Friday - 12 January 2024 - 4:38 PM

इसलिए आदित्य वर्मा ने फिर लिखा BCCI को पत्र

जुबिली स्पेशल डेस्क

पटना।  सुप्रीम कोर्ट के याचिका कर्ता आदित्य वर्मा एक बार फिर सुर्खियों में है। दरअसल आदित्य वर्मा जहां एक ओर अपने राज्या में क्रिकेट को दोबारा पटरी पर लाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं तो दूसरी ओर कोरोना काल में खिलाड़ियों को हो रही परेशानी को लेकर बीसीसीआई में अपनी आवाज बुलंद करते नजर आ रहे हैं।

उन्होंने आज बीसीसीआई के सचिव जय शाह को बेहद जरूरी पत्र लिखा है। इस पत्र के माध्यम से उन्होंने बिहार में मौजूदा क्रिकेट को लेकर जो संकट और उसके साथ-साथ कोरोना काल में खिलाड़ियों को हो रही परेशानी का जिक्र किया है। हालांकि इस पत्र एक चीज और जो बताती है कि बिहार में क्रिकेट को लेकर बोर्ड क्यों नहीं अब तक गम्भीर है।

उन्होंने अपने पत्र के माध्यम से बिहार क्रिकेट के वकाए राशि को अविलम्ब भुगतान करने के लिए बीसीसीआई से कहा है। उन्होंने कहा है कि जहां एक ओर कोरोना प्रचंड पर है तो दूसरी ओर घरेलू क्रिकेट में खेलने वाले खिलाडिय़ों आर्थिक हालात से जूझना पड़ रहा है। जुबिली पोस्ट को आदित्या वर्मा को वो पत्र भी मिला जिसमें उन्होंने एक बार फिर बिहार क्रिकेट को लेकर आवाज उठायी है।

बीसीसीआई के सचिव जय शाह को लिखे अपने पत्र में बीसीए सचिव आदित्य वर्मा ने लिखा है कोरोना के कारण पूरी दुनिया को मुख्य रूप से वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है।

ऐसे हालात में अब तक बीसीसीआई ने 2019 मे सीओए के कार्य काल के दौरान 10.80 करोड़ रुपये जो आये थे उसके बाद आज तक बीसीसीआई की नई चुनी गई कमिटी के कार्यकाल मे हर साल राज्य क्रिकेट संघो को मिलने वाले ग्रांट राशि मे बिहार क्रिकेट संघ को फूटी कौड़ी भी नहीं भेजा है जो अब तक समझ में नहीं आ रही है।

उन्होंने पत्र में आगे कहा है कि खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि, बीसीए के कोरोना जैसे महामारी के दो लहर के बाद तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है , ऐसे समय मे बिहार क्रिकेट संघ के कर्मचारी का सैलरी हो या खिलाड़ियों के मूलभूत सुविधाके ध्यान देने वाले मैदान पर काम करने वाले माली पिच बनाने वाले खिलाड़ियोंकी खेल से संबधित वस्तुओं के दाम आदि के लिए पैसा के वगैर बिहार क्रिकेट का विकास ठप है ।

कोरोना ने जहां एक ओर आम इंसान की कमर तोड़ दी है वैसी स्थिति में आप सोच सकते हैं कि बिहार में  कितनी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने अपने पत्र में आगे कहा है कि गत 4 दिसंबर को कोलकाता मे बीसीसीआई के एजीएम बैठक हुई थी।

इस बैठक में तय हुआ था कि बीसीसीआई उत्तर पूर्व के राज्य क्रिकेट संघो को 10 करोड़ की आर्थिक मदद देंगी ताकि राज्य क्रिकेट संघों का विकास हो सके लेकिन देश का तीसरा बड़ा राज्य और 1935 से बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त संस्था 1975-76 के रणजी ट्रॉॅफी उपविजेता बिहार क्रिकेट संघ का बीसीसीआई ने अब तक पैसा रोक रखा है जो हर किसी समझ से परे हैं।

उन्होंने आगे कहा, किइ विभिन्न पारिवारिक पृष्ठभूमि से आने वाले बिहार क्रिकेट संघ के कर्मचारी को अपने वेतन के बिना संकट के समय में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

कोरोना के कारण परिवारों को भी वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने अंत में कहा है कि बीसीसीआई से विनम्र निवेदन करते है कि जल्द से जल्द बिहार क्रिकेट को मिलने वाली ग्रांट राशि का भुकतान करे।

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