Monday - 8 January 2024 - 7:13 PM

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर विवादों में, 365 साल पुरानी आस्था को लगी चोट

न्यूज़ डेस्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उस समय विवाद मच गया जब काशी विश्व नाथ मंदिर के नजदीक स्थित पूर्व महंत कुलपति तिवारी के आवास का पश्चिमी हिस्से की तरफ की दीवार गिर गई। दरअसल ये हादसा उस वक़्त हुआ जब एक जेसीबी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के तहत चल रहे काम के लिए महंत के मकान से लगे मकान को तोड़ रहा था।

बताया जा रहा है कि जब जेसीबी, चार मंजीला मकान को तोड़ रहा था तो सारा मलबा पूर्व महंत के आवास की पश्चिमी दीवार और कई कमरों को भी क्षतिग्रस्त कर गया। साथ ही इसकी जद में 365 वर्ष पुरानी वह रजत शिवाला और चांदी जड़ित पालकी भी आ गयी, जिसकी झांकी रंगभरी एकादशी के पर्व पर निकलती है। इससे उनकी आस्था को चोट लगी है।

हालांकि, सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पूर्व महंत के परिवार को नजदीक के ही एक गेस्ट हाउस में रहना पड़ा रहा है। लेकिन पूर्व महंत कुलपति तिवारी ने यह चेतावनी दे दी है कि अगर जल्द ही उनके मकान की मरम्मत करवा कर वापस नहीं किया जाता तो वे जल समाधि ले लेंगे।

चांदी का शिवाला हुआ क्षतिग्रस्त

गरिमत ये है कि इस दुर्घटना में किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। लेकिन इस मलबे में 365 वर्ष पुरानी आस्था और परंपरा को चोट लग गई। रंगभरी एकादशी पर्व से संबंधित पूर्व महंत के घर से निकलने वाली झांकी की चांदी जड़ित पालकी और लगभग दो सौ किलोग्राम का चांदी का शिवाला मलबे में नीचे दबकर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया।

इस बीच दुर्घटना के बाद आवास के दूसरे कमरे में शिव-पार्वती की रजत प्रतिमा को लोगों ने वहां से निकाल कर विश्वनाथ मंदिर में रखा दिया है।

वहीं, इस मामले में पूर्व महंत कुलपति तिवारी ने बताया कि इस तरह की घटना के बारे में मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था की होगी। बीते 16 दिसंबर 2019को ही मैंने अपने मकान को कॉरिडोर के लिए दे दिया था। इसके लिए बच्चों ने मुझसे आग्रह किया था। जबकि उक मकान के पश्चिमी हिस्से में स्थित एक मकान को मैंने बहुत पहले ही कॉरिडोर के लिए बेच दिया था।

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उन्होंने बताया कि इसी मकान में ही काम लगा हुआ था। इससे पहले भी मैंने कई बार जेसीबी मशीन चलाने पर रोका कि इसकी वजह से भविष्य में कोई दिक्कत आ सकती है। लेकिन कांट्रेक्टर भरोसा दिला देता कि आप जिस मकान में रह रहे हो वो सुरक्षित रहेगा। जबकि परसों ही बगल वाले मकान से मलबा आकर हमारी सीढ़ी की तरफ गिर गया था। लेकिन हम लोगों ने कुछ नहीं किया।

इसके बाद आज सुबह तेज आवाज के साथ बगल के मकान का मलबा गिर पड़ा। इसमें मेरे बेटा और बहू की बाल-बाल बचे। इस घटना में बगल में तोड़े जा रहे मकान का 4 मंजिल हिस्सा पूरी तरह से नेस्तनाबूद हो गया।

महंत बोले जल समाधि ले लेंगे

इस घटना पर पूर्व महंत ने किसी को सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं ठहराया। लेकिन ये जरुर कहा कि प्रशासन ने ठेकेदार को काम दिया तो यह प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है। मेरे भवन का जो भी हिस्सा है उसको प्रशासन सुरक्षित रखे और जो उनकी प्रतिमा है उसको लाकर मुझे।

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यही नहीं उन्होंने कहा कि बिना मेरी अनुमति के उनका भवन गिराया गया तो वे आत्महत्या कर लेंगे। उन्होंने अपनी स्वेच्छा से भवन कॉरिडोर को तो बेच दिया है। लेकिन उनकी अनुमति के बगैर उनका भवन गिराया जाता है तो वे गंगा में जाकर जल समाधि ले लेंगे।

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