Thursday - 11 January 2024 - 12:49 AM

जानिए कैसा दबाव महसूस कर रही हैं कामकाजी महिलाएं

जुबिली न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली। भारत की करीब 50 प्रतिशत कामकाजी महिलाएं कोविड-19 महामारी की वजह से अधिक दबाव महसूस कर रही हैं। ऑनलाइन पेशेवर नेटवर्क लिंक्डइन के एक सर्वे में यह निष्कर्ष निकाला गया है। सर्वे में कहा गया है कि इस महामारी की वजह से देश की कामकाजी महिलाएं भावनात्मक रूप से प्रभावित हो रही हैं।

सर्वे में शामिल 47% महिलाओं ने कहा कि महामारी की वह से वे अधिक दबाव या बेचैनी महसूस कर रही हैं। वहीं पुरुषों की बात जाए, तो उनके लिए यह आंकड़ा कुछ कम है। 38% कामकाजी पुरुषों ने कहा कि महामारी की वजह से उनपर दबाव बढ़ा है।

ये भी पढ़े: …खुल सकते हैं उत्‍तर भारतियों के लिए रोजगार के द्वार

ये भी पढ़े: कंगना और ठाकरे की लड़ाई में हुई राज्यपाल की एंट्री

लिंक्डइन ने लिंक्डइन श्रमबल विश्वास सूचकांक का दसवां संस्करण जारी किया। ये सर्वे भारतीय श्रमबल के भरोसे को दर्शाता है। सर्वे 27 जुलाई से 23 अगस्त के बीच 2254 पेशेवरों में किया गया। इसमें देश की कामकाजी मांओं और कामकाजी महिलाओं पर महामारी के प्रभाव का आकलन किया गया है।

इसके अलावा सर्वे में स्वतंत्र रूप से काम करने वाले लोगों के व्यक्तिगत वित्त और करियर को लेकर संभावनाओं का भी आकलन किया गया है। सर्वे कहता है कि महामारी की वजह से बच्चों की देखभाल को लेकर भी चुनौतियां सामने आई हैं।

ये भी पढ़े: भगवान राम के खाते से निकाल लिए छह लाख रुपये

ये भी पढ़े: भाजपा नहीं शिवसेना कंगना की ज़्यादा हितैषी है

सर्वे में कहा गया है कि देश का कुल भरोसा धीरे- धीरे बढ़ रहा है। इसमें कहा गया है कि घर से काम यानी वर्क फ्रॉम होम की वजह से कामकाजी मांओं की दिक्कतें बढ़ी है। अभी तीन में से एक महिला (31%) पूरे समय बच्चों की देखभाल कर रही है।

वहीं सिर्फ पांच में से एक यानी 17% पुरुष ही पूरे समय बच्चों की देखभाल रहे हैं। सर्वे में कहा गया है कि पांच में से दो यानी 44% महिलाओं को अपने बच्चों की देखभाल के लिए कार्य के घंटों से आगे भी काम करना पड़ रहा है।

वहीं 25% पुरुषों को ऐसा करना पड़ रहा है। सर्वे के अनुसार पांच में से सिर्फ एक यानी 20% महिलाएं ही अपने बच्चों की देखभाल के लिए परिवार के सदस्यों या मित्रों पर निर्भर हैं। वहीं पुरुषों के मामले में यह आंकड़ा 32% का है।

करीब 46% महिलाओं ने कहा कि उन्हें देर तक काम करने की जरूरत पड़ रही है। वहीं 42% महिलाओं ने कहा कि बच्चों के घर पर होने की वजह से वे काम पर ध्यान नहीं दे पातीं।

फ्रीलांसर के रूप में काम करने वाले लोगों में से 25% ने कहा कि उन्हें आमदनी में बढ़ोतरी की उम्मीद है। 27% ने कहा कि उनकी व्यक्तिगत बचत बढ़ने की उम्मीद है। 31% ने कहा कि अगले छह माह के दौरान उन्हें अपने निवेश में वृद्धि की उम्मीद है।

ये भी पढ़े: भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर क्‍यों उठ रहे हैं सवाल

ये भी पढ़े: अगले 5 साल में 1.5 डिग्री बढ़ सकता है धरती का तापमान

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com