Sunday - 7 January 2024 - 5:50 AM

विधान परिषद चुनाव में अपने पुराने M-Y फॉर्मूले पर लौटी सपा

जुबिली न्यूज डेस्क

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुस्लिम-यादव समीकरण से परहेज करने वाली समाजवादी पार्टी ने फिलहाल अपनी रणनीति में बदलाव किया है।

सपा विधान परिषद चुनाव में फिर अपने पुराने फार्मेूले पर लौट आई है। इस बार उसने विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकारी चुनाव की 35 सीटों पर आधे से अधिक यादव वर्ग के उम्मीदवार उतार दिए हैं साथ ही मुस्लिम व ब्राह्मण को भी अहमियत दी गई है।

लेकिन गैरयादव बिरादरी को केवल नाममात्र का प्रतिनिधित्व मिला है। असल में विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण में रणनीति के तहत समाजवादी पार्टी ने गैरयादव पिछड़ी जातियों को खास तवज्जो दी थी। इसके जरिए उसने बड़े जनसमूह को अपने पक्ष में करने की कोशिश की थी।

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चूंकि यह चुनाव सीधे जनता से न होकर पंचायत प्रतिनिधियों के जरिए होना है। इसलिए समाजवादी पार्टी ने अपनी रणनीति बदली और उन्हीं को टिकट दिया जो क्षेत्र में प्रभावशाली हैं और वोट हासिल कर सकते हैं।

पिछली बार सपा के जीते 36 में अधिकतर यादव बिरादरी के ही थे। अधिकांश को टिकट दोबारा मिलने से यादव समुदाय का प्रतिनिधित्व सबसे अधिक हो गया।

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सपा ने सूची जारी करते समय यादव बिरादियों के प्रत्याशियों के नाम में यादव उपनाम लगाने से परहेज किया, जबकि अन्य बिरादरी के प्रत्याशियों के नाम में उपनाम लगाया गया है।

समाजवादी पार्टी ने एक महिला को भी टिकट दिया है। सपा इस बार सत्ता से बाहर है ऐसे में देखना है कि उसके प्रत्याशी बीजेपी प्रत्याशियों के आगे कितना मुकाबला कर पाते हैं।

सामाजिक समीकरण

यादव- 21
मुस्लिम- 4
ब्राह्मण- 4
कुर्मी- 1
प्रजापति- 1
जाट- 1
शाक्य- 1
क्षत्रिय- 1

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