Saturday - 6 January 2024 - 10:38 PM

फायरिंग मामले में झूठी निकली मुंगेर की एसपी

जुबिली न्यूज़ डेस्क

बिहार के मुंगेर जिले में विसर्जन को लेकर हुई फायरिंग में एक बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले में जिले की तत्कालीन एसपी लिपि सिंह ने झूठ बोला था, जोकि अब सामने आ गया है। दरअसल इस मामले में एक रिपोर्ट सामने आई है जो सीआईएसएफ की है। इस रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि भीड़ को हटाने के लिए सबसे पहले मुंगेर पुलिस ने हवा में गोलियां चलाई।

बीते 26 अक्टूबर को सीआईएसएफ ने गोलीकांड की रिपोर्ट अगले ही दिन (27 अक्टूबर) अपने अफसरों को भेज दी थी। इसमें साफ़ लिखा था कि ‘मुंगेर कोतवाली थाना के आग्रह पर सीआईएसएफ की एक टुकड़ी को मूर्ति विसर्जन जुलूस की सुरक्षा के लिए जिला स्कूल वाले कैंप से भेजा गया था। 26 अक्टूबर की देर रात को सीआईएसएफ के 20 जवानों की टुकड़ी को तैनात किया गया।

इन 20 जवानों को मुंगेर पुलिस ने 10 -10 जवानों के दो ग्रुपों में बांट दिया। एक ग्रुप को एसएसबी और बिहार पुलिस के जवानों के साथ मुंगेर के दीनदयाल उपाध्याय चौक पर तैनात किया गया। इसके बाद 26 अक्टूबर को देर रात श्रद्धालुओं और पुलिस के बीच विवाद शुरू हुआ। इसके बाद कुछ लोगों ने पुलिस और सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी कर दी। पथराव के दौरान मुंगेर पुलिस ने सबसे पहले हवाई फायरिंग की।

फायरिंग के बाद भीड़ और ज्यादा आक्रोशित हो गई जिसमें पथराव भी तेज हो गया। जब हालात बेकाबू हो गये तब सीआईएसएफ के हेड कांस्टेबल एम गंगैया ने अपनी इंसास राइफल से 13 राउंड गोलियां हवा में दाग दी। इससे भीड़ तितर-बितर हो गई। इसके बाद सीआईएसएफ, एसएसबी और लोकल पुलिस के जवान अपने कैंप में सुरक्षित वापस लौट गए।’

ये भी पढ़े : बिहार चुनाव : EVM में ‘लालटेन’ के आगे वाला बटन था गायब, 3 घंटे होता रहा मतदान

ये भी पढ़े : UP: राज्यसभा चुनाव तो बहाना है असल में विधानसभा जीतना है

इस मामले में एसपी लिपि सिंह ने 27 अक्टूबर को पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि भीड़ में शामिल असामाजिक तत्वों ने फायरिंग की थी। लिपि सिंह के अनुसार, विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रतिमा को तेजी से विसर्जन करने का पुलिस की ओर से बार-बार अनुरोध किया जा रहा था। इसी बीच कुछ असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर हमला करते हुए गोलीबारी शुरू कर दी।

उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्वों की गोली से एक युवक की मौत हुई, वहीं कई लोग घायल हो गए। इस घटना में सात थानाध्यक्ष समेत 20 पुलिसकर्मी भी घायल हुए।

ये भी पढ़े : चुनाव के बीच बागी बढ़ा रहे बीजेपी की परेशानी

ये भी पढ़े : आरक्षण पर नीतीश कुमार का क्या है नया दांव?

वहीं सीआईएसएफ की जो रिपोर्ट सामने आई है उसमें कही ये नहीं लिखा है कि भीड़ की तरफ से फायरिंग की गई। रिपोर्ट में सिर्फ पथराव की बात कही गई। रिपोर्ट के सामने आने के बाद क्या ये माना जाए कि एसपी लिपि सिंह के हाथ से जब मामला निकल गया तो पुलिस फायरिंग न करने के झूठे दावे किए गए?

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com