Monday - 22 January 2024 - 8:50 PM

‘यूपी दिवस’ में प्रदेश को मिलीं कई सौगातें

न्यूज़ डेस्क

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस पर तीन दिवसीय यूपी दिवस के आयोजन का शुभारम्भ अवध शिल्पग्राम में शुक्रवार को रंगारंग कार्यक्रम के साथ हुआ। समारोह का उद्घाटन उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘अटल आवासीय विद्यालय’ योजना की प्रदेश की जनता को सौगात दी है। यह देश की सबसे बड़ी योजना है। ख़ास तौर पर दलितों, पिछड़ों, श्रमिकों, गरीबों और कामगारों के बच्चों के लिए है। मुख्यमंत्री ने ‘अटलजी’ के नाम पर शुरू इन आवासीय विद्यालयों की पूरी रूपरेखा खुद तैयार करवाई है।

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इन विद्यालयों में गरीब परिवारों के श्रमिक परिवारों के दलित और पिछड़े परिवारों से आने वाले बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह आवासीय विद्यालय होंगे और यहां बच्चों की ‘विश्वस्तरीय पढ़ाई’ के साथ- साथ उनके रहने और खाने का भी पूरा इंतज़ाम सरकार करेगी।

अटल योजना प्रदेश के सभी 18 मंडलों में लागू होगी। किसी भी प्रदेश में मज़दूरी करने वाले परिवारों के बच्चों के लिए इतनी सुविधाओं से परिपूर्ण यह पहली और अनोखी योजना है।

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मुख्यमंत्री ने जिलों से संबंधित योजनाओं का डिजिटल लोकार्पण किया। साथ ही बलरामपुर मेडिकल कॉलेज, एसजीपीजीआई और बलरामपुर ट्राइबल म्यूजियम का भी उन्होंने इस मौके पर शिलान्यास किया और खादी बोर्ड से संबंधित एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

आजादी के बाद 24 जनवरी 1950 को प्रदेश का नया नाम उत्तर प्रदेश रखा गया। इस दिवस को सरकार नहीं मनाती थी। इसकी शुरुआत तत्कालीन राज्यपाल रामनाईक की प्रेरणा से 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की।

उन्होंने पहले स्थापना दिवस पर ओडीओपी की घोषणा की थी, जबकि दूसरे स्थापना दिवस पर 2018 में ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ शुरू किया गया था। अब तीसरे स्थापना दिवस पर योगी ने ‘अटल आवासीय विद्यालय’ की सौगात दी है। इस दिवस का 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर समापन होगा।

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राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अन्य अतिथियों ने संस्कृति विभाग की अभिलेखीय पुस्तक का विमोचन किया। इसके बाद पर्यटन विभाग की फिल्म का प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर खेल प्रतिभाओं तथा उद्यमियों को सम्मानित भी किया गया।

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रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से पारूल चौधरी, शिवा सिंह, मईअल खान, अमृता पाण्डेय तथा रेड्डी को 3 लाख, 11 हजार की राशि और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। जबकि लक्ष्मण पुरस्कार से सौरभ चौधरी, ​दिवाकर राम, राहुल दूबे, श्रेयांश कुमार, चमन सिंह, अभिषेक यादव, शिवपाल सिंह, राजीव तोमर तथा सत्येन्द्र कुमार को 3 लाख, 11 हजार की राशि व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

उद्यमियों में अमर तुलस्यान, सचिन अग्रवाल, आकाश गोयनका, माधव गोपाल अग्रवाल, चन्द्र प्रकाश अग्रवाल तथा डा. महेश गुप्ता को सम्मानित किया गया। अवध शिल्पग्राम में प्रदेश की पौराणिक संस्कृतियों की झलकियों को कलाकारों की ओर से प्रस्तुत किया गया। बच्चों ने अवध की संस्कृति को श्रीरामचरित मानस के सस्वर पाठ से उकेरा।

बच्चों ने राम-राम जय राजा राम, राम-राम जय सीताराम, रामचरित मानस के ‘मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी, ‘राम काज कीन्हे बिनु मोहि कहाँ बिश्राम’ की चौपाई का सस्वर पाठ किया। इसके बाद ब्रज के लोक कलाकारों ने कृष्णोत्सव की प्रस्तुति दी।

जबकि बुन्देलखण्ड की सांस्कृतिक प्रस्तुति में ‘राम राजा सरकार… अग्नि के लाल हनुमान…, के साथ राजा रामचन्द्र की जय से समाप्त किया। जौनपुर के फौजदार सिंह आल्हा तो बांदा के रमेश पाल का पाई-डंडा नृत्य भी लोगों को खूब आकर्षित किया। इस मौके पर गाजीपुर के जीवन राम की धोबिया लोकनृत्य की प्रस्तुति ने भी सबका मन मोहा।

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