Wednesday - 10 January 2024 - 7:45 AM

इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद भी डोम बनने को मजबूर हैं ये लोग

जुबिली न्यूज़ ब्यूरो

नई दिल्ली. कोरोना काल में बेरोजगारी किस हद तक बढ़ गई है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल की मर्चुरी (मुर्दाघर) में शवों को देखने के लिए प्रयोगशाला सहायक के छह पदों के लिए आठ हज़ार लोगों ने दिलचस्पी दिखाई है. आवेदन करने वालों में इंजीनियर भी हैं और पोस्टग्रेजुएट व ग्रेजुएट भी.

अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी हैरान हैं कि इतनी उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद लोग डोम बनने को भी तैयार हैं जबकि इस पद के लिए वेतन भी बहुत ज्यादा नहीं है. महीने में सिर्फ 15 हज़ार रुपये ही मिलेंगे. आवेदन करने वालों की बात करें तो 100 इंजीनियर, 500 पोस्टग्रेजुएट और 2200 ग्रेजुएट डोम बनने के लिए तैयार खड़े हैं. कोलकाता के नील रत्न सरकार चिकित्सा कालेज के फारेंसिक एंड टाक्सीकोलाजी विभाग में डोम के छह पदों पर वैकेंसी है. सबसे आश्चर्य की बात यह है कि आवेदकों में 84 महिलायें भी हैं.

यह भी पढ़ें : ऐसी मुसीबत आयी कि कोई रोने वाला भी न बचा

यह भी पढ़ें : वुहान लैब का ऑडिट कराने से चीन ने किया इंकार

यह भी पढ़ें : आक्सीजन की कमी से मौत नहीं वाले मामले में इस स्वास्थ्य मंत्री ने किया केन्द्र सरकार पर पलटवार

यह भी पढ़ें : इस केस की तरफ लगी हैं लालू यादव के परिवार की निगाहें

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com