जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. मोबाइल फोन पर रोजाना पैसे कमाने के तरीके बताये जाते हैं. कभी गेम खेलकर जीतने का ऑफर, कभी बहुत कम दाम में मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण का लालच और कभी निवेश पर बैंक से ज्यादा ब्याज देने की बात कहकर लोगों की जेब काटने का काम किया जा रहा है.

कर्नाटक पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है जो मोबाइल एप के ज़रिये निवेश कराता था और बहुत जल्दी अमीर बना देने का दावा करता था. इस गिरोह के जाल में फंसे लोगों ने करीब 290 करोड़ रुपये गंवा दिए. इस गिरोह में नौ लोग हैं, जिनमें से दो चीन के नागरिक हैं और दो तिब्बत के रहने वाले हैं. इस गिरोह का सरगना केरल का कारोबारी है.
CID के साइबर क्राइम डिवीज़न को जानकारी मिली कि ठगी करने के लिए इस गिरोह ने गूगल प्ले स्टोर पर एक एप डाला है पॉवर बैंक. इस एप को डाउनलोड कराने के बाद ही यह गिरोह ऐसे लोगों को फंसाता है जिनसे बड़ी रकम ठगी जा सके. एप डाउनलोड कराने के बाद इस गिरोह के सदस्य बताते हैं कि उनके गेमिंग, सोशल और ई-कामर्स जैसे कई बिजनेस हैं. इस एप के ज़रिये जो रकम निवेश की जायेगी उसे बिजनेस में लगाया जायेगा और ब्याज के रूप में बैंकों से कई गुना रकम हासिल हो सकेगी.
इस गिरोह के जाल में फंसकर लोग ब्याज तो हासिल नहीं कर पाते लेकिन अपना मूलधन जरूर गँवा बैठते हैं. CID की जांच में पता चला कि गिरोह के सरगना का सम्बन्ध चीनी हवाला आपरेटर्स से है. उसने बुल फिंच टेक्नालाजीज, एच एंड एस वेंचर और किल्फोर्ड वेंचर्स नाम से शेल कम्पनियाँ खोल रखी हैं. धोखाधड़ी से आयी रकम इन्हीं कम्पनियों में लगा दी जाती है.
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गिरोह के सरगना अनस अहमद ने चीन में पढ़ाई की और वहीं शादी भी कर ली थी. अपने गृह राज्य केरल लौटकर उसने ठगी का धंधा शुरू किया तो देखते ही देखते उसके खाते में 290 करोड़ रुपये आ गए. जब पैसे वापसी की मांग निवेशकों की तरफ से तेज़ होने लगी तो उसने गूगल प्ले स्टोर से अपना एप डिलीट कर दिया. पकड़े गए गिरोह के सदस्यों से CID जानकारियाँ जुटाने में लगी है.
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