Wednesday - 10 January 2024 - 8:30 AM

चुनाव हारने पर क्या करेंगे ट्रंप?

जुबिली न्यूज डेस्क

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप अपने बयानों की वजह से अक्सर चर्चा में रहते हैं। एक बार फिर वह चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बयान दिया है।

उन्होंने स्पष्ट लफ्जों में कहा है कि यदि वह नवंबर में होने वाले अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव को हार जाते हैें तो वह चुपचाप नहीं बैठेंगे। मतलब ट्रंप ने शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण से इनकार किया है।

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ट्रंप ने कहा कि उनका मानना है कि चुनाव के नतीजे अमरीकी सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे क्योंकि उन्हें पोस्टल वोटिंग पर शक है।

अमेरिका के कई राज्य मेल के जरिए मतदान को बढ़ावा दे रहे हैं जिसके पीछे वो कोरोना वायरस से सुरक्षा को वजह बता रहे हैं, पर ट्रंप को इस पर विश्वास नहीं है।

एक पत्रकार ने जब ट्रंप से सवाल किया कि डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन से चुनाव हारने, जीतने या ड्रॉ होने की स्थिति में क्या वो शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण करेंगे।

इस पर ट्रंप ने कहा, ”मैं मतपत्रों को लेकर शिकायत करता आया हूं और वो एक मुसीबत है।”

जब पत्रकार ने कहा कि लोग हंगामा कर रहे हैं तो ट्रंप ने उन्हें टोकते हुए कहा, ”मतपत्रों से छुटकारा पाएं और बहुत-बहुत शांतिपूर्ण- सत्ता हस्तांतरण नहीं होगा बल्कि वही सरकार जारी रहेगी।”

ऐसा ट्रंप ने पहली बार नहीं कहा है। साल 2016 में भी उन्होंने डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन से चुनाव लड़ते हुए भी नतीजों को स्वीकार ना करने की बात कही थी। तब हिलेरी ने इसे अमरीकी लोकतंत्र पर हमला बताया था।

हालांकि उस चुनाव में जीत रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप की हुई, बावजूद वह आज भी संदेह जताते है, क्योंकि उन्होंने 30 लाख वोट खोया था।

क्या कहा डेमोक्रेट्स ने

पिछले महीने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार दजो बाइडन से हिलेरी क्लिंटन ने किसी भी स्थिति में हार ना मानने के लिए कहा था। उन्होंने ऐसी स्थिति का जिक्र किया था जिसमें रिपब्लिकन पार्टी एबसेंटी बैलेट्स (मतदान के दौरान अनुपस्थित मतदाता) को लेकर हंगामा करेगी और नतीजों को चुनौती देने के लिए वकीलों की एक फौज इकट्ठा करेगी।

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रिपब्लिकन नेताओं ने बुधवार को जो बाइडन पर भी अगस्त में चुनाव से पहले यह कहने को लेकर अशांति फैलाने का आरोप लगाया कि ”क्या किसी का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप के जीतने पर अमरीका में कम हिंसा होगी।”

पोस्टल वोटिंग को लेकर क्यों मचा है हंगामा

कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार पोस्टल वोटिंग में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। पोस्टल वोटिंग में लोग खुद वोट करने नहीं जाते बल्कि डाक के जरिए वोट देते हैं।

राष्टï्रपति ट्रंप पोस्टल वोटिंग के पक्ष में नहीं है। वह बार-बार कह रहे हैं कि इसमें धोखाधड़ी हो सकती है, जबकि ब्रेनन सेंटर फॉर जस्टिस के 2017 के एक अध्ययन के मुताबिक अमरीका में मतदान धोखाधड़ी की दर 0.00004 प्रतिशत और 0.0009 प्रतिशत के बीच है।

बीबीसी के अनुसार कमिश्नर ऑफ द फेडरल इलेक्शन कमीशन एलेन वीट्रॉब कहते हैं, ”इस साजिश का कोई आधार नहीं है कि मेल से मतदान में धोखाधड़ी होती है।”

अमेरिका में पोस्टल बैलेट धोखाधड़ी के अलग-अलग मामले सामने आए हैं, जैसे कि 2018 में नॉर्थ कैरोलाइना प्राइमरी में, जहां एक रिपब्लिकन उम्मीदवार के मतदान पत्रों से छेड़छाड़ के बाद फिर से मतदान किया गया था।

न्यू जर्सी में इस साल एक मामला आया था जिसमें दो डेमोक्रेटिक काउंसलर्स पर पोस्टल वोटिंग में कथित धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था।

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मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के एक राजनीतिक वैज्ञानिक चार्ल्स स्टीवर्ट के शोध के अनुसार, पोस्टल बैलट के मामले में मतपत्रों के लापता होने की संभावना अधिक होती है।

उन्होंने गणना की है कि 2008 के चुनाव में मेल से किए गए मतदान में खोने वाले मतों की संख्या 76 लाख या उन पांच व्यक्तियों ों में से एक हो सकती है जिन्होंने अपने मतपत्र पोस्ट किए थे।

सुप्रीम कोर्ट को लेकर ट्रंप ने क्या कहा

इससे पहले बुधवार को, ट्रंप ने सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश रूथ बेडर गिन्सबर्ग की मृत्यु के बाद खाली हुए पद पर चुनाव से पहले नियुक्ति के अपने फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि चुनाव अदालत में जाकर खत्म होंगे।

जस्टिस रूथ बेडर गिन्सबर्ग की 18 सितंबर को मौत हो गई थी।

बीबीसी के अनुसार राष्ट्रपति  ट्रंप ने कहा, ”मुझे लगता है कि ये सुप्रीम कोर्ट में खत्म होगा और वहां नौ न्यायाधीशों का होना बहुत जरूरी है। ये बेहतर है कि चुनाव से पहले ऐसा कर दिया जाए क्योंकि डेमोक्रेट्स जो घोटाला कर रहे हैं वो अमरीकी सुप्रीम कोर्ट के सामने होगा।”

ट्रंप ने फिर से इस बात का जिक्र किया कि मेल से होने वाले मतदान में धोखाधड़ी आसान है।

उन्होंने कहा कि वह इस शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के लिए एक महिला उम्मीदवार को नामांकित करेंगे। उनकी जस्टिस रूथ बेडर गिन्सबर्ग की जगह नियुक्ति होगी।

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