Saturday - 20 January 2024 - 4:45 AM

पैरा एशियन गेम्स : भारतीय दृष्टिबाधित जूडोका जीत सकते हैं 4 पदक

लखनऊ। वह दूसरो का सहारा लेकर मैट पर चढ़ते है, उनको कई कामों के लिए दूसरों का सहारा लेना पड़ता है लेकिन जूडो मैट पर उनके दांवपेंच देखकर हर कोई हैरान रह जाता है।

यहां बात हो रही है 10 सदस्यीय भारतीय दृष्टिबाधित जूडो टीम की जिसने आगामी पैरा एशियन गेम्स की तैयारियों के लिए पिछले कई माह से लखनऊ की इंडियन पैरा जूडो अकादमी में जमकर पसीना बहाया है।उत्तर प्रदेश की गुलशन भी 10 सदस्यीय भारतीय दृष्टिबाधित जूडो टीम से दिखाएंगी दम
भारतीय दृष्टिबाधित जूडो टीम में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की गुलशन को जगह मिली है। इस टीम का विदाई समारोह मंगलवार को लखनऊ में आयोजित किया गया था।

इस समारोह में मुख्य अतिथि सुभाष चंद्र शर्मा (आईएएस, प्रमुख सचिव सशक्तिकरण व दिव्यांगजन) ने खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आपके सामने एशिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की चुनौती होगी लेकिन आपको घबराना बिल्कुल नहीं है। आपको पदक जीतकर लाना है।

वहीं इंडियन ब्लाइंड एंड पैरा जूडो एसोसिएशन के चेयरमैन अवनीश कुमार अवस्थी (सलाहकार मुख्यमंत्री) ने कहा कि इस टीम ने जिस तरह से तैयारियां की है उससे सबको विश्वास हो चुका है कि ये खिलाड़ी चीन के हांगझोऊ में होने वाले पैरा एशियन गेम्स में देश का परचम जरुर लहराएंगे।

बात अगर पिछले एशियन गेम्स की करें तो पैरा एशियन गेम्स -2014 में भारतीय दृष्टिबाधित जूडोकाओं ने तीन कांस्य पदक जीते थे। वहीं जकार्ता में हुए पैरा एशियन गेम्स-2018 में भारतीय खिलाड़ी कोई पदक नहीं जीत सके है।

वहीं भारतीय दृष्टिबाधित जूडो टीम के मुख्य कोच मुनव्वर अंजार के अनुसार उम्मीद है कि इस बार खिलाड़ी 3 से 4 पदक जीतेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले पैरा एशियन गेम्स से लेकर अब तक काफी सुधार हुआ है जिससे खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ा है।

वहीं सुधीर हलवासिया के सहयोग से लखनऊ के हलवासिया कोर्ट में इंडियन इंडियन पैरा जूडो अकादमी की शुरुआत भी एक बड़ा पड़ाव रहा है।

भारत की इस तरह की पहली जूडो अकादमी की शुरुआत से अब दृष्टिबाधित व पैरा जूडोकाओं को ट्रेनिंग के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता है।उन्होंने कहा कि इस टीम के खिलाड़ियों के साथ खास बात ये है कि ज्यादातर निम्नवर्गीय परिवारों से आते है और कई चुनौतियों के बावजूद इन्होने हार नही मानी है।

इस टीम में शामिल मध्य प्रदेश के कपिल परमार 10 इंटरनेशनल टूर्नामेंट्स में से नौ पदक अपने नाम कर चुके है। सभी खिलाड़ी लगातार परचम लहरा रहे है।इस टीम में शामिल जानकी बाई और सुनील कुमार पिछले पैरा एशियन गेम्स में हिस्सा ले चुके हैं। भारतीय टीम बुधवार दोपहर को लखनऊ से नई दिल्ली के लिए रवाना होगी और उसी दिन वहां से हांगझोऊ के लिए रवाना होगी।

इस अवसर पर मुकेश कुमार मेश्राम (आईएएस, प्रमुख सचिव, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग), प्रकाश डी. (आईपीएस, डीजी हाउसिंग, यूपी पुलिस), डा.आरपी सिंह (खेल निदेशक उत्तर प्रदेश), सुधीर एस हलवासिया, अशोक रैना, अनूप गुरनानी सहित अन्य मौजूद थे।

भारतीय टीम इस प्रकार हैं-
महिला : जानकी बाई (मध्य प्रदेश), रेनुका नारायण साल्वे, रूशाली अशोक मोरे (महाराष्ट्र), मुकेश रानी, कोकिला (हरियाणा), गुलशन (उत्तर प्रदेश),
पुरुष : कपिल परमार, देवेंद्र यादव (मध्य प्रदेश), जयदेव गुरैन, सुनील कुमार (हरियाणा)
मुख्य कोच : मुनव्वर अंजार, कोच : आयशा मुनव्वर,
स्कार्ट : अकरम शाह, सुरेंद्र कुमार,
मैनेजर : मुकेश मेश्राम
टीम लीडर : अवनीश कुमार अवस्थी

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