Thursday - 11 January 2024 - 5:35 PM

पीड़ित परिवार का नार्को टेस्‍ट क्‍यों कराना चाहती है योगी सरकार

जुबिली न्‍यूज डेस्‍क

उत्तर प्रदेश के चर्चित हाथरस केस में लगातार योगी सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं। विपक्ष से लेकर मीडिया तक सीएम योगी और पुलिस प्रशासन पर हमलावर हैं। इस बीच बीजेपी सरकार ने आरोपियों और पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ पीड़ित परिवार का भी नार्को टेस्ट कराने का फैसला किया है।

दूसरी ओर मृतका की भाभी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनका परिवार नार्को टेस्ट नहीं कराएगा, क्योंकि वह झूठ नहीं बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि डीएम और एसपी का नार्को टेस्ट करवाना चाहिए।

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हाथरस कांडः यूपी सरकार क्यों करवाना चाहती है पीड़ित परिवार का नार्को एनालिसिस टेस्ट? - hathras rape case investigation team family narco test gangrape accused police UP government ...

बता दें कि हाथरस मामले की एसआईटी जांच कर रही है। यूपी सरकार ने केस की जांच कर रही एसआईटी की पहली रिपोर्ट मिलने के बाद योगी सरकार ने आरोपियों, पीड़ित परिवार के सदस्यों और पुलिस जांच टीम के सभी कर्मियों का नार्को टेस्ट कराने का फैसला किया है।

SIT को शक है कि घटना की शुरुआत से ही कोई पीड़िता या पीड़ित परिवार पर गैंगरेप वाला बयान देने को उकसा रहा था। उत्तर प्रदेश पुलिस पॉलीग्राफ टेस्ट के ज़रिए ये जानना चाहती है कि आखिर शुरू से लेकर आखिर तक पूरी घटना का सिलसिलेवार सच क्या है।

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गौरतलब है कि AMU की मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है। इसके साथ ही पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी ये साफ नहीं हो सका कि पीड़िता से गैंगरेप किया गया था। मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान युवती के तीन बार बयान हुए। युवती ने पहले मारपीट, फिर छेड़छाड़ व उसके बाद रेप की बात कही थी। यही वजह है कि योगी सरकार ने पुलिसकर्मियों के साथ परिवार के लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट और नार्को टेस्ट करवाने की बात की है।

Hathras rape case: Under fire, UP Govt suspends SP, orders narco test of accused, victim families | India News,The Indian Express

वहीं, पुलिस अफसरों का कहना है कि उपचार के दौरान युवती के तीन बार बयान दर्ज हुए। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, पहली बार में युवती ने रेप से जुड़ा कोई बयान नहीं दिया था। उसके बाद 19 सितंबर को दर्ज हुए बयान में कहा कि मेरे साथ छेड़छाड़ हुई है।

इसी बयान के आधार पर पुलिस ने धारा बदलकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी थी। उसके बाद 22 सितंबर को दर्ज हुए बयान में पीड़िता ने कहा था कि उसके साथ रेप हुआ है। नए बयान के आधार पर पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

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एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने हाथरस रेप केस में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पीडिता के परिवार सहित सभी स्टेकहोल्डर पर नार्को या पॉलीग्राफ टेस्ट कराये जाने के आदेश को पूरी तरह अवैधानिक बताया है।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सेल्वी एवं अन्य बनाम कर्नाटक राज्य में यह आदेश दिया था कि किसी भी व्यक्ति को जबरदस्ती इनमे से किसी भी तकनीकी से गुजरने को बाध्य नहीं किया जायेगा, चाहे वह आपराधिक मुक़दमा हो या कोई अन्य मामला। किसी व्यक्ति की सहमति के बिना ऐसे टेस्ट कराना उस व्यक्ति की निजता के मौलिक अधिकार का हनन होगा। मात्र संबंधित व्यक्ति की स्वैच्छिक सहमति से यह टेस्ट करवाया जा सकता है।

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नूतन ने कहा कि इस स्पष्ट विधिक व्यवस्था के बाद भी एकतरफा इस प्रकार के आदेश देने से साफ़ दिखता है कि राज्य सरकार कानून के परे काम कर रही है और सरकार में बैठे लोगों का देश की संवैधानिक व्यवस्था में कोई विश्वास नहीं है। नूतन ने कहा कि यह स्थिति दुभाग्यपूर्ण है, वे उस तथ्य को इस प्रकरण में लंबित जनहित याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट के सामने रखेंगी।

Hathras case: Victim's family likely to undergo narco test; UP cops seize phones of kin - INDIA - GENERAL | Kerala Kaumudi Online

क्या है नार्को एनालिसिस टेस्ट?

नार्को एनालिसिस टेस्ट में व्यक्ति के शरीर में एक केमिकल इंजेक्शन के द्वारा डाला जाता है। व्यक्ति के शरीर की नसों में जाते ही यह केमिकल अपनी प्रतिक्रिया दिखाने लगता है। जिसका परिणाम व्यक्ति गहरी नींद में जाने लगता है, जिसको नीमबेहोशी की हालत भी कहा जा सकता है।

इस हालत में व्यक्ति को न तो पूरी बेहोशी ही आती है और न ही वह पूरे होश में रहता है। इस दौरान साइंटिस्ट और डॉक्टर जांच एजेंसी द्वारा दिए गए सवाल पूछते हैं और व्यक्ति से सच जानने की कोशिश करते हैं।

Cops outside toilets of victim's home': Hathras off limits, family off the grid - india news - Hindustan Times

क्‍या है पूरी घटना

घटना के अनुसार, 14 सितंबर की सुबह गांव चंदपा की युवती अपनी मां के साथ खेत पर गई थी। वह खेत में घास काट रही थी। इसी बीच एक युवक वहां आ धमका और छेड़छाड़ करने लगा। युवती ने विरोध किया तो हमला बोल दिया। युवती के चिल्लाने पर उसकी मां आरोपी की तरफ दौड़ पड़ी। इतने में आरोपी मौका पाकर फरार हो गया था. घायल युवती को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया।

युवती के भाई ने करीब 10:30 बजे थाने पहुंचकर बताया कि उसकी बहन को गला दबाकर मारने का प्रयास किया गया। इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई। युवती की गंभीर हालत को देखते हुए उसको एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। जहां चिकित्सकों ने देखा कि युवती की कमर की एक हड्डी टूटी हुई है। इतना ही नहीं, दोनों पैर भी सही से काम नहीं कर रहे थे।

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