Sunday - 7 January 2024 - 6:39 AM

तो क्या मुसलमानों को आरक्षण देकर उद्धव ने किया विचारधारा से समझौता

न्‍यूज डेस्‍क

महाराष्ट्र में मुसलमानों को सरकारी स्कूल और कॉलेज में पांच फीसदी आरक्षण को उद्धव कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है। एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि जल्द ही इस आशय का कानून विधानसभा से पारित किया जाएगा।

नवाब मलिक ने कहा कि निजी स्कूल-कॉलेजों में भी यह आरक्षण लागू करने के कानूनी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही उद्धव सरकार प्राइवेट संस्थाओं में नौकरी के लिए भी अध्यादेश लाकर कानून बनाने पर विचार कर रही है।

ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्‍या मुख्‍यमंत्री की कुर्सी के लिए उद्धव ठाकरे ने शिवसेना की हिंदुत्‍ववादी विचारधारा से समझौता कर लिया है। गौरतलब है कि जब महराष्‍ट्र में शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी गठबंधन बनाया था, तब ऐसे सवाल उठे थे कि क्‍या कुर्सी के लिए शिवसेना ने अपनी विचारधारा से समझौता किया है तब उद्धव ठाकरे ने कहा था कि महाअघाड़ी में पार्टियों के बीच समझौता विचारधारा पर नहीं, सिर्फ कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के आधार पर हुआ है। उद्धव ने कहा कि यह समझौता विचारधाराओं पर आधारित नहीं है।

बीजेपी ने बताया- संविधान-विरोधी

वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि उनकी पार्टी बीजेपी इस आरक्षण का विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी धर्म के आधार पर किसी भी आरक्षण का विरोध करेगी।

उन्होंने कहा, ”कोई भी आरक्षण जो संविधान के खिलाफ है, उसका विरोध किया जाना चाहिए। मुस्लिमानों को धर्म के आधार पर आरक्षण दिया जा रहा है। इसलिए, हम इस आरक्षण का विरोध करेंगे क्योंकि यह संविधान-विरोधी है। हम ऐसी किसी भी चीज का समर्थन नहीं करेंगे जो संविधान विरोधी होगा। ”

बताते चले कि देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के बीच महाराष्ट्र सरकार ने यह साफ किया था कि वह इस कानून के खिलाफ विधानसभा में बिल नहीं लाएगी। एक तरफ कांग्रेस की सरकार वाले राजस्थान और अन्य राज्यों में इस कानून के खिलाफ बिल पेश कर पारित कराए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उसके गठबंधन वाले महाराष्ट्र सरकार की ‘ना’ के बाद अब सूबे में मुस्लिमों के लिए 5 फीसदी आरक्षण देने का एलान कर दिया है।

बता दें कि मुसलमानों के लिए नौकरियों और प्रमोशन में आरक्षण शिवसेना के नेतृत्व वाले महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के एजेंडे में पहले से था।

गौरतलब है कि साल 2014 से पहले जब सूबे में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सरकार थी, तब मराठा के लिए 16 और मुसलमानों के लिए 5 फीसदी आरक्षण का प्रावधान ऑर्डिनेंस लाकर किया गया था। चुनाव हुए, तब भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना गठबंधन की सरकार सत्ता में आ गई।

नई सरकार ने मराठा आरक्षण बरकरार रखा, लेकिन मुसलमानों के लिए आरक्षण पर कोई कदम नहीं उठाया। यह अध्यादेश लैप्स हो गया था। तब भाजपा के साथ शिवसेना सत्ता में साझीदार थी, जब मुस्लिम आरक्षण के लिए अध्यादेश लैप्स हो गया था। हालांकि इसके बाद शिवसेना ने पिछले दिनों कई बार मुस्लिम आरक्षण का राग अलापा था।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com