Monday - 22 January 2024 - 6:38 PM

2050 तक 970 करोड़ होगी दुनिया की जनसंख्या, भारत में होंंगे सबसे ज्‍यादा बुजुर्ग

न्यूज़ डेस्क

अभी तक चीन जनसंख्या के मामले में नंबर एक पर है लेकिन उसके सिर से ये ताज जल्द ही हटने वाला है। चीन ने इसमें कमी लाने के लिए कई तरह की योजनाएं शुरू की हैं लेकिन भारत में इस ओर कोई सख्त कदम अभी तक नहीं उठाया गया है। हाल ही में जनसंख्या वृद्धि पर संयुक्त राष्ट्र संघ की एक रिपोर्ट आई है, जिसमें भारत के लिए अच्छी खबर नहीं है।

इस रिपोर्ट के अनुसार, साल 2027 तक भारत के दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश के रूप में चीन से आगे निकलने का अनुमान है। इस मामले में भारत चीन को तक पीछे छोड़ देगा।

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की द वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉसपेक्ट्स रिपोर्ट के मुताबिक जनसंख्या के साथ ही लोगों की उम्र भी बढ़ रही है। 2050 तक हर 6 में से 1 व्यक्ति 65 साल के ऊपर की उम्र को होगा। यानी दुनिया की 16 फीसदी आबादी बुजुर्ग होगी। अभी 2019 में यह 11 फीसदी है। यानी हर 9 में से 1 आदमी बुजुर्ग है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बुजुर्गों की सबसे ज्‍याद संख्‍या भारत में होगी।

संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग के जनसंख्या खंड द्वारा प्रकाशित ‘द वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स 2019: हाईलाइट्स’ शीर्षक वाली अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले 30 सालों में दुनिया की आबादी दो अरब तक बढ़ कर मौजूदा 7.7 अरब से 2050 तक 9.7 अरब हो सकती है। भारत की जनसंख्या में 2050 तक 27.3 करोड़ की वृद्धि हो सकती है।

यह वैश्विक जनसांख्यकी पैटर्न और संभावनाओं का एक व्यापक परिदृश्य मुहैया कराती है। अध्ययन में कहा गया है कि दुनिया की आबादी मौजूदा सदी के अंत तक अपने शीर्ष पर पहुंच सकती है, जो लगभग 11 अरब के स्तर पर हो सकती है। नए आबादी अनुमान में संकेत दिया गया है कि अब से और 2050 के बीच अनुमानित वैश्विक जनसंख्या वृद्धि का आधा से अधिक नौ देशों में होगी।

इनमें भारत, नाईजीरिया, पाकिस्तान, कांगो, इथियोपिया, तंजानिया, इंडोनेशिया, मिस्र और अमेरिका शामिल हैं। इन देशों को अपेक्षित जनसंख्या वृद्धि के घटते क्रम में रखा गया है।

चीन में आ रही है कमी

एक तरफ कई देशों में जहाँ जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, वहीं चीन जैसे कुछ देशों में इसमें कमी आ रही है। रिपोर्ट के अनुसार 2010 के बाद से 27 देश ऐसे हैं जिनकी जनसंख्या में एक या इससे भी अधिक फीसदी की कमी आई है। यह गिरावट प्रजनन क्षमता के निम्न स्तर के कारण होती है।

यह कमी साल 2050 तक 55 देशों की आबादी में एक फीसदी या उससे अधिक की कमी आ सकती है। इनमें से 26 देशों की जनसंख्या में 10 फीसदी तक की कमी आ सकती है। उदाहरण के तौर पर चीन में इस समय अवधि में जनसंख्या में 3.14 करोड़ यानी 2.2 फीसदी कम होने का अनुमान है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कई देशों में प्रवास भी जनसंख्या में बदलाव का महत्वपूर्ण घटक है।

भारत के लिए स्थिति खतरनाक

वहीं, भारत जैसे देशों के लिए जनसँख्या में वृधि होना देश में भयावह स्थिति पैदा कर सकता है। ऐसी स्थिति बनी रही तो देश के लोग बुनियादी जरुरतों के लिए भी तरसने लगेंगे। जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार को कठोर कानून बनाना चाहिए क्योंकि उसके द्वारा जो योजनाएं चलाई जा रही है वो तभी सही रूप से प्रभावी हो पाएंगी जब जनसंख्या में कमी आएगी।

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