Friday - 5 January 2024 - 8:10 PM

UP : तीन दिन से भूखा था, पैदल चल रहा था और अब मौत ने लिया आगोश में

स्पेशल डेस्क

कोरोना का मामला लगातार बढ़ रहा है। देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 90 हजार के पार पहुंच गई और 2872 की जिदंगी कोरोना की वजह से खत्म हो गई है। ऐसे में सरकार लॉकडाउन-4 लगाने की तैयारी में है लेकिन यही लॉकडाउन को गरीबों को बेबस और लाचार कर रहा है।

आलम तो यह है कि प्रवासी मजदूर लगातर अपने घर लौटने के लिए बेचैन नजर आ रहे हैं। सरकार की अपील भी इन मजदूरों पर काम नहीं आ रही है। नतीजा यह रहा कि मजदूर पैदल सफर कर अपने घर लौटना चाहता है लेकिन इस दौरान सडक़ हादसे में उसकी जान तक चली जा रही है जबकि कुछ लोग भूख की वजह से दम तोडऩे पर मजबूर है।

जैसे-जैसे कोरोना खतरनाक हो रहा है, वैसे-वैसे मजदूरों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। उत्तर प्रदेश के कन्नौज में भूख से एक मजदूर ने सडक़ पर भी दम तोड़ दिया है। जानकारी के मुताबिक चिलचिलाती घूप और प्रचंड गर्मी में भूखे पेट पैदल चलने पर एक मजदूर को मौत ने अपनी आगोश में ले लिया है।

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बताया जा रहा है कि यह मजदूर तीन दिन से कुछ भी नहीं खाया था। लॉकडाउन में उसका सबकुछ खत्म हो गया था और उसके पास कोई काम नहीं था। इस वजह से अपने घर लौटने पर मजबूर हुआ।

ट्रक से 14 मई को किसी तरह से कन्नौज पहुंचा लेकिन हरदोई पहुंचने के लिए उसे पैदल चलने पर मजबूर होना पड़ा। इस दौरान उसके साथी आगे तो निकल गए और यह अकेले पड़ लेकिन भूख से इसकी जान जा रही थी। इस वजह से वाणिज्य कर भवन के पास बैठ गया लेकिन वहीं पर उसका दम निकल गया है।

प्रशासन को जब पूरी घटना की जानकारी हुई तो फौरन हरकत में आना पड़ा। आनन-फानन में एसडीएम के साथ सीओ सिटी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। इस पूरी घटना पर एसडीएम सदर शैलेश कुमार का बयान भी सामने आ रहा है।

उन्होंने कहा कि मजदूर 14 मई को मुंबई से अपने कुछ साथियों के साथ ट्रक द्वारा हरदोई के लिए निकला था। बिस्कुट और पानी के सहारे मुंबई से कन्नौज तक का सफर तय किया। किसी प्रकार कोई बीमारी की बात सामने नहीं आ रही है।

कुल मिलाकर कोरोना और लॉकडाउन ने गरीबों की जिदंगी और खतरे में डाल दिया है। हर दिन कोई न कोई प्रवासी मजदूर बेबस और लाचारी में अपनी जान गवां रहा है। आलम तो यह है कि सरकार की मदद भी ऐसे लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है।

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