Wednesday - 10 January 2024 - 5:42 PM

आखिर क्यों अपनी ही सरकार पर मुकदमा करने जा रहे हैं इटली के लोग ?

जुबिली न्यूज डेस्क

वैसे तो दुनिया के ज्यादातर देशों में कोरोना वायरस ने अपना कहर बरपाया लेकिन कुछ देश इससे बुरी तरह प्रभावित हुए। अमेरिका, भारत, फ्रांस, इटली जैसे देशों में कोरोना वायरस की वजह से लोग काफी प्रभावित हुए हैं।

जिन देशों ने कोरोना महामारी को रोकने में सफलता पाई उनकी पूरी दुनिया में तारीफ हुई लेकिन जो देश रोकने में नाकाम रहे उनकी खूब आलोचना हुई। ऐसा ही कुछ इटली सरकार के साथ हुआ।

अब सरकार की नाकामी को लेकर कोरोना वायरस का शिकार होने वाले 500 लोगों के परिजन इटली की सरकार पर मुकदमा करने जा रहे हैं। मुकदमे में इटली के पीएम और स्वास्थ्य मंत्री को पक्षकार बनाया जाएगा।

फरवरी 2020 में उत्तरी इटली के लोम्बार्डी इलाका कोरोना वायरस के कहर से बेकाबू हो गया था। कोरोना की पहली लहर में चीन के बाहर कोरोना की सबसे बुरी मार इटली के इसी इलाके पर पड़ी थी। अब सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इटली की सरकार पर केस दायर करने का ऐलान किया है।

याचिकाकर्ताओं ने नोइ डेनुनसेर्मो नाम का एक फेसबुक ग्रुप बनाया है। इनका आरोप है कि महामारी की शुरुआत से ही प्रशासन नाकाम रहा। इस नाकामी के लिए सरकार से 10 करोड़ यूरो का हर्जाना भी मांगा जा रहा है।

याचिकाकर्ताओ के संगठन नोइ डेनुनसेर्मो के अध्यक्ष लुका फुस्को कहते हैं, “इस कार्रवाई को अपनी जिम्मेदारी ना निभाने वालों के लिए क्रिसमस के तोहफे के रूप में देखा जाना चाहिए। इस बार 25 दिसंबर को इटली में 70,000 कुर्सियां खाली रहेंगी।”

फुस्को ने यह भी कहा, “यूरोपीय संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन बार बार सही तैयारियों की दरख्वास्त करते रहे। अगर ऐसा होता तो हमें यकीन है कि ये संख्या कम होती।”

वहीं इटली सरकार के खिलाफ लोम्बार्डी के बेरगामों शहर में 300 से ज्यादा शिकायतें दर्ज कराई जा चुकी हैं। शिकायतों में इटली के प्रधानमंत्री जुसेप्पे कोंते, स्वास्थ्य मंत्री रॉबेर्टो स्पेरांजा और लोम्बार्डी के गर्वनर एटिलियो फोनटाना को निशाने पर लिया गया है।

इटली में अब तक कोरोना वायरस से 70,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।

नोइ डेनुनसेर्मो के अनुसार, लोम्बार्डी के अलसानो हॉस्पिटल को कोरोना वायरस का पहला केस आने के बाद बंद किया था। 23 फरवरी को अस्पताल को फिर से खोल दिया गया। शुरुआत में इस अस्पताल से भी कोरोना काफी फैला।

याचिकाकर्ताओं ने अपने साझा बयान में कहा गया है कि कोरोना वायरस के फैलने के बाद भी अलसानो और नेमब्रो जैसे शहरों को काफी देर में बंद किया गया। उस दौरान स्थानीय और प्रांतीय स्तर पर महामारी से निपटने का कोई प्लान नहीं बनाया गया।

यह भी पढ़ें : बीजेपी के बढ़ते दबाव से कैसे निपटेंगी ममता ?

यह भी पढ़ें : कर्नाटक की सियासत में बन रहा है नया फसाना

यह भी पढ़ें :  क्या वाकई विपक्षी दल किसानों के साथ हैं?

मालूम हो कि इटली सरकार ने 10 मार्च को देशव्यापी तालाबंदी की थी। अभियोजक इस बात की जांच कर रहे हैं कि स्थानीय स्तर पर पहले ही तालाबंदी क्यों नहीं की गई। प्रांतीय प्रशासन और केंद्र सरकार एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।

इटली में करीब साढ़े चार महीने हाहाकार मचाने के बाद कोरोना की पहली लहर मध्य जुलाई में कमजोर पड़ी थी। अब दूसरी लहर भी जानलेवा साबित हो रही है। देश में इस बार तालाबंदी नहीं की गई है। हालांकि क्रिसमस और नए साल के मौके पर पूरे देश में कई तरह की पाबंदियां लागू की गई हैं।

यह भी पढ़ें : किसान की तस्वीर इस्तेमाल कर विवादों में फंसी भाजपा

यह भी पढ़ें : इन आंकड़ों को कब गंभीरता से लेगी सरकार

यह भी पढ़ें : नेताओं के लिए काल बना 2020

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com