Sunday - 7 January 2024 - 9:10 AM

Tag Archives: लोकतंत्र

डंके की चोट पर : क्या चौकीदार को मिल गया है मालिकाना हक

शबाहत हुसैन विजेता हिन्दुस्तान की अवाम ने जिसे मुल्क की चौकीदारी सौंपी थी वही अब हर दरवाज़ा खटखटाकर घर के मालिकाना हक के कागज़ मांग रहा है। सियासत के जरिये चौकीदारी के रास्ते मालिक बन जाने की इस कलाकारी ने लोकतंत्र में विरोध के सुरों को भी दबा दिया है। …

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अजय कुमार लल्लू ने पूछा- तानाशाही और अफसरशाही किसके दम पर हो रही

जुबिली न्यूज़ डेस्क उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रदेश में बढ़ रही अफसरशाही को लोकतांत्रिक मूल्यों की अनदेखी पर सरकार को घेरा है। उन्होंने बिजनौर में कोर्ट के अंदर हुई हत्या पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पूरे सूबे में अराजकता का माहौल है। उन्होंने कहा कि …

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‘कसम खाता हूं, भाजपा ने बाला साहेब ठाकरे के कमरे में ’50-50′ का वादा किया था’

न्यूज डेस्क महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन भले ही लग गया है लेकिन सियासी रण में संग्राम बदस्तूर जारी है। बीजेपी-शिवसेना की राहें अलग हो चुकी हैं लेकिन आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति जारी है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को देवेंद्र फडणवीस के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होने की बात पर अब …

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देश के सभी पत्रकारों को केंद्र सरकार का तोहफा

न्यूज़ डेस्क देशभर के सभी पत्रकारों के लिए बड़ी खुशखबरी है। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ को मजबूती प्रदान करते हुए केंद्र सरकार ने ‘पत्रकार वेलफेयर स्कीम’ में संशोधन किया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पत्रकारों के कल्याण के लिए इस स्कीम को फरवरी 2013 में लागू किया था। …

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क्या अब चुनाव से खत्म हो गया है “राजनीति” का रिश्ता ?

उत्कर्ष सिन्हा पहली बार में ये शीर्षक जरूर अटपटा लगेगा , मगर थोड़ी देर सोचने में क्या हर्ज है । आप कह सकते हैं कि भारतीय संविधान ने यह व्यवस्था दी है कि भारत में मतदान की प्रक्रिया के बाद चुने हुए लोग अगले 5 साल के लिए सरकार बनाएंगे …

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भाजपाई गडकरी का फलसफाना अंदाज

सुरेंद्र दुबे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपने ढंग के अनोखे नेता हैं। पता नहीं कैसे राजनीति में आ गए। पर लगता है कि राजनीति का घटिया अंदाज कभी-कभी उन्‍हें अंदर से झकझोर देता है। फिर उनके अंदर छिपा एक दार्शनिक मन बाहर निकल कर अपने इर्द-गिर्द फैले वातावरण में उथल-पुथल …

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जिस हेडक्वार्टर का किया था उद्घाटन उसी में आरोपी बनकर पहुंचे चिदंबरम

न्यूज डेस्क कहते है समय से बड़ा बलवान कोई नहीं होता। किसी भी घटना का समय ही सबसे बड़ा साक्षी और गवाह होता है। ऐसा ही कुछ पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम के मामले में हो रहा है। चिदंबरम ने कभी सपने में नहीं सोचा होगा कि जहां वह विशिष्ठ अतिथि …

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किस कानून की वजह से हांगकांग में मचा है बवाल

न्‍यूज डेस्‍क दुनिया के सबसे बड़े शहरों में से एक हांगकांग में पिछले करीब 10 हफ्तों से जारी लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शन ने अब हिंसा का रूप ले लिया है। पहले प्रदर्शनकारियों ने संसद का घेराव किया और अब दुनिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट में शामिल हांगकांग हवाईअड्डे को भी जाम …

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उलटबांसी : यूरेका यूरेका… मिल गया चुनाव आयोग का विकल्‍प

अभिषेक श्रीवास्‍तव होमियोपैथी का बुनियादी सिद्धांत है कि जहां मर्ज़ है, दवा भी वहीं है। भौतिकी में इसे कहते हैं कि किसी कार्य का कारण आउट ऑफ फ्रेम नहीं होता। समाज और दर्शन वाला कहेगा कि जवाब वहीं है जहां सवाल है। अगर ऐसा वाकई है, तो जवाब मिलता क्‍यों …

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कभी गलत नही होता लोगों का सामूहिक फैसला

केपी सिंह  राजनीति का एक सूत्र वाक्य है जनता कभी गलत नही होती। व्यक्तिगत तौर पर लोग गलत और मूल्यहीन हो सकते हैं लेकिन लोगों का सामूहिक विवेक और निर्णय मूल्य पक्षधरता को व्यक्त करता है। चार्वाकवादी युग निश्चित रूप से चार्वाकवादी इस युग में मौलिक आध्यात्मिक भावनाएं लोगों के …

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