Friday - 12 January 2024 - 9:26 PM

‘2025 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का सवाल ही नहीं है’

न्यूज डेस्क

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने भारत की अर्थव्यवस्था पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की हालत ठीक नहीं है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि मौजूदा विकास दर से 2025 में 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का सवाल ही नहीं है।

मालूम हो कि केन्द्र में दोबारा भाजपा की सरकार बनने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने अगले पांच साल में देश की अर्थव्यवस्था को 5,000 अरब डॉलर की बनाने का लक्ष्य रखा था लेकिन अर्थव्यवस्था पर छाए संकट के बाद से इसे हासिल करने पर सवाल उठ रहे हैं।

गौरतलब है कि आर्थिक विकास दर की गति कम हो रही है और वित्त वर्ष 2016 के 8.2 फीसदी के मुकाबले वित्त वर्ष 2019 में विकास दर 6.8 फीसदी रह गई है।

21 नवंबर को रंगराजन ने अहमदाबाद में कहा, ‘वर्तमान में हमारी अर्थव्यवस्था 2,700 अरब डॉलर है। हम पांच साल में इसे दोगुना कर 5,000 अरब डॉलर करने की बात कर रहे हैं। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए नौ फीसदी सालाना की दर से विकास की जरूरत है। ऐसे में 2025 तक 5,000 करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बनने का सवाल ही नहीं है।’

आईबीएस-आईसीएफएआई बिजनेस स्कूल की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने कहा, ‘आप दो साल गंवा चुके हैं। इस साल यह विकास दर छह फीसदी से नीचे रहने वाली है जबकि अगले साल यह करीब सात फीसदी होगी। इसके बाद अर्थव्यवस्था गति पकड़ सकती है।’

रंगराजन ने कहा कि अगर देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 5,000 अरब डॉलर हो गया तो देश में प्रति व्यक्ति आय मौजूदा 1,800 डॉलर से बढ़कर 3,600 डॉलर हो जाएगी। इसके बावजूद देश निम्न मध्यम आय वाले देशों की श्रेणी में ही रहेगा।

रंगराजन ने कहा, ‘विकसित देश की परिभाषा ऐसे देश से है जिसकी प्रति व्यक्ति आय 12,000 डॉलर सालाना हो। अगर हम नौ फीसदी की दर से विकास करे तब भी इसे हासिल करने में 22 साल लगेंगे।’

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