Sunday - 7 January 2024 - 1:29 AM

कोरोना से 7 गुना खतरनाक महामारी आने का अनुमान…ले सकती है 5 करोड़ लोगों की जान

जुबिली न्यूज डेस्क 

कोरोना से 7 गुना खतरनाक महामारी आने का अनुमान लगाया जा रहा है। ब्रिटेन की वैक्सीन टास्कफोर्स के चीफ डेम केट बिंघम का कहना है कि अगली महामारी 5 करोड़ लोगों की जान ले सकती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने इस एंटीसिपेटेड महामारी को डिसीज X नाम दिया है।

वहीं, डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह महामारी कोविड-19 से 7 गुना ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है और जल्द ही फैल सकती है। यानी इसके मामले जल्द सामने आ सकते हैं। यह महामारी मौजूदा वायरस की वजह से ही फैलेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि वायरस तेजी से म्यूटेट हो रहे हैं।

म्यूटेशन का मतलब होता है कि किसी जीव के जेनेटिक मटेरियल में बदलाव। जब कोई वायरस खुद की लाखों कॉपी बनाता है और एक इंसान से दूसरे इंसान तक या जानवर से इंसान में जाता है तो हर कॉपी अलग होती है। कॉपी में यह अंतर बढ़ता जाता है। कुछ समय बाद एक नया स्ट्रेन सामने आता है। यह बहुत ही सामान्य प्रक्रिया है। वायरस अपना रूप बदलते रहते हैं। सीजनल इन्फ्लूएंजा तो हर साल नए रूप में सामने आता है।

पहले ही वैक्सीन बनाने पर काम शुरू

ब्रिटेन के साइंटिस्ट्स ने डिसीज X के आने से पहले ही इससे लड़ने के लिए वैक्सीन बनाना शुरू कर दिया है। इसके लिए 25 तरह के वायरस पर स्टडी की। साइंटिस्ट्स का फोकस जानवरों में पाए जाने वाले वायरस पर है। यानी वो वायरस जो जानवरों से इंसानों में फैल सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि क्लाइमेट चेंज की वजह से कई जानवर और जीव-जंतु रिहायशी इलाकों में रहने के लिए आ रहे हैं।

क्लाइमेट चेंज बीमारियां फैला रहा

इंसानों ने डेवलपमेंट के नाम पर जंगलों को काटकर यहां घर और इंडस्ट्रीज बना लीं। इस कारण हमारा जानवरों, मच्छरों, बैक्टीरिया, फंगस से संपर्क बढ़ गया है। दूसरी तरफ ये सभी जीव-जंतु खुद को बदलती क्लाइमेट कंडिशन्स के अनुकूल बना रहे हैं और हमारे वातावरण में ही रह रहे हैं। इनसे कई बीमारियां फैल रही हैं, जो हमारे जीवन के लिए खतरनाक हैं।

ये भी पढ़ें-आर्थिक तंगी से जूझ रहे नेपाल की मदद के लिए भारत और अमेरिका आगे आये

कंजर्वेशन इंटरनेशनल एनजीओ के फिजिशियन नील वोरा ने कहा- यह आने वाले समय की प्रॉब्लम नहीं है। क्लाइमेट चेंज अभी हो रहा है। लोगों पर इसका असर हो रहा है। वे मर रहे हैं। कई रिसर्च में सामने आया है कि जलवायु परिवर्तन से बीमारियां फैल रही हैं।

निचली और गर्म जगहों पर रहने वाले जानवर बढ़ते तापमान को झेल नहीं पा रहे हैं इसलिए ऊंची और ठंडी जगहों की तरफ माइग्रेट हो रहे हैं। इनके साथ बीमारियां भी उन इलाकों तक पहुंच रही हैं, जहां पहले नहीं थीं।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com