Wednesday - 10 January 2024 - 6:33 AM

यूपी में राष्ट्रीय राशन पोर्टेबिलिटी लागू, मजदूरों को मिली राहत

न्यूज़ डेस्क

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन में दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों, श्रमिकों और दिहाड़ी मजदूरों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने 1 मई से प्रदेश में राष्ट्रीय राशन पोटेबिलिटी लागू करने का फैसला लिया है।

केंद्र सरकार की वन नेशन, वन कार्ड योजना के तहत राष्ट्रीय राशन पोर्टबिलिटी की शुरुआत होने के बाद उत्तर प्रदेश का कोई लाभार्थी अन्य राज्य से और अन्य राज्य का कोई भी लाभार्थी उत्तर प्रदेश से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत बने किसी भी राशन कार्ड की राशन संख्या मात्र बताकर राशन ले सकता है। यह सुविधा आधार आधारित वितरण एवं पिछले 6 माह से सक्रिय राशन कार्डों पर ही होगी।

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फ़िलहाल उत्तर प्रदेश सहित आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा, बिहार, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दादरा नगर हवेली के लाभार्थी आपस में राशन पोर्टबिलिटी का लाभ उठा सकेंगे। प्रवासी मज़दूरों को इस योजना का विशेष लाभ मिलेगा।

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प्रदेश स्तर पर राशन पोटेबिलिटी पहले से लागू है। अप्रैल में करीब 7.07 लाख राशन कार्ड धारकों ने इस सुविधा का लाभ उठाया। प्रदेश में इस सुविधा का सर्वाधिक लाभ गौतम बुद्ध नगर में 11.50 प्रतिशत और उसके बाद लखनऊ में 8.50 प्रतिशत लोगों ने उठाया।

प्रदेश में आज से राशन दुकानों से गेहूं और चावल का वितरण शुरू किया गया है। इसमें अन्त्योदय कार्डधारकों, श्रमिकों- मज़दूरों को वितरण नि:शुल्क किया जा रहा है।

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प्रदेश में अब तक क़रीब 3.8 लाख नए राशन कार्ड बनाए गए हैं ताकि मजदूर- नरेगा श्रमिक तथा अन्य ज़रूरतमंद को राशन मिल सके। कोई भी लाभार्थी केवल अपना राशन कार्ड संख्या बताकर किसी भी राशन दुकान से राशन ले सकता है।

क्या है ‘एक देश, एक राशन कार्ड’ योजना

‘एक देश, एक राशन कार्ड’ मोदी सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है, जिसके तहत पूरे देश में पीडीएस धारकों को देश के किसी भी कोने में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से उनके हिस्से का राशन मिल सकेगा।

इस योजना के तहत पीडीएस के लाभार्थियों की पहचान उनके आधार कार्ड पर PoS डिवाइस से की जाएगी। केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत देशभर में 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को सस्ते दामों पर खाद्यान मुहैया करवाती है।

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