जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना की वैक्सीन कब तक आयेगी यह न तो सरकार को पता है और न ही वैज्ञानिकों को। सिर्फ उम्मीद जतायी जा रही है कि अगले साल के शुरुआती महीनों में आ सकती है।
लेकिन बीजेपी कोरोना वैक्सीन को लेकर सियासत कर रही है। वह इसे चुनावों में भुना रही है। जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव, उपचुनाव हो रहा है वहां बीजेपी इसे मुफ्त में देने का वादा कर रही है, जबकि प्रधानमंत्री और केंद्र के मंत्री यह दावा कर रहे हैं कि केंद्र सरकार पूरे देशवाासियों को मुफ्त में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करायेगी।
चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए नेता कुछ भी बोलते रहते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री, वित्तमंत्री ऐसा बयान दें तो सवाल उठना लाजिमी है। बिहार में जहां विधानसभा चुनाव हो रहा है वहीं मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में उपचुनाव हो रहा है।
बिहार में कोरोना वैक्सीन को चुनाव में भुनाने के बीजेपी के कदम पर सवाल उठ ही रहा था कि मध्य प्रदेश में भी बीजेपी ने उपचुनाव के घोषणापत्र में शामिल किया है।
एमपी में 3 नवंबर को 28 विधान सभा क्षेत्रों के उपचुनाव होना है, जिसके लिए बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में एमपी के प्रत्येक निवासी को कोविड -19 वैक्सीन मुफ्त में देने का वादा किया है।
दरअसल सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि एक ओर केंद्र सरकार के मंत्री कहते हैं कि पूरे देशवासियों को कोरोना की मुफ्त वैक्सीन केंद्र सरकार उपलब्ध करायेगी तो वहीं दूसरी ओर भाजपा चुनाव होने वाले राज्यों में कोरोना वैक्सीन मुफ्त देने का वायदा कर रही है।
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भाजपा ने 28 चुनाव क्षेत्रों में से प्रत्येक के लिए क्चछ्वक्क संकल्प पत्र ‘ (संकल्प दस्तावेज) शीर्षक से अलग घोषणापत्र जारी किया है। जबकि घोषणापत्र में निर्वाचन क्षेत्र-विशिष्ट मुद्दे शामिल हैं, मुफ्त कोविद -19 टीका और पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा बंद की गई योजनाओं को फिर से शुरू करना जैसे आम वादे हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 22 अक्टूबर को ग्वालियर में एक चुनावी सभा में राज्य के लिए मुफ्त टीकों की घोषणा की थी, जबकि वहीं केंद्र के मंत्री प्रताप सारंगी ने कहा है कि केंद्र सरकार सभी देशवासियों को मुफ्त में कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध करायेगी। इतना ही नहीं उन्होंने इसका पूरा ब्यौरा भी दिया कि कैसे लोगों तक सरकार वैक्सीन पहुंचायेगी।
लेकिन भाजपा इसके उलट चुनाव में महामारी का फायदा उठाने की कोशिश में लगी हुई है। बीजेपी ने जब बिहार में ये चुनावी वादा किया था तब भी विपक्षी दलों ने सवाल उठाया था। विपक्ष ने कहा था कि बीजेपी चुनावी महामारी का चुनाव में फायदा उठाने की कोशिश कर रही है।
फिलहाल अब मध्य प्रदेश में बीजेपी ने कोरोना महामारी भुनाने में जुट गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि राज्य सरकार ने फैसला किया है कि कोविड-19 वैक्सीन गरीबों को मुफ्त में दी जाएगी जो इसका खरचा नहीं उठा सकते, घोषणापत्र के अन्य वादों में चौहान द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों को 4,000 रुपये के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) की घोषणा भी शामिल है।
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अब आइये जानते हैं कि केंद्रीय मंत्री प्रताप सांरगी ने क्या कहा था। सांरगी ने 25 अक्टूबर को बालासोर में 3 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए एक अभियान बैठक को संबोधित करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि सभी लोगों को नि:शुल्क टीके प्रदान किए जाएंगे। प्रत्येक व्यक्ति के टीकाकरण पर अनुमानित 500 रुपये खर्च किए जाएंगे।
अब तो कोरोना वैक्सीन को लेकर प्रधानमंत्री ने भी स्पष्ट कर दिया है कि जब देश में कोरोना वायरस की वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी तो इसे सभी देशवासियों को उपलब्ध कराया जाएगा। अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक्स टाइम्स को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा ‘मैं देश को आश्वस्त करना चाहूंगा कि जैसे ही देश में कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध होगी, हर किसी को वैक्सीन दी जाएगी। किसी को छोड़ा नहीं जाएगा।’
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अब सवाल उठता है कि जब केंद्र सरकार कोरोना टीका का जिम्मेदारी ले रही है तो फिर चुनावों में इसे क्यों भुनाया जा रहा है? कोरोना टीका पर बीजेपी के सियासत पर वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र दुबे कहते हैं, देखिए सरकार किसको टीका देगी, कब देगी यह सरकार ही जानती है। लेकिन कोरोना महामारी से हर व्यक्ति डरा हुआ है। सभी कोरोना के टीके का इंतजार कर रहे हैं कि जल्द से जल्द मिले। बीजेपी इसी का फायदा उठा रही है। वह जानती है कि इस समय सभी के दिमाग में सिर्फ कोरोना का टीका ही चल रहा है। इसलिए कोरोना का टीका का जिक्र करना सही लग रहा है।
वह कहते हैं कि महामारी से निजात दिलाना सरकार की जिम्मेदारी है। कोरोना का टीकाकरण अभियान सरकार चलायेगी ही। जब केंद्र सरकार पूरे देशवासियों को मुफ्त में टीका देगी तो राज्यों का इससे कोई मतलब ही नहीं है। फिर इसे चुनावों में भुनाने की कोई जरूरत नहीं, लेकिन बीजेपी ऐसा कर रही है।
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