Friday - 12 January 2024 - 1:28 AM

‘कसम खाता हूं, भाजपा ने बाला साहेब ठाकरे के कमरे में ’50-50′ का वादा किया था’

न्यूज डेस्क

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन भले ही लग गया है लेकिन सियासी रण में संग्राम बदस्तूर जारी है। बीजेपी-शिवसेना की राहें अलग हो चुकी हैं लेकिन आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति जारी है।

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को देवेंद्र फडणवीस के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होने की बात पर अब शिवसेना ने पलटवार किया है। शिवसेना के प्रवक्ताव राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कसम खाकर कहा कि भाजपा ने बाला साहेब ठाकरे के कमरे में ’50-50′ का वादा किया था लेकिन अब झूठ बोल रही है।

राउत ने कहा कि बीजेपी और शिवसेना के बीच बाला साहेब के कमरे में बातचीत हुई थी। इस दौरान शाह भी मौजूद थे। हम झूठ नहीं बोलेंगे, बाला साहेब की कसम खाते हैं।

मीडिया से बातचीत में शिवसेना प्रवक्ता राउत ने कहा कि हम झूठ का सहारा लेकर कोई बात नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, ‘ बीजेपी ने बाला साहेब ठाकरे का अपमान किया है। बाला साहेब के कमरे ने बीजेपी ने वादा किया था। इस दौरान उद्धव और अमित शाह मौजूद थे। बाला साहेब का कमरा हमारे लिए मंदिर की तरह से है। हम झूठ नहीं बोल रहे। 50-50 का वादा बीजेपी ने वादा किया था और अब झूठ बोल रही है।’

गौरतलब है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घटनाक्रम पर चुप्पी तोड़ते हुए बुधवार को कहा था कि पार्टी को शिवसेना की नई मांग स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि कई बार मैं और पीएम नरेंद्र मोदी सार्वजनिक तौर पर कह चुके थे कि अगर हमारा गठबंधन चुनाव जीतेगा तो देवेंद्र फडणवीस सीएम होंगे। उन्होंने कहा कि उस समय किसी ने इसका विरोध नहीं किया था। अब वे नई मांग के साथ सामने आए हैं, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

इतना ही नहीं अमित शाह ने राज्यपाल कोशारी के कदम का बचाव करते हुए कहा कि इससे पहले सरकार गठन के लिए इतना वक्त किसी राज्य में नहीं दिया गया था। 18 दिन का समय दिया गया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल में सभी पार्टियों को तभी बुलाया जब विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो गया। शिवेसना, कांग्रेस, एनसीपी और न हमने सरकार बनाने का दावा किया। अगर आज भी किसी दल के पास नंबर है तो वो राज्यपाल के पास जा सकता है।

बीजेपी अध्यक्ष शाह ने कहा, ‘सभी दलों के पास आज भी मौका है, सभी एकत्र होकर वे राज्यपाल के पास जा सकते हैं। मौका न देने का सवाल कहां है। इस मुद्दे पर विपक्ष कोरी राजनीति कर रहा है। एक संवैधानिक पद को राजनीति के लिए इस तरह के घसीटना लोकतंत्र के लिए स्वस्थ परंपरा नहीं है। राज्यपाल ने सबको 6 महीने का समय दे दिया बनाओ भाई सरकार।’

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, ‘राज्यपाल ने उचित काम ही किया है। किसका मौका छीन लिया, कैसे मौका छीन लिया? कपिल सिब्बल जैसे विद्वान वकील बचकाना दलीलें देश के सामने रखते हैं। हम सबसे बड़ी पार्टी थे। हमारे साथी दल ने नई शर्तें रखना चाही जो हमें स्वीकार्य नहीं थे। जो दावा कर रहे हैं हमें सरकार बनाने को मौका नहीं मिला उनके पास अभी भी मौका है।’

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