना है कि हो सकता है कि हम लोगों के समर्थन में आने वाले किसानों के लिए यहां व्यवस्था हो रही हो, लेकिन जो किसान यहां आ रहा है वह अपनी व्यवस्था करके आ रहा है। हम किसी सरकार के भरोसे नहीं हैं।

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