Wednesday - 10 January 2024 - 11:40 PM

…तो फिर Coronavirus को लेकर छुपाया गया इतना बड़ा सच

जुबिली स्पेशल डेस्क

कोरोना वायरस का कहर अब भी कम नहीं हुआ है। आलम तो यह है कि पूरी दुनिया कोरोना से जूझ रही है। हालांकि दुनिया के कई देश कोरोना की वैक्सीन बनाने का दावा जरूर कर रहे हैं लेकिन अभी तक इसका कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया है।

दूसरी ओर कोरोना को लेकर अब भी बड़ा सवाल है कि आखिर कैसे कोरोना दुनिया में फैला और कहा से आया है। इसको लेकर समय-समय पर बहस देखने को मिलती रहती है लेकिन जर्मनी और स्पेन के 500 डॉक्टरों के एक समूह ने कोविड-19 को लेकर जो खुलासा किया है वो हर किसी के होश उड़ाने के लिए काफी है।

डॉक्टरों के समूह ने कोरोना को एक सोचा समझा अपराध बताया

इन डॉक्टरों के समूह ने कोविड-19 को एक सोचा समझा अपराध बताया है। इतना ही नहीं डॉक्टरों का मानना है कि मीडिया में कोरोना को लेकर गलत जानकारी दी गई है और सच्चाई को छिपाने की कोशिश की गई है।

अभी हाल में इन डॉक्टरों के समूह ने पत्रकारों के सामने कुछ तर्क देते हुए कहा कि कोरोना को जानबूझकर पूरी योजना के तहत सामने लाया गया है।

यह भी पढ़ें : राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी का नया नामकरण !

यह भी पढ़ें : अपनी गर्दन रेतकर श्रद्धालु बोला- मां को धरती पर आना होगा, मेरे साथ न्याय करना होगा

यह भी पढ़ें : Bihar : क्या मुस्लिम-यादव गठजोड़ महागठबंधन को दिलाएगा सत्ता

जानकारी के मुताबिक चिकित्सा विशेषज्ञों की एक बड़ी टीम इसको लेकर 5 लाख प्रतियों का एक समाचार पत्र प्रकाशित करता है ताकि जनता को गलत जानकारी के बारे में सूचित किया जा सके।

इसके साथ ही एक करोड़ 20 लाख लोगों ने हस्ताक्षर अभियान भी 29 अगस्त को चलाया था। डॉक्टरों ने कुछ सबूत पेश किया और इससे पता चला कि कोरोना के फैलने से पहले ही कुछ लोगों और संगठनों को पहले से जानकारी थी।

 पहले से ही कुछ लोगों को थी कोरोना की जानकारी

डॉक्टरों ने यह सवाल किया है कि कोरोना को लेकर कुछ लोगों को चार साल पहले से इसकी जानकारी थी। दरअसल 2015 में कोविड-19 के परीक्षण के लिए एक प्रणाली और विधि को रिचर्ड रौशचाइल्ड द्वारा एक डच सरकारी संगठन के साथ पेटेंट कराया गया था। हालांकि पेटेंट को अभी तक नहीं पकड़ा गया है और डॉक्टरों ने इसपर सवाल उठाया है।

इसलिए पड़ा कोविड-19 इसका नाम

डॉक्टरों की टीम ने यह भी माना है कि कोरोना चीन में 2019 के अंत में आया था और इसलिए इसका नाम कोविड-19 रखने में देर नहीं की गई। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि साल 2017 और 2018 कोविड-19 के परीक्षण किट को दुनियाभर में बेची गई। इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

World  इंटीग्रेटेड ट्रेड सॉल्यूशन के डेटा भी चौंका रहा है

डॉक्टरों ने बताया कि इसका खुलासा वल्र्ड इंटीग्रेटेड ट्रेड सॉल्यूशन के डेटा में हुआ है। इसी साल सितम्बर में सोशल मीडिया पर एक डेटा सामने आया है।

इस डेटा में कहा गया है कि कोविड-19 नाम की मेडिकल किट को कई देशों को बेचा गया। इसके आंकड़े भी दिए हैं। सोशल मीडिया पर जब ये सूचना वायरल हुई तो वर्ल्ड इंटीग्रेटेड ट्रेड सॉल्यूशन (विट्स) नामक संस्था ने इसका नाम बदलकर ‘मेडिकल टेस्ट किट’ कर दिया।

कोविड-19 किट नाम देने से पता चलता है कि दो साल पहले इस संस्था को महामारी के बारे में पूरी जानकारी थी।

विश्व बैंक ने भी कोविड-19 को एक परियोजना जैसा बताया

अमेरिकी कोरोना विशेषज्ञ एंथोनी फॉसी की भविष्यवाणी भी सवालों के घेरे में कोरोना को लेकर अमेरिकी कोरोना विशेषज्ञ एंथोनी फॉसी ने कोरोना को लेकर साल 2017 में बेहद चौंकाने वाली बात कही थी

और कहा था कि पूरे विश्वास के साथ घोषणा की थी कि राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल में एक संक्रामक बीमारी का आश्चर्यजनक प्रकोप अवश्य आएगा। डॉक्टरों का आरोप है कि फॉसी इस तरह की भविष्यवाणी कैसे कर सकते हैं? उन्हें क्या पता था?

इसके आलावा ऐसे कई और उदाहरण मिलते हैं, जिसमें इस महामारी की सूचना पहले से मिलती दिखाई पड़ती है। कई फिल्मों में महामारी का जिक्र होता नजर आया है। फिल्म डेड प्लेग में कुछ इसी तरह का दिखाया गया है।

यह भी पढ़ें : नवरात्रि के व्रत में बना कर खाएं ‘साबूदाना डोनट्स’

यह भी पढ़ें : …तो क्या है अब भी है शिवपाल के दिल में अखिलेश के लिए प्रेम

यह भी पढ़ें : इस आईपीएस ने कैसे कमाया ‘1 मिलियन डॉलर’

यह भी पढ़ें : वचन पत्र : कोरोना से मरने वालों के परिजनों को नौकरी देगी MP कांग्रेस

इसके आलावा अमरीका में 2013 में एक संगीतकार ने PANDEMIC नामक एक गीत लिखा।   गाने के माध्यम से कहा है कि जो लाखों लोगों को मारती है, अर्थव्यवस्थाओं को बंद कर देती है और दंगों को जन्म देती है।

2012 में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के उद्घाटन शो भी कोरोना की छाप दिखायी पड़ रही थी। इस शो में र्शाया गया कि अस्पताल में दर्जनों बिस्तर लगे हैं, बड़ी संख्या में नर्सें बीमारी से जूझ रही हैं।

इस दृश्य में दिखाया गया कि एक बीमारी ने सबको अपने वश में कर रखा है। थियेटर में इस तरह की रोशनी की गई जैसे पूरी दुनिया एक आग में जल रही है। इसमें में भी कोरोना की ओर इशारा कर रही थी। ऐसे में बड़ा सवाल क्या सच में इन लोगों को कोरोना की जानकारी काफी पहले से थी और दुनिया को गुमराह किया गया यह भी एक बड़ा सवाल है।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com