Thursday - 11 January 2024 - 8:09 PM

केरल : सोना घोटाले ने बढ़ाई सीएम विजयन की मुश्किलें

जुबिली न्यूज डेस्क

कोरोना महामारी के बीच एक घोटाले ने केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इस घोटाले की वजह से केरल की राजनीति में उथल-पुथल मचा हुआ है। विपक्ष हमलावर है और उसके सवालों का जवाब मुख्यमंत्री दे नहीं पा रहे हैं।

पांच जुलाई को केरल की राजनीति में भूचाल आ गया जब सोने की तस्करी के एक मामले का खुलासा हुआ। पड़ताल शुरु हुई तो इस घोटाले के तार राज्य के बड़े नेताओं से लेकर सरकारी अफसरों तक पहुंचने लगे। नेताओं और अधिकारियों का नाम आने से विपक्ष हमलावर हो गया। मामला तूल पकड़ता जा रहा है तो साथ में मुख्यमंत्री की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं।

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इस घोटाले में मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के प्रधान सचिव आईएस अधिकारी एम शिवशंकर का भी नाम आया है। जिसके बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री ने उन्हें पद से हटा दिया। मुख्यमंत्री विजयन के लिए यह मुश्किल समय है। सोना तस्करी मामले के तार सीधा उस विभाग से जुड़ते हैं जो उन्होंने संभाला हुआ है।

क्या है मामला

तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पांच जुलाई को कस्टम विभाग के अधिकारियों ने पहले से प्राप्त गुप्त सूचना के आधार पर यूएई से आया एक डिप्लोमेटिक सामान पकड़ा। विदेश मंत्रालय से अनुमति लेने के बाद यूएई वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों की मौजूदगी में जब उसे खोला गया तो उसमें घरेलू इस्तेमाल की कई चीजों में भरा हुआ 30 किलो सोना मिला। इसका मूल्य लगभग 15 करोड़ रुपए बताया जा रहा है।

मामले में ट्विस्ट तब आया जब अपने आप को वाणिज्य दूतावास का कर्मचारी बताकर उस सामान को लेने आए व्यक्ति सरित  कुमार को कस्टम विभाग ने पूछताछ के बाद हिरासत में ले लिया। पूछताछ में सरित ने बताया कि वो लगभग एक साल पहले तक वाणिज्य दूतावास में बतौर जन संपर्क अधिकारी काम करते थे, लेकिन अब वो दूतावास के कर्मचारी नहीं हैं। वो दुबई में भी काम कर चुके हैं।

सरित लगभग एक साल से हवाई अड्डे से इस तरह का सामान ले जा रहे थे। सरित ने बाद में विभाग को बताया कि उनकी एक सहयोगी केरल सरकार के आईटी विभाग की एक कर्मचारी है जिसका नाम स्वप्ना सुरेश है। सुरेश से पूछताछ करने के लिए जब विभाग हरकत में आया तो पता चला कि वो सामान खोले जाने के एक दिन पहले से लापता हैं।

कौन हैं स्वप्ना

स्वप्ना सुरेश की तलाश जारी है। उनका पूरा रिकॉर्ड सामने आने के बाद पता चला कि वो भी पहले यूएई के वाणिज्य दूतावास में एग्जीक्यूटिव सेक्रेटरी के पद पर काम करती थीं। वह भी पहले दुबई में रहती थीं। 2013 में उन्हें तिरुवनंतपुरम में हवाई अड्डे पर एक कंपनी में नौकरी मिली। वहां उन्होंने एक वरिष्ठ कर्मचारी के साथ मिलकर हवाई अड्डे के एक कर्मचारी के खिलाफ यौन शोषण की कम से कम 17 फर्जी शिकायतें दर्ज कराईं।

उस कर्मचारी ने इस बारे में पुलिस से शिकायत की और पूरी साजिश की जांच की मांग की। मामले में सुरेश को बतौर आरोपी नामित किया गया लेकिन बाद में जांच नतीजे तक नहीं पहुंची।

इस नौकरी के बाद स्वप्ना सुरेश को यूएई के वाणिज्य दूतावास में नौकरी मिल गई जहां उनका कई बड़ी हस्तियों के साथ उठना बैठना रहा। 2019 में किन्हीं कारणों की वजह से उन्हें इस नौकरी से निकाल दिया गया। नौकरीॉ से निकाले जाने और एक पुलिस केस में नामित होने के बावजूद, उन्हें किसी तरह से केरल सरकार के आईटी विभाग के एक उपक्रम में नौकरी मिल गई। यह विभाग खुद मुख्यमंत्री विजयन संभालते हैं और स्वप्ना की नियुक्ति के समय उनके प्रधान सचिव एम शिवशंकर इस उपक्रम के अध्यक्ष थे।

क्या कहना है विपक्ष का

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव एम शिवशंकर शिवशंकर ने बहुराष्ट्रीय कंपनी प्राइसवाटर हाउसकूपर्स के जरिए स्वप्ना के नाम की उस पद पर नियुक्ति के लिए अनुशंसा की थी। मीडिया में आई खबरों में दावा किया गया है कि स्वप्ना की घोषित शैक्षणिक योग्यता भी फर्जी है।

विपक्षी दल के नेताओं ने आरोप लगाया है कि यह सुनियोजित साजिश थी और शिवशंकर स्वप्ना से मिले हुए है। विपक्ष के नेताओं ने मुख्यमंत्री विजयन के इस्तीफे के भी मांग की है।

कांग्रेस नेता और विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। वहीं केरल बीजेपी अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने आरोप लगाया है कि इस साजिश में मुख्यमंत्री भी शामिल हैं, क्योंकि वो खुद स्वप्ना को पहले से जानते रहे हैं और मामले का पर्दाफाश होने के बाद स्वप्ना को बचाने की पहले कोशिश भी उनके दफ्तर से ही हुई।

हालांकि मुख्यमंत्री विजयन ने इन आरोपों का खंडन किया है लेकिन इस पूरे मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेने की मांग पर कुछ नहीं कहा है। उन्होंने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर मामले में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांच की मांग की है और कहा है कि राज्य सरकार जांच में पूरा सहयोग देगी।

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